Sourav Ganguly और Virat Kohli के बयानों में काफी अंतर था और इस अंतर ने खूब सुर्खियां बटोरी (AFP फोटो)
विराट कोहली और सौरव गांगुली. हाल के दिनों में क्रिकेट से जुड़े दो सबसे चर्चित लोग. सौरव गांगुली की अगुवाई वाली BCCI ने कोहली से टीम इंडिया की वनडे कप्तानी छीन ली. और इस फैसले पर कई सवाल भी उठे. कई लोग इस फैसले से सहमत थे तो कई लोगों ने इस पर आपत्ति जाहिर की. और आपत्ति जाहिर करने वालों में पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर भी शामिल हैं. वेंगसरकर ने कोहली को हटाए जाने के तरीके पर गुस्सा जाहिर किया है. वह BCCI प्रेसिडेंट सौरव गांगुली से खफा हैं. गौरतलब है कि कोहली से कप्तानी लेकर रोहित शर्मा को दी गई थी. और इस फैसले के बाद गांगुली ने दावा किया था कि उन्होंने विराट कोहली से T20 कप्तानी ना छोड़ने की अपील की थी. लेकिन गांगुली के इस बयान के बाद कोहली ने साफ कर दिया कि उन्हें किसी ने भी कप्तानी छोड़ने से नहीं रोका था. इस मामले पर वेंगसरकर ने कहा कि यह पूरा मामला दुर्भाग्यपूर्ण था. उन्होंने सेलेक्टर्स की ओर से बोलकर इस पूरे मामले की आग और भड़काने के लिए गांगुली को भी लताड़ा. वेंगसरकर ने खलीज टाइम्स से बात करते हुए कहा,
'यह पूरा मामला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगता है कि क्रिकेट बोर्ड द्वारा इसे और प्रफेशनली हैंडल किया जाना चाहिए था. बात ये है कि सेलेक्टर्स की जगह बोलना गांगुली का काम नहीं है. गांगुली BCCI के प्रेसिडेंट हैं. सेलेक्शन और कप्तानी के किसी भी मसले पर सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन को बोलना चाहिए.'
टीम इंडिया के पूर्व चीफ सेलेक्टर वेंगसरकर का यह भी मानना है कि BCCI के इस तरीके से विराट को बुरा लग सकता था. उन्होंने कहा,
'गांगुली ने पूरे मसले पर बात की. जाहिर तौर पर विराट अपना केस क्लियर करना चाहते थे. मेरा मानना है कि यह सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन और कप्तान के बीच होना चाहिए था. कोई भी कप्तान सेलेक्शन कमिटी के द्वारा चुना या हटाया जाता है, यह गांगुली का अधिकार क्षेत्र नहीं है. हां, अब चीजें बदल गई हैं. आपको कोहली का सम्मान करना होगा, उसने देश और इंडियन क्रिकेट के लिए बहुत कुछ दिया है. लेकिन इस लोगों ने उनके साथ जैसा व्यवहार किया, कोहली को निश्चित तौर पर बुरा लगा होगा.'
बता दें कि इस पूरे विवाद के बीच कोहली साउथ अफ्रीका पहुंच चुके हैं. जहां वह तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम इंडिया को लीड करेंगे.