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पैसों की कमी से जूझने वाली तसनीम कैसे बनी वर्ल्ड नंबर-1 शटलर?

कहानी वर्ल्ड नंबर वन बैडमिंटन प्लेयर की.

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वर्ल्ड नंबर वन तसनीम मीर.
16 साल की तसनीम मीर ने इतिहास रच दिया है. तसनीम ने वो कर दिखाया हे जो अब तक कोई भारतीय महिला बैडमिंटन प्लेयर नहीं कर पाई थी. तसनीम मीर जूनियर बैडमिंटन में दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी बन गई हैं. बताते चलें कि उन्होंने ये उपलब्धि बीते तीन साल में शानदार प्रदर्शन कर हासिल की है. उन्होंने इस बीच कई खिताब अपने नाम किए हैं, जिसमें एशियन जूनियर चैम्पियनशिप भी एक रहा. इससे पहले तसमीन की रैंकिंग विश्व नंबर दो थी. # तसनीम की कहानी वर्ल्ड नंबर वन की रैंकिंग पाने के बाद तसनीम ने इंडिया टुडे की जर्नलिस्ट गोपी से बात की, जिसमें उन्होंने अपने अगले मेडल पर बात करते हुए कहा,
‘मैं आज काफी खुश हूं क्योंकि जिन रोल मॉडल पीवी सिंधु, साइना नहवाल को मैं देखती आई थी, अब उसी मुकाम को हासिल करने के लिए आगे बढ़ रही हूं. मैं अब सीनियर प्लेयर के गेम पर फोकस कर रही हूं. उम्मीद है कि मैं अगले ओलंपिक में भारत के लिए मेडल लेकर आऊंगी.’
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए तसमीन ने कहा,
‘हारने के बाद कभी किसी को निराश नहीं होना चाहिए. मैं हार के बाद पहले काफी रोती थी. फिर और मेहनत करना शुरू किया और आज जीत के मुकाम पर पहुंच पायी हूं.  मैंने दिन के करीबन 6 से 7 घंटे प्रैक्टिस की है.’
एक दौर आया था जब तसमीन बैडमिंटन छोड़ना चाहती थीं. उन दिनों का ज़िक्र करते हुए तसमीन ने बताया,
‘एक समय ऐसा भी था जब मेरे पिता ने मेरा खेल बंद करवाने का सोच लिया था, लेकिन स्पॉन्सरशिप के बाद मेरा खेल फिर शुरू हुआ. और आज मैं इस मुकाम पर पहुंच पायी हूं.'
बताते चलें कि तसमीन ने छह साल की उम्र में बैंडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था. वो तीन साल गोपीचंद की एकेडमी से ट्रेनिंग ले चुकी है और अब गुवाहटी में ट्रेनिंग कर रही है. तसमीन अपने करियर में अब तक अलग अलग कैटेगरी में 22 बार चैम्पियन बन चुकी हैं.