भारतीय महिला क्रिकेट टीम 2 नवंबर को साउथ अफ्रीका (South Africa) को हराकर पहली बार ICC ट्रॉफी जीती. भारत ने इससे पहले दो बार वनडे वर्ल्ड कप (ODI World Cup) का फाइनल खेला था. 2005 और 2017 में. हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली. इस जीत के लिए भारत को काफी इंतजार करना पड़ा. इसी कारण अब इस जीत का जमकर जश्न मनाया जा रहा है. कई लोगों ने इस जीत की तुलना 1983 में पुरुष वर्ल्ड कप जीत से भी की. हालांकि उस जीत का हिस्सा रहे सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) इस तुलना के पक्ष में नहीं हैं.
2025 की विश्व कप जीत 1983 से भी बड़ी? तुलना करने वालों को गावस्कर की राय जान लेनी चाहिए
इस जीत के लिए भारत को काफी इंतजार करना पड़ा. इसी कारण अब इस जीत का जमकर जश्न मनाया जा रहा है. कई लोगों ने इस जीत की तुलना 1983 में पुरुष वर्ल्ड कप जीत से भी की. हालांकि उस जीत का हिस्सा रहे दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर इससे सहमत नहीं हैं.
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सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट्सस्टार के कॉलम में लिखा,
कुछ लोग इस जीत की तुलना 1983 में पुरुष टीम की वर्ल्ड कप जीतने से करने की कोशिश कर रहे थे. पुरुष टीम पहले के सीजन में कभी भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई थी, इसलिए नॉकआउट चरण से आगे सब कुछ उनके लिए नया था, जबकि महिलाओं का रिकॉर्ड पहले से ही बेहतर था. इस शानदार जीत से पहले वे दो बार फाइनल में पहुंच चुकी थीं.
उन्होंने आगे लिखा,
गावस्कर ने अमोल मजूमदार की तारीफ की1983 की जीत ने भारतीय क्रिकेट में नई जान फूंकी और उसे एक ऐसी आवाज़ दी, जो दुनिया भर में सुनी गई. उसी तरह यह जीत उन देशों को एहसास दिलाएगी जिन्होंने भारत से बहुत पहले महिला क्रिकेट की शुरुआत की थी. कि उनके वर्चस्व का दौर अब खत्म हो गया है. 1983 की जीत ने महत्वाकांक्षी क्रिकेटर्स के माता-पिता को भी अपने बच्चों को इस खेल में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया. आईपीएल ने इसे एक अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया, और यही वजह है कि आज की भारतीय पुरुष टीम में न केवल महानगरों से, बल्कि पूरे देश से खिलाड़ी शामिल हैं.
भारतीय टीम लीग राउंड में तीन करीबी मुकाबले हारी थी. इसके बाद उनका सेमीफाइनल में पहुंचना भी मुश्किल नजर आ रहा था. इसके बावजूद टीम इंडिया ने वापसी की और खिताब जीता. गावस्कर ने इसका श्रेय टीम के कोच अमोल मजूमदार को दिया. उन्होंने लिखा,
मुंबई क्रिकेट अपने 'खड़ूस रवैये' के लिए मशहूर है. कोच अमोल मजूमदार, जो मुंबई से हैं, ने इस पर गहरा प्रभाव डाला होगा. क्योंकि तीन करीबी मैच हारने के बाद जिस तरह से उन्होंने वापसी की, वह वाकई काबिले तारीफ है.
गावस्कर की ही तरह भारतीय स्पिनर अश्विन को भी यही लगता है कि भारत की यह जीत सबसे बड़ी है. अपने यूट्यूब चैनल पर उन्होंने इस जीत पर बात करते हुए कहा,
मैं सच में इसे हमारे जीते गए किसी भी अन्य वर्ल्ड कप की तुलना में अधिक बड़ी और विशाल उपलब्धि मानूंगा, क्योंकि यह लड़कियों को खेल खेलने और खेल को करियर विकल्प के रूप में देखने के लिए प्रेरित करता है.
अश्विन ने भारतीय टीम के सेलिब्रेशन की भी तारीफ की थी. उनका कहना था कि टीम ने सीनियर्स के साथ जीत सेलिब्रेट की और ऐसा बहुत कम होता है.
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