श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ऐसे खिलाड़ी हैं जो कि हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. अय्यर के दिल में जो भी हो, वो बोलने में जरा भी नहीं झिझकते. पिछले दो-तीन सालों में अय्यर ने कई उतार-चढ़ाव देखें हैं. इस बीच वो अपने बल्ले से कमाल करते रहे. ऐसे में जब उन्हें अपने उसी प्रदर्शन को लेकर बात करने का मौका मिला तो उन्होंने दिल खोलकर रख दिया. अय्यर ने यहां BCCI के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होेने को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया कि कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने के बाद उन्होंने खुद के सुधार के लिए क्या किया.
'मुझे यह साबित करना था कि...' सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने के बाद क्या था अय्यर का प्लान?
श्रेयस अय्यर को 2024 में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद अय्यर ने 2024 में मुंबई के लिए तीनों फॉर्मेट में घरेलू टूर्नामेंट खेले. इसमें उनका प्रदर्शन शानदार रहा.
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श्रेयस अय्यर को पिछले साल सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर किया गया था. अय्यर ने बताया कि इसके बाद उन्होंने खुद को बेहतर बनाने के लिए जमकर मेहनत की. एक कार्यक्रम में पहुंचे अय्यर ने कहा,
मैंने खुद से कहा कि एक रूटीन बनाता हूं. खुद में अनुशासन लाता हूं और घरेलू क्रिकेट खेलता हूं. मुझे यह साबित करना था कि मैं टीम इंडिया के लायक हूं.
अय्यर ने 2024 में मुंबई के लिए तीनों फॉर्मेट में घरेलू टूर्नामेंट खेले. इन टूर्नामेंट्स में अपने प्रदर्शन को लेकर अय्यर ने बताया,
शॉर्ट बॉल की कमजोरी पर क्या बोले श्रेयस अय्यरमैं मुंबई वापस गया, रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेली. सभी टूर्नामेंटों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनों ने चैंपियनशिप से पहले मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाया. फिर, मुझे इंग्लैंड के खिलाफ वनडे खेलने का मौका मिला. जहां मैंने तीन मैचों में 60 से ज़्यादा की औसत और 123 से ज़्यादा के स्ट्राइक रेट से दो अर्धशतकों के साथ 181 रन बनाए.
शॉर्ट बॉल को हमेशा से अय्यर की कमजोरी बताया गया. मीडिया और दिग्गजों ने बार-बार यह कहा कि अय्यर एक ही तरह की गेंद पर आउट हो जाते हैं और उसमें सुधार नहीं कर रहे हैं. अय्यर ने अपनी इस कमजोरी पर भी बात की. उन्होंने कहा,
पिछले दो सालों में, मेरे बारे में बातें होती रहीं कि मैं शॉर्ट बॉल नहीं खेल पाऊंगा. जब मैं वापस आया, तो मैं सबको गलत साबित करना चाहता था. मैंने खुद पर काम किया, मुश्किल गेंदबाज़ों के खिलाफ अभ्यास किया, और इससे मुझे आत्मविश्वास हासिल करने में मदद मिली.
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चैंपियंस ट्रॉफी के प्रदर्शन पर क्या बोले श्रेयस अय्यरअय्यर को इस मेहनत का फल चैंपियंस ट्रॉफी में मिला. उन्होंने इस टूर्नामेंट में पांच मुकाबले खेले थे जिसमें 48.60 के औसत से 243 रन बनाए. अय्यर भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. अपने इस प्रदर्शन पर अय्यर ने कहा,
चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान, मुझे शुरुआत में गेंद-दर-गेंद खेलना था, फिर गेंदबाजों के खिलाफ सोच-समझकर जोखिम उठाना था. दुबई में, हम 250-300 के स्कोर को जीतने लायक मान रहे थे. मेरी भूमिका टीम को उस स्कोर तक पहुंचाना और अपने गेंदबाजों पर भरोसा दिलाना था कि वे जरूरत पड़ने पर बचाव कर सकें या पीछा कर सकें.
श्रेयस अय्यर अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज में नजर आएंगे. उन्हें इस सीरीज के लिए उप-कप्तान बनाया गया है. पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने तीन पारियों में 59 रन बनाए थे. हालांकि इस समय वो शानदार फॉर्म में हैं. उन्होंने 53.00 के औसत से 93.59 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से चार अर्धशतक निकले.
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