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वो दिन, जब ऐसा कोई अखबार नहीं था जिसमें सचिन को भगवान नहीं कहा गया था

आज भी रवि शास्त्री की आवाज़ कानों में गूंजती है, "फर्स्ट मैन ऑन दी प्लेनेट".

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जब सबके भगवान बन गए सचिन रमेश तेंडुलकर (फोटो इंडियन एक्सप्रेस)
सचिन रमेश तेंडुलकर. अगर किसी को एवरेस्ट कहने से ये भाव आता है कि उस शख्स की ऊंचाई अल्टीमेट है, तो सचिन एवरेस्ट हैं. अगर सूरज कहने से उसकी चमक मोहरबंद होती है तो सचिन क्रिकेट की दुनिया के सूरज हैं. अगर सागर कह दो और उसकी विशालता प्रमाणित हो जाए, तो सचिन समंदर हैं. कहने का मतलब ये कि सचिन तेंडुलकर पर महानता के सारे प्रतीक फिट बैठते हैं.
ऐसा हो भी क्यों न? अपने 24 साल के इंटरनेशनल करियर में इस शख्स़ ने अनगिनत बार भारतीयों को ख़ुशी से चहकने की वजह दी है. उन अनगिनत बार में से एक बार की बात आज हम करेंगे जब अपने तेंडल्या ने वन डे क्रिकेट की दुनिया का बहुत बड़ा बैरियर पार किया था. यूं समझिए कि एक ऐसा गेट खोला था, जहां उनके बाद अब तक 6 बैट्समैन घुस चुके हैं.
दिन था 24 फ़रवरी 2010. जगह ग्वालियर. इंडिया के दौरे पर आई साउथ अफ्रीका के साथ दूसरा वन डे मैच. इस मैच को कोई भारतीय क्रिकेट प्रेमी भूल नहीं सकता. यही वो दिन है जब सचिन आसमान जितने ऊंचे हो गए थे. भारत ने पहले बैटिंग चुनी और स्कोर बोर्ड पर 401 रन टांग दिए. दिनेश कार्तिक ने 79 और धोनी ने 68 रन बनाए. लेकिन महफ़िल तो सचिन ने लूटी.
200 रन बनाने के लिए सचिन ने महज़ 147 गेंदें खेलीं.
200 रन बनाने के लिए सचिन ने महज़ 147 गेंदें खेलीं.


उस दिन सचिन ने वन डे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक मारा. दो सौ रन! अकेले खिलाड़ी के नाम. वन डे क्रिकेट शुरु होने के शुरुआती 39 सालों में जो कभी न हुआ वो हो चुका था. इन 200 रनों के साथ सचिन सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले क्रिकेटर्स की लिस्ट में चोटी पर जा बैठे. 13 साल पहले सईद अनवर का बनाया और एक साल पहले चार्ल्स कोवेंट्री का बराबर किया हुआ रिकॉर्ड तोड़ दिया. न सिर्फ उनके 194 रन पार किए, बल्कि दोहरे शतक का जादुई मुकाम भी छुआ.
आज भी वो मैच पूरा याद है. 46वां ओवर ख़त्म होने के बाद सचिन के 196 रन थे. वो सिर्फ एक शॉट दूर थे इतिहास बनाने के और 24 गेंदें पड़ी थी. लेकिन अगले तीन ओवर में सचिन के पास बहुत कम स्ट्राइक आई और फै़न्स के दिल की धड़कन तेज़ होती गई. जब 199 के स्कोर पर सचिन को स्ट्राइक मिली, आख़िरी ओवर की तीसरी गेंद थी.
चार्ल्स लैंगवेल्ट बोलिंग कर रहे थे. सचिन ने पॉइंट के पीछे सिंगल लिया. बस फिर क्या था! स्टेडियम में मौजूद हज़ारों और अपने ड्राइंग रूम में मैच देखते करोड़ों भारतीय नाचने लग गए. अद्भुत लम्हा था वो. आज भी कमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री की आवाज़ कानों में गूंजती है. "फर्स्ट मैन ऑन दी प्लेनेट". (ऐसा करने वाला इस ग्रह का पहला आदमी).
सचिन से समूचा हिंदुस्तान बेपनाह प्यार यूं ही नहीं करता.
सचिन से समूचा हिंदुस्तान बेपनाह प्यार यूं ही नहीं करता
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इस पारी से हकबकाई साउथ अफ्रीका की टीम फिर उबरी ही नहीं. जवाब में 248 रन पर ऑल आउट हो गई. भारत ने मैच 153 रन से जीता. एक बार 200 वाले मकान का गेट खुल गया तो फिर कई सारे मेहमान अंदर घुसने में कामयाब रहे. रोहित शर्मा तो तीन बार सैर कर आए. उनके अलावा विरेंदर सहवाग, क्रिस गेल, मार्टिन गप्टिल और फखर ज़मान ने भी इसमें एंट्री ली. 10 साल बाद सचिन इस लिस्ट में आठवें नंबर पर हैं. लेकिन दुनिया के पहले दोहरे शतकवीर होने का सम्मान हमेशा उन्हीं के नाम रहेगा.
अगले दिन हर अखबार, हर न्यूज़ चैनल ने सचिन का ज़िक्र क्रिकेट के भगवान के तौर पर किया. भले ही ये कितना ही घिसा-पिटा विशेषण हो, उस दिन इससे बेहतर कुछ नहीं था. इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने सचिन की बाहें फैलाई तस्वीर डाली और ऊपर सिर्फ एक शब्द लिखा, 'GOD'. इससे सटीक और क्या ही होता!


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