रणजी ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल मुंबई और विदर्भ के बीच खेला जा रहा है. और इससे पहले मुंबई के ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने इस टूर्नामेंट पर कुछ कॉमेंट्स किए थे. इन कॉमेंट्स को अब इंडियन सीनियर मेंस टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ का सपोर्ट भी मिला है.
शार्दुल की गुहार को मिली द्रविड़ की आवाज़, अब दर्द सुनेंगे जय शाह?
Ranji Trophy Schedule पर चर्चा बढ़ती जा रही है. शार्दुल ठाकुर ने हाल ही में इस पर सवाल उठाया था. और अब उन्हें टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ का भी सपोर्ट मिला है.

द्रविड़ का मानना है कि BCCI को प्लेयर्स का वर्क लोड मैनेज करने पर क़रीबी नज़र रखनी चाहिए. जिससे उनकी बेहतरी सुनिश्चित की जा सके. बीती जनवरी में शुरू हुआ रणजी ट्रॉफ़ी का सीज़न मिड मार्च में खत्म होगा. इस दौरान कई बार तीन दिन के गैप पर भी मैच खेले गए. और प्लेयर्स ने इस बात की आलोचना भी की थी. शार्दुल ने कहा था,
‘अगले साल BCCI को इस पर फिर से विचार करना होगा और मैचेज़ के बीच में ज्यादा ब्रेक देना होगा. सात से आठ साल पहले रणजी ट्रॉफी में पहले तीन मैचेज़ में तीन दिन का ब्रेक होता था. फिर चार दिन का ब्रेक होता था और फिर पांच दिन के ब्रेक के साथ नॉकआउट खेला जाता था.’
ठाकुर ने आगे कहा,
'इस साल हमने देखा कि सभी गेम्स तीन दिन के गैप में खेले गए हैं. उम्मीद करना कि फाइनल में पहुंचने पर टीम केवल तीन दिन के गैप के साथ लगातार दस गेम खेलेगी, ये घरेलू खिलाड़ियों के लिए बेहद कठिन है.'
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अब शार्दुल को द्रविड़ का सपोर्ट मिला है. इंग्लैंड के साथ खत्म हुई टेस्ट सीरीज़ के बाद द्रविड़ बोले,
'हमें प्लेयर्स की सुननी होगी क्योंकि वही इस कड़ी प्रोसेस से गुजरते हैं और अपने शरीर को दांव पर लगाते हैं. रणजी ट्रॉफ़ी लंबा सीजन होता है. और अगर आप इसमें दलीप और देवधर ट्रॉफ़ी भी जोड़ दें... बेस्ट प्लेयर्स जो भारतीय टीम में सेलेक्शन की कोशिशों में लगे हैं, इन्हें सबसे ज्यादा क्रिकेट खेलनी पड़ती है. यह कई लड़कों के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है.'
द्रविड़ ने BCCI से इस समस्या का समाधान खोजने की गुहार भी लगाई. उन्होंने कहा,
'BCCI को ज्यादा ब्रेक्स देने की जरूरत है.'
बता दें कि रणजी ट्रॉफ़ी को लेकर बोर्ड ने हाल में काफी गंभीरता दिखाई है. बोर्ड सेक्रेटरी जय शाह ने साफ कर दिया था कि सारे फ़िट प्लेयर्स, जो टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें रणजी ट्रॉफ़ी और अन्य डॉमेस्टिक मुकाबले खेलने ही होंगे. ऐसा ना करने वालों के खिलाफ़ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
और जय शाह ने कुछ ही दिन बाद दिखा दिया कि उन्होंने ये बात पूरी गंभीरता के साथ कही थी. जय ने लगातार कहे जाने के बावजूद रणजी ट्रॉफ़ी ना खेलने वाले श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से निकाल दिया. हालांकि ऐसा होने के बाद अय्यर मुंबई के लिए रणजी खेलने उतरे. लेकिन तब तक तो कॉन्ट्रैक्ट जा चुका था.
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