भारत की दो वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा रहे पीयूष चावला (Piyush Chawla) ने आज यानी 6 जून को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा (Piyush Chawla Retirement) कह दिया. 36 साल के स्पिनर ने एक इंस्टा पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी. साल 2006 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले चावला ने दिसंबर 2012 में भारतीय टीम की जर्सी में नजर आए थे.
दो बार के वर्ल्ड कप विनर पीयूष चावला ने क्रिकेट को कहा अलविदा
भारत की दो वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा रहे Piyush Chawla ने आज यानी 6 जून को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया. 36 साल के स्पिनर ने एक इंस्टा पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी दी.

लेग स्पिनर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर लिखा,
दो दशकों से भी अधिक वक्त तक क्रिकेट के मैदान पर सक्रिय रहने के बाद, अब वक्त आ गया है कि मैं इस खूबसूरत खेल को अलविदा कहूं. भारत के लिए टॉप लेवल पर खेलना, 2007 T20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जैसे ऐतिहासिक लम्हों का हिस्सा बनना... ये पूरी यात्रा मेरे लिए किसी सपने के सच होने से कम नहीं रही. इन पलों की यादें हमेशा मेरे दिल में जिंदा रहेंगी.
अब पीयूष चावला का पूरा क्रिकेट करियर कैसा रहा और वो चर्चा में कब आए, आइये जानते हैं. चावला का जन्म 24 दिसंबर 1988 को हुआ. शुरुआत से उनमें महान क्रिकेटर बनने का पूरा माद्दा था. जिसकी शुरुआत हुई थी साल 2005-06 की चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान. यूपी के एक 16-17 साल के लड़के ने सचिन तेंदुलकर को बोल्ड मार दिया. सचिन के बाद उसने इसी मैच में युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी को भी चलता कर दिया.
अंडर-19 के हीरोइसके बाद हुआ साल 2006 का अंडर-19 वर्ल्ड कप. पीयूष चावला नाम का यह लड़का, जो कई साल से अंडर-19 टीम इंडिया का हिस्सा था, भारत के लिए वर्ल्ड कप खेलने पहुंचा. इस वर्ल्ड कप ने क्रिकेट को कई सितारे दिए जिसमें आरोन फिंच, डेविड वॉर्नर, शाकिब अल हसन, मार्टिन गप्टिल, एंजेलो मैथ्यूज, सुनील नरेन, कीरन पोलार्ड, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, रविंद्र जडेजा और मनीष पांडेय जैसे दिग्गज शामिल हैं.
श्रीलंका में हुए इस वर्ल्ड कप का फाइनल 19 फरवरी 2006 को खेला गया था. इस फाइनल में भारत और पाकिस्तान पहुंचे थे. पहले बैटिंग करते हुए पाकिस्तान की टीम 109 के टोटल पर सिमट गई. पीयूष चावला ने इस मैच में 8.1 ओवर्स में सिर्फ आठ रन देकर चार विकेट लिए. 110 के टार्गेट को चेज करने उतरी भारतीय टीम ने सिर्फ 9 रन पर 6 विकेट गंवा दिए.
रविंद्र जडेजा के रूप में सातवां विकेट भी 23 के टोटल पर गिर गया. यहां से पीयूष चावला ने टेलेंडर्स... (आइरनी देखिए कि एक टेलेंडर, टेलेंडर्स के साथ मिलकर पारी आगे बढ़ा रहा है) के साथ मिलकर टीम को 71 के टोटल पर पहुंचाया. टीम 71 पर सिमटी जिसमें पीयूष ने सबसे ज्यादा नॉटआउट 25 रन बनाए.
टेस्ट डेब्यू का रिकॉर्डकट टू 9 मार्च 2006, मोहाली. राहुल द्रविड़ वाली इंडियन क्रिकेट टीम इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेलने उतरी. इस टीम में 17 साल, दो महीने और 16 दिन के पीयूष चावला भी खेलने उतरे. यहां उतरते ही चावला भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले दूसरे सबसे युवा क्रिकेटर बन गए. इनसे कम उम्र में सिर्फ सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला है. सचिन ने अपना पहला टेस्ट 16 साल, 6 महीने और 25 दिन की उम्र में खेला था.
अगले ही साल पीयूष पहला टी20 वर्ल्ड कप खेल रही टीम इंडिया का हिस्सा थे. भारत ने यह वर्ल्ड कप जीत भी लिया. इस तरह अपने डेब्यू के अगले ही साल पीयूष वर्ल्ड चैंपियन बन चुके थे. इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद आमतौर पर प्लेयर्स का करियर ऊपर जाता है, लेकिन पीयूष के साथ ऐसा नहीं हुआ.
पीयूष छिटपुट मैच खेलने के बाद बड़े लेवल पर एक बार फिर साल 2011 में चर्चा में आए. उन्हें एक और वर्ल्ड कप के लिए चुना गया. बताया गया कि धोनी को लगता है कि पीयूष उनके लकी मैस्कट हैं. इंडिया टुडे के मुताबिक़ उस वक्त एक पूर्व इंडियन क्रिकेटर ने कहा था,
IPL में कमालकैप्टन महेंद्र सिंह धोनी को लगता है कि चावला ने ICC वर्ल्ड T20 की स्क्वॉड में रहकर टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में मदद की थी. उन्हें लगता है कि वह टीम के लकी मैस्कट हैं.
उनकी ये बात सही भी साबित हुई. भारत ने यह वर्ल्ड कप भी जीता और पीयूष के खाते में आ गया एक और वर्ल्ड कप. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत से ही इसका हिस्सा रहे पीयूष ने कोलकाता नाइट राइ़डर्स को उनका दूसरा IPL जिताने में बड़ा रोल प्ले किया था. पीयूष ने साल 2014 में किंग्स XI पंजाब के खिलाफ हुए इस फाइनल में चौका मारकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी. इससे पहले 19वें ओवर में उन्होंने मिशेल जॉनसन की बॉल पर लंबा छक्का भी मारा था.
कैसा रहा इंटरनेशनल करियर?पीयूष चावला की बात करें तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए तीन टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले. टेस्ट में उनके नाम 7, वनडे में 32 और T20I में 4 विकेट रहे. वहीं, IPL की बात करें तो चावला ने यहां कमाल किया. 185 मुकाबलों में उनके नाम कुल 192 विकेट रहे. उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 2012 और 2014 में दो बार खिताब भी जीता.
वीडियो: पीयूष चावला: जिसने हर बार लोगों को चौंकाया लेकिन अब अपने टैलेंट से माफी मांग रहे होंगे