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धार्मिक झंडे का बवाल, भारत के नवदीप ने ऐसे जीता गोल्ड मेडल

पेरिस से पैरालंपिक्स में एक और गोल्ड मेडल आ गया है. भारत के नवदीप सिंह को एक बवाल के बाद जैवलिन का गोल्ड मेडल दिया गया. दरअसल गोल्ड जीतने वाले थ्रोअर ने सेलिब्रेशन में एक धार्मिक झंडा फहरा दिया था. और उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ा.

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ईरानी थ्रोअर हुआ डिस्क्वॉलिफ़ाई, नवदीप जीत गए गोल्ड (स्क्रीनग्रैब)

7 सितंबर 2024, शनिवार. आधी रात का वक्त. जब पूरी दुनिया सो रही थी. दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर, पेरिस में चार फ़ुट चार इंच के नवदीप का भाग्य जाग रहा था. पैरालंपिक्स के जैवलिन F41 इवेंट में नवदीप ने सिल्वर मेडल जीता था. लेकिन मेडल सेरेमनी का वक्त आया, तो पता चला कि ये गोल्ड में बदल गया है.

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इससे पहले, नवदीप ने अपने इवेंट में खराब शुरुआत की. उनका पहला ही प्रयास फ़ाउल हो गया. ये देख नवदीप के कोच ने उनको सुनाया भी. और ये सुनाना तुरंत ही काम आया. नवदीप ने अपने दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर की दूरी तय करते हुए दूसरे नंबर पर कब्जा कर लिया.

नवदीप यहीं नहीं रुके. उन्होंने अगले ही थ्रो में पैरालंपिक्स रिकॉर्ड तोड़ दिया. नवदीप का ये थ्रो 47.32 मीटर तक गया. ये नवदीप का पर्सनल बेस्ट भी है. नवदीप का चौथा थ्रो फिर से फ़ाउल रहा. जबकि पांचवें थ्रो में उन्होंने 46.05 मीटर की दूरी तय की. इनका छठा थ्रो फिर से फ़ाउल रहा.

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ईरान के थ्रोअर बेइत सदेग़ ने 47.64 मीटर की दूरी तय करके हुए नवदीप को पीछे छोड़ा. उन्होंने इस थ्रो के जरिए नया पैरालंपिक्स रिकॉर्ड भी बनाया. लेकिन मैच के बाद पता चला कि उन्हें डिस्क्वॉलिफ़ाई कर दिया गया. यानी उनके सारे थ्रो रिकॉर्ड से हटा दिए गए. और नवदीप को सोना देने का फैसला किया गया.

दरअसल सदेग़ ने थ्रो के दौरान एक फ़ाउल किया हुआ था. इसके लिए उन्हें पहले से येलो कार्ड मिला हुआ था. और फिर एक थ्रो के बाद उन्होंने अपने बैग से एक धार्मिक झंडा निकाला. नियमों में इसकी इज़ाज़त नहीं है. और ये उनका दूसरा फ़ाउल हो गया. जिसके बाद सदेग़ को रेड कार्ड दिखाया गया. इस बारे में पूर्व पैरा जैवलिन थ्रोअर और पैरालंपिक्स कमिटी ऑफ़ इंडिया (PCI) के प्रेसिडेंट देवेंद्र झाझरिया और नवदीप ने PCI से बात की. नवदीप बोले,

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'हम तीनों मेडल विनर्स सेरेमनी के लिए साथ बैठे थे. हम अपने मेडल्स का इंतजार कर रहे थे. थोड़ी देर बाद ऑफ़िशल अंदर आए और ईरानी थ्रोअर को रेड कार्ड दिखा दिया. किसी को आइडिया नहीं था कि ऐसा क्यों हो रहा है. उसे डिस्क्वॉलिफ़ाई क्यों किया जा रहा है. उन्होंने नियमों के खिलाफ़ कुछ किया होगा.'

नवदीप ने ये भी कहा कि ईरान के थ्रोअर ने अपने देश की जर्सी भी नहीं पहनी थी. वह बोले,

'कुछ भी क्लियर नहीं था. मुझे लगा कि उन्होंने कुछ गड़बड़ की होगी. उन्होंने अपने देश की ड्रेस का ऊपरी हिस्सा भी नहीं पहना हुआ था. मुझे लगा कि यही बात होगी. लेकिन इसका कारण कुछ और ही निकला.'

देवेंद्र झाझरिया ने इस मामले में कहा,

'IPC के कोड ऑफ़ कंडक्ट में वह अनुशासनहीन करार दिए गए हैं. क्योंकि यहां जो भी देश भाग लेते हैं, सबसे पहले उनका झंडा जाता है IPC के पास. आप उसी झंडे के अंडर गेम्स में भाग लेते हैं. उन्होंने अनुशासनहीनता की, इसलिए उन्हें डिस्क्वॉलिफ़ाई किया गया. सबको नियमों का पालन करना होता है. इन्होंने नहीं किया, इसलिए ये फैसला लिया गया.'

बता दें कि जैवलिन की F41 कैटेगरी में ये भारत का पहला गोल्ड मेडल है. 23 साल के नवदीप ने टोक्यो गेम्स में चौथे नंबर पर फ़िनिश किया था. पानीपत से आने वाले नवदीप दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर चुके हैं. उन्होंने 2017 में पहली पार जैवलिन में इंटरनेशनल मेडल जीता था. ये मेडल एशियन यूथ पैरा गेम्स में आया था.

नवदीप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर हैं. बेंगलुरु में ड्यूटी करने वाले नवदीप इसी साल जापान के कोबी में हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मेडल जीत चुके हैं. पेरिस में इन्होंने भारत को सातवां गोल्ड मेडल जिताया. भारत इस इवेंट में इस बरस सात गोल्ड, नौ सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज़ मेडल जीत चुका है. टीम इंडिया मेडल टैली में 18वें नंबर पर है.

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