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ट्रेन टिकट तक न मिला, जनरल कोच के टॉयलेट के पास बैठकर चैंपियनशिप खेलने पहुंचे यंग रेसलर्स

मामला 22 दिसंबर, 2025 का है. ओडिशा के 18 एथलीट नेशनल स्कूल रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जा रहे थे. इनमें 10 लड़के और 8 लड़कियां थीं. आरोप है कि इवेंट के लिए किसी ने इनका टिकट नहीं कराया. ये गए भी बिना सीट के और वापसी भी इनकी कुछ ऐसे ही हुई.

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ट्रेन में नीचे बैठकर सफर करते हुए बच्चे. (Photos-screengrab)

देश में राष्ट्रीय स्तर पर खेल और खिलाड़ियों की बदहाली को बयान करने वाला एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में कुछ छात्र पहलवान ट्रेन का सफर करते नजर आ रहे हैं. ये युवा एक रेसलिंग इवेंट में हिस्सा लेने जा रहे थे. लेकिन जिस हालत में ये रेसलर सफर कर रहे थे, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ठंड के मौसम में ट्रेन कोच के टॉयलेट के पास नीचे बैठे इन यंग एथलीट को पूछने वाला कोई नहीं था.

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मामला 22 दिसंबर, 2025 का है. ओडिशा के 18 एथलीट नेशनल स्कूल रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जा रहे थे. इनमें 10 लड़के और 8 लड़कियां थीं. आरोप है कि इवेंट के लिए किसी ने इनका टिकट नहीं कराया. ये गए भी बिना सीट के और वापसी भी इनकी कुछ ऐसे ही हुई. टिकट न होने के चलते सभी को जनरल डिब्बे में सफर करना पड़ा. वह ठंड से ठिठुर रहे थे और वॉशरूम के पास एक दूसरे से चिपके हुए बैठे नजर आए ताकि ठंड कम लगे. 

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वीडियो वायरल होने पर विपक्ष की ओर से भी रिएक्शन आया. कांग्रेस नेता नवज्योति पटनायक ने एक्स पर लिखा,

ओडिशा के 18 युवा रेसलर्स को कड़ाके की ठंड में ट्रेन के टॉयलेट के पास बैठने के लिए मजबूर किया जाना पूरे देश के लिए शर्मनाक है. ये खिलाड़ी उत्तर प्रदेश में होने वाली नेशनल स्कूल कुश्ती चैंपियनशिप में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने जा रहे थे. ये ओडिशा में बीजेपी सरकार का असली चेहरा है. खेलों को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई तैयारी नहीं. न पक्के टिकट, न बुनियादी सुविधाएं, और न ही युवा खिलाड़ियों के लिए कोई सम्मान. जब खिलाड़ियों के साथ ऐसा उदासीन रवैया अपनाया जाता है, तो फिर हम चैंपियन बनाने की बात कैसे कर सकते हैं?’

विपक्ष ने घेरना शुरू किया तो ओडिशा के स्कूल और जनसंचार शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंद ने मामले का संज्ञान लिया. इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा,

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मामले की जांच की जाएगी. जो भी इस चूक के लिए ज़िम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. हम इस घटना की जांच कर रहे हैं. हमें पता लगाना होगा कि गलती कहां हुई और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है.

इंडिया टुडे ने इस मामले पर ओडिशा के खेल मंत्रालय में भी संपर्क किया. सूत्रों के मुताबिक, विभाग ने इसकी ज़िम्मेदारी मंत्री नित्यानंद गोंद के विभाग पर डाल दी. खेल विभाग का कहना है कि उन्हें न तो खिलाड़ियों के ट्रेवल अरेंजमेंट्स की कोई जानकारी दी गई थी और न ही उन्हें यह पता था कि रेसलर्स नेशनल चैंपियनशिप के लिए गोरखपुर जा रहे हैं.

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