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5.5 करोड़ में बिकते ही प्लेयर बोला-'मां के इलाज के पैसे मिल गए...'

इस प्लेयर ने डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है.

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मुकेश कुमार (Courtesy: Twitter)

बिहार के गोपालगंज ज़िले का एक लड़का 23 दिसंबर की दोपहर में बांग्लादेश और इंडिया के बीच चल रहा दूसरा टेस्ट मैच देख रहा था. उसे एक फोन आया. फोन के दूसरी तरफ से उसके दोस्त ने बताया कि उसके नाम की पर्ची आई है. उसने तुरंत चैनल चेंज किया, और IPL ऑक्शन देखने लगा.

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20 लाख का बेस प्राइस. कोई न कोई तो खरीद ही लेगा, उसने सोचा था. पर आगे जो हुआ, वो नहीं सोचा था. बिडिंग वार में पहले चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स सामने आई. चेन्नई ने हाथ खींचे, तो पंजाब लड़ने उतर आई. पर दिल्ली ने मन बना लिया था, ये बॉलर तो चाहिए ही. और ऋषभ पंत की टीम ने इस प्लेयर को 5.5 करोड़ में खरीद लिया. यानी बेस प्राइस से लगभग 28 गुना!

29 साल के इस पेसर का नाम है मुकेश कुमार. मुकेश ने द कोट्स से बात करते हुए बताया,

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‘मैं साधारण बैकग्राउंड से आता हूं. ये पैसे मेरी मां के इलाज के लिए एक बैकअप ऑप्शन रहेंगे. उन्हें लंग इन्फेक्शन है. वो फिलहाल ठीक हैं, पर उन्हें कभी भी सर्जरी की जरूरत पड़ती है, तो ये पैसे काम आएंगे.’

मुकेश बंगाल के लिए खेलते हैं. उन्होंने हाल ही में इंडिया ए के लिए बांग्लादेश ए के खिलाफ 40 रन देकर छह विकेट छटके थे. ये उनके करियर का बेस्ट है. मुकेश की तारीफ पाकिस्तान के लेजेंडरी पेसर वकार यूनुस भी कर चुके हैं. दिल्ली के पेस अटैक में अनरिख नॉर्क्या, इशांत शर्मा, लुंगी एनगीडी और मुस्तफिज़ुर रहमान पहले से हैं. इस अटैक पर बात करते हुए मुकेश ने कहा,

‘मैं दिल्ली टीम का हिस्सा हूं और बहुत खुश हूं. दिल्ली के ड्रेसिंग रूम में कई क्वालिटी पेसर्स हैं और मैं इस कैंप को जॉइन करने के लिए उत्सुक हूं और मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.’

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डोमेस्टिक क्रिकेट और इंडिया ए के लिए पिछले एक साल में मुकेश ने कमाल का प्रदर्शन किया है. मुकेश इससे पहले भी दिल्ली कैपिटल्स टीम का हिस्सा थे. लेकिन उन्हें डेब्यू करने का मौका नहीं मिला था. मुकेश को हाल ही में भारतीय टीम में भी शामिल किया गया था.

# कौन हैं मुकेश कुमार?

मुकेश कुमार का जन्म 12 अक्टूबर 1993 को बिहार के गोपालगंज जिले में हुआ. वो शुरू से ही क्रिकेट खेलने में अच्छे थे और गोपालगंज की टीम से क्रिकेट खेला करते थे. हालांकि उस समय बिहार की रणजी टीम का दर्जा छीन लिया गया था, ऐसे में वो अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए अपने पापा के पास कोलकाता चले गए. जो वहां रहकर टैक्सी चलाते थे. मुकेश कोलकाता जाकर क्रिकेट खेलने लगे. धीरे-धीरे उनका सेलेक्शन बंगाल की टीम में हो गया और वो डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने लगे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार मुकेश के पिता ने ही उन्हें क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित किया. कोलकाता जाने के बाद मुकेश कुपोषण के शिकार पाए थे. जिसके बाद पूर्व भारतीय कप्तान और तब के CAB चीफ सौरव गांगुली ने ईडन गार्डन्स में उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की. और सपोर्ट मिलते ही ये गेंदबाज़ लाइमलाइट में आ गया.

मुकेश ने अक्टूबर 2015 में हरियाणा के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. वहीं दिसंबर 2015 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ लिस्ट-A और जनवरी 2016 में गुजरात के खिलाफ़ T20 डेब्यू किया. मुकेश ने अब तक कुल 33 फर्स्ट-क्लास मुकाबले खेले, जिसमें उनके नाम 123 विकेट हैं. वहीं मुकेश ने 24 लिस्ट-ए मैच में 26 विकेट हासिल किए हैं. इसके अलावा मुकेश ने 23 T20 मुकाबलों में 25 विकेट भी हासिल किए हैं.

मुकेश को क्रिकेट के लिए प्रेरित करने वाले उनके पिता तो अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन बिहार के एक छोटे से कस्बे से निकलकर मुकेश ने क्रिकेट में जिस तरह की पहचान बनाई है, वो वाकई प्रेरित करने वाली है.

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