The Lallantop

झारखंड को चैंपियन बनाने के पीछे धोनी का कमाल?

हरियाणा को हराकर Ishan Kishan की अगुवाई वाला झारखंड पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी चैंपियन बना. अब इसे लेकर JSCA के जॉइंट सेक्रेटरी Shabaz Nadeem ने बताया है कि टीम की इस जीत के पीछे MS Dhoni का भी बड़ा हाथ था.

Advertisement
post-main-image
ईशान किशन की अगुवाई में झारखंड ने पहली बार जीता सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का ख‍िताब. (फोटो-PTI)

झारखंड ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती. टीम ने भले ही ये ट्रॉफी महाराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम में जीती हो. लेकिन, इसकी नींव महीनों पहले ही रख दी गई थी. वो भी एक ऐसे इंसान की तरफ से, जो अब भारतीय टीम की जर्सी नहीं पहनता. फिर भी राज्य क्रिकेट में गहराई से बसा हुआ है. नाम है महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni).

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) के जॉइंट सेक्रेटरी शाहबाज नदीम (Shahbaz Nadeem) ने ऐसा खुलासा किया है, जो थला फैंस का दिल जीत लेगा. उन्होंने बताया कि 2024-25 सीजन से पहले झारखंड क्रिकेट के रिस्ट्रक्चर में हर कदम पर धोनी की सलाह ली गई थी. और इसी का नतीजा है कि राज्य की टीम ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का ख‍िताब जीता.

धोनी की परंपरा आगे बढ़ा रहे किशन

झारखंड ने हमेशा से ही बेहतरीन क्रिकेटर पैदा करने में अपनी क्षमता से ज़्यादा अच्छा करके दिखाया है. यह परंपरा ईशान किशन के ज़रिए जारी है. उन्होंने फाइनल में शानदार प्रदर्शन कर टीम को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई. उनके इस प्रदर्शन ने ही उन्हें अगले साल होने वाले T20 वर्ल्ड कप के लिए जगह दिला दी है. यानी किशन अब उसी रास्ते पर हैं, जिसे कभी राज्य के सबसे महान क्रिकेटर धोनी ने बनाया था.

Advertisement

हालांकि, धोनी ने 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. लेकिन, झारखंड क्रिकेट से उनका जुड़ाव बना हुआ है. जब 2024 में झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में प्रशासनिक बदलाव हुए, तो धोनी एक अहम सलाहकार बन गए. उनकी अगुवाई में ही अधिकारियों ने राज्य के लिए एक लॉन्ग-टर्म विज़न तैयार किया.

ये भी पढ़ें : रोहित-विराट वाले विजय हजारे ट्रॉफी के मैच क्यों नहीं हुए ब्रॉडकास्ट? अश्विन ने बताई पीछे की कहानी

नदीम ने धोनी को लेकर क्या बताया?

लंबे क्रिकेट करियर के बाद अब एडमिनिस्ट्रेटर बने नदीम ने कन्फर्म किया कि धोनी का इन्वॉल्वमेंट सिर्फ सिंबॉलिक गाइडेंस से कहीं ज़्यादा था. ESPNcricinfo से बात करते हुए उन्होंने बताया कि कोचिंग अपॉइंटमेंट्स और ओवरऑल प्लानिंग, जिसमें मेंस कोच रतन कुमार का सिलेक्शन भी शामिल था. उन सभी मामलों में धोनी से सलाह ली गई थी. उन्होंने बताया,

Advertisement

हमने जब सीज़न शुरू किया, कोचिंग स्टाफ की नियुक्ति से ही, हमने हमेशा धोनी की सलाह और सुझाव माने हैं. उन्होंने पूरा SMAT टूर्नामेंट फॉलो किया. खिलाड़ियों की ताकत और कमजोरियों को नोट किया और हमारे साथ चर्चा की.

धोनी की बारीकी से की गई देखरेख का ही नतीजा है कि झारखंड के लिए ये कैंपेन इतना शानदार रहा. टीम ने पहला ख‍ि‍ताब जीतने के सफर में अपने 11 में से 10 मुकाबले जीते. निडर और मॉडर्न T20 क्रिकेट खेला. किशन ने बतौर कप्तान पर आगे बढ़कर नेतृत्व किया. 10 पारियों में 197 के शानदार स्ट्राइक रेट से 517 रन बनाए और पूरे टूर्नामेंट में टीम के लिए लय बनाए रखी. युवा बैटर कुमार कुशाग्र एक भरोसेमंद फिनिशर के तौर पर उभरे. वहीं, अनुकूल रॉय के लिए भी ये टूर्नामेंट यादगार रहा. उन्होंने 303 रन बनाए और 19 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने. 

धोनी ने कैसे झारखंड की मदद की? 

हरियाणा के खिलाफ फाइनल मैच झारखंड के आत्मविश्वास और तैयारी का सबसे स्पष्ट सबूत था. 262 रनों का बड़ा स्कोर बनाकर उन्होंने आसानी से जीत हासिल की. नदीम ने बताया कि उस सफलता के पीछे धोनी की मौजूदगी बहुत अहम रही. उन्होंने बताया,  

धोनी को झारखंड के हर डोमेस्टिक प्लेयर के स्टैट्स और नंबर्स पता हैं. उन्हें झारखंड क्रिकेट को आगे बढ़ाने में बहुत दिलचस्पी है.

झारखंड ने अब विजय हजारे ट्रॉफी का भी शानदार आगाज किया है. हालांकि, पहले मुकाबले में उन्हें कर्नाटक के ख‍िलाफ हार का सामना करना पड़ा. लेकिन, पहले बैटिंग करते हुए टीम ने 412 रन का शानदार टोटल खड़ा कर दिया था. इस दौरान ईशान किशन ने एक बार फिर शानदार बेटिंग की. उन्होंने महज 33 बॉल्स में सेंचुरी ठोक दी थी. 

वीडियो: दो साल से टीम से बाहर, फिर अचानक T20 World Cup टीम में कैसे चुने गए ईशान किशन?

Advertisement