महेंद्र सिंह धोनी. ये गलत हो ही नहीं सकते. ऐसा इनके फ़ैन्स मानते हैं. माही आर्मी किसी भी हाल में धोनी की गलती नहीं मानती. लेकिन इससे दुनिया को क्या फ़र्क पड़ता है. लोग तो गलत को गलत कहेंगे ही. और ऐसा कहने वालों में ICC के पूर्व अंपायर हैरेल हार्पर भी शामिल हो गए हैं.
धोनी की अपमानजनक हरकत पर ICC अंपायर की बात फ़ैन्स को गुस्सा करा देगी!
'कुछ लोग खेल से भी बड़े हैं.'
दरअसल हुआ कुछ यूं कि चेन्नई के कप्तान धोनी ने गुजरात के खिलाफ़ मैच में टाइम-वेस्ट करने के लिए अंपायर्स को बहस में उलझाया था. और इस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई. और ऐसा करने वाले तक़रीबन हर व्यक्ति को माही फ़ैन की खरी-खोटी सुननी पड़ी.
लेकिन इस बात से जरा भी चिंतित ना होते हुए, हार्पर ने धोनी की 'अपमानजनक' हरकत पर नाराज़गी जताई है. साथ ही उन्होंने यहां तक कह दिया कि शायद धोनी 'नियमों से ऊपर' हैं. बात CSKvsGT मैच में गुजरात की बैटिंग के 16वें ओवर से पहले की है.
धोनी के नेतृत्व में CSK प्लेयर्स ने अंपायर को घेर लिया. उस वक्त हार्दिक की टीम को जीत के लिए 30 गेंदों में 71 रन चाहिए थे. लेकिन धोनी किसी तरह का रिस्क लेने के पक्ष में नहीं थे. वह चाहते थे कि उनके प्रीमियम डेथ बोलर मतीशा पतिराना ही ये ओवर डालें. लेकिन अंपायर्स इस बात से सहमत नहीं थे.
उनका कहना था कि ये श्रीलंकन पेसर चार मिनट तक फील्ड से बाहर था. इसलिए नियमों के मुताबिक दोबारा बोलिंग के योग्य होने के लिए उन्हें इतना ही वक्त ग्राउंड पर बिताना होगा. और ऐसा देख धोनी ने चालाकी दिखाई और अपने प्लेयर्स के साथ अंपायर्स को घेर लिया. और पूरे चार मिनट तक अंपायर्स के साथ बहस करते रहे.
चार मिनट बीतते ही पतिराना बोलिंग के योग्य हो गए. लेकिन इस हरकत ने धोनी को सवालों के घेरे में ला दिया. पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी धोनी की इस हरकत से नाखुश थे. और अब हार्पर भी उनके साथ ही दिख रहे हैं. हार्पर ने साफ कहा कि ये हरकत निश्चित तौर पर स्पिरिट ऑफ क्रिकेट के खिलाफ़ थी.
हार्पर ने कहा कि धोनी वो ओवर किसी और बोलर से करा सकते थे. मिड डे से बात करते हुए हार्पर बोले,
'धोनी ने महत्वपूर्ण 16वें ओवर में अपने पसंदीदा बोलिंग ऑप्शन का इस्तेमाल करने के लिए टाइम वेस्ट किया. मैं इस निराशाजनक दृश्य से बस इतना ही निष्कर्ष निकाल पाया हूं. मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या ये है कि वहां स्पिरिट ऑफ क्रिकेट और अंपायर्स को जरा भी सम्मान नहीं मिला.
कैप्टन के पास बोलिंग ऑप्शन थे, लेकिन उन्हें इग्नोर किया गया. शायद, कुछ लोग नियम या इस मामले में स्पिरिट ऑफ क्रिकेट से बड़े हैं. यह देखना हमेशा ही निराशाजनक होता है कि कुछ लोग जीत के लिए किस हद तक चले जाते हैं.'
जाहिर है, हार्पर की बातों में वजन तो है लेकिन तला फ़ैन्स इन बातों को भी नहीं सुनेंगे. क्योंकि उनके लिए माही वो कप्तान हैं जिन्होंने अपनी टीम को जीत दिलाई. वो भी बिना कोई नियम तोड़े. क्या हुआ अगर इससे स्पिरिट ऑफ क्रिकेट जैसी अनदेखी सी चीज हर्ट हो गई तो.
अंततः माही सही ही होंगे, क्योंकि वो कैप्टन कूल हैं. भले ही वह बीच मैदान अंपायर्स से भिड़ने पहुंच जाएं, लेकिन वह कैप्टन कूल हैं. और भावुक होकर कई बार उनका भी दिमाग गर्म हो जाता है. उन्होंने क्रिकेट के लिए इतना कुछ किया है, तो उन्हें इतनी छूट तो मिलनी चाहिए. ख़ैर, तला फ़ैन्स की सोच बदल पाना तो संभव है नहीं, लेकिन सच रिपोर्ट करना तो हमारा काम ही है. और हम ये करते रहेंगे.
वीडियो: धोनी अंपायर की बहस पर ऑस्ट्रेलियन बोले अंपायरों ने गलत किया