पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) और टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir). दोनों के बीच झगड़े की कहानियां हालिया दिनों में खूब वायरल हुईं. हर किसी के मन में यही सवाल था कि दोनों क्रिकेटरों के बीच इस अदावत की शुरुआत कहां से हुई. इसका जवाब सीधे मनोज तिवारी ने दिया है. हमारे वीकली शो लल्लनटॉप बैठकी में मेहमान के तौर पर आए मनोज तिवारी ने इस झगड़े के पीछे की वजह बताई है.
गौतम गंभीर के पीछे क्यों पड़े हैं? मनोज तिवारी ने बताई 'मां-बहन की गाली' वाली बात
पूर्व क्रिकेटर Manoj Tiwari ने 2013 में आईपीएल मैच के दौरान हुई लड़ाई का किस्सा भी सुनाया. मनोज तिवारी के मुताबिक गंभीर लगातार उनकी बैटिंग पोजिशन चेंज कर रहे थे. और वो इसको लेकर अपसेट थे.
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मनोज तिवारी ने बताया कि 2015 रणजी मैच में झगड़े के पीछे की असल वजह गंभीर की खुन्नस थी. क्योंकि इससे पहले आईपीएल सीजन 2013 के एक मैच के दौरान उनकी गंभीर से भिड़ंत हो गई थी. मनोज तिवारी ने बताया,
वो पहले से ही भड़के हुए थे. क्योंकि इससे पहले KKR में मेरी उनसे लड़ाई हो चुकी थी. क्योंकि KKR में मेरा बैटिंग ऑर्डर लगातार नीचे जा रहा था.और उस समय भारतीय टीम में मेरी जगह पक्की नहीं हुई थी. मैं रेकनिंग में था. जो भी विदेशी टीम आती थी. उसके खिलाफ फ्रेंडली मैचेज में मुझे मौका मिलता था. ऐसे ही एक मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैं हाइएस्ट स्कोरर था. मैंने 129 रन बनाए थे. और उनका 105 रन था. उस मैच में भी वो भड़क गए. इनिंग्स खत्म हुई. उसके बाद फील्डिंग के लिए जाना था. मैं सन्सक्रीम लगा रहा था तो अचानक से वो भड़क गए. क्या कर रहा है तू चल जल्दी नीचे चल.
बातचीत के दौरान मनोज तिवारी ने 2013 में आईपीएल मैच के दौरान हुई लड़ाई का किस्सा भी सुनाया. मनोज तिवारी के मुताबिक गंभीर लगातार उनकी बैटिंग पोजिशन चेंज कर रहे थे. और वो इसको लेकर अपसेट थे. मनोज तिवारी ने आगे बताया,
इस अनबन के बाद से मैं अपसेट था. ईडन गार्डेन में एक मैच के दौरान इनिंग खत्म होने के बाद जैसे ही मैं वाशरूम में गया. वो पीछे से आ गए. और बोलने लगे तेरा ये एटीट्यूड नहीं चलेगा. तुझे ऐसा कर दूंगा कि तुझे कभी खिलाउंगा नहीं. वो सीनियर थे. मैं उनका रेस्पेक्ट करता था. लेकिन इस पर मैं भड़क गया. मैंने कहा कि गौती भाई ये नहीं चलेगा. फिर वसीम अकरम आ गए बीच में…तो उस दिन रुक गया. नहीं तो हाथापाई हो जाती.
मनोज तिवारी ने बताया कि ये चीज वहीं से कैरी फॉर्वर्ड हुई थी. और इसके चलते 2013 के बाद उनको KKR से रिलीज कर दिया गया. और फिर ऑक्शन में भी KKR ने उनकी ओर नहीं देखा.
2015 में रणजी ट्रॉफी (बंगाल बनाम दिल्ली-22-25 अक्टूबर 2015) में हुई लड़ाई के बारे में मनोज तिवारी ने बताया कि उनको काफी स्वेटिंग होती है. जिसके चलते उनके हैलमेट का कुशन भींग जाता है. जो कि रिमूवएबल होता है. ये मैच फिरोजशाह कोटला में था. मनोज तिवारी ने अपना हैलमेट ड्रेसिंग रूम के हैंगर पर रखा था. और कुशन को एक कुर्सी पर सूखने के लिए रखा था. कोटला में ड्रेसिंग रूम काफी ऊपर है. इसलिए प्लेयर्स बैटिंग के लिए पहले ही पवेलियन के पास आ जाते हैं. तिवारी ने बताया,
मैं अपना हैलमेट लेकर नीचे आ गया था. लेकिन मेरा कुशन वहां छूट गया. जब मैंने बैटिंग के लिए जाते वक्त हैलमेट लगाया तो वो ढीला आ रहा था. क्योंकि कुशन नहीं था. फिर मैंने एक एक्सट्रा प्लेयर को बोला मैं क्रीज पर पहुंचता हूं. तब तक तुम मेरा कुशन लेकर आओ.
मनोज तिवारी ने आगे बताया कि वो गार्ड लेने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन इस दौरान गौतम गंभीर को लगा कि वो टाइम वेस्ट कर रहे हैं. क्योंकि वो टी ब्रेक के बाद का सेशन था. और खेल में सिर्फ 40 मिनट का समय बचा था. मनोज तिवारी के मुताबिक,
जैसे ही मैंने लेग गार्ड लिया. वे स्लिप पर थे. स्लिप से उन्होंने गाली देने शुरू की. ऐसी गाली जिसके बारे में बताया नहीं जा सकता. मां बहन की गाली. और गाली मैंने कभी ली नहीं किसी से. फिर भी मैंने अपना टेंपर कंट्रोल करके बोला गौती भाई गाली क्यों दे रहे हो. गाली देते -देते उसने कहा शाम को मिल…मैं तुमको मारता हूं. फिर मैंने कहा शाम को क्यों अभी मार लो. आ जाओ. हो जाए. फिर थोड़े ना हाथ उठा सकता है वो. फिर अंपायर ने आकर बीच-बचाव किया.
मनोज तिवारी ने लल्लनटॉप बैठकी में ऐसे ही ढेर सारे किस्सों के बारे में बताया है. ये एपिसोड जल्द ही हमारे वेबसाइट और यूट्यूब पर अपलोड होगा.
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