भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव को ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर अब तक प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला है. भारत सीरीज गंवा चुकी है. अब सीरीज के आखिरी मैच में उन्हें मौका देने की मांग उठने लगी है. कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी पैरवी की है. चाहे अश्विन हों, वरुण एरॉन हो या फिर आकाश चोपड़ा, सभी ने कुलदीप को टीम में शामिल करने की वकालत की है.
पैरवी तो सब कर रहे, पर क्या अगले वनडे में कुलदीप को जगह देंगे गंभीर?
कुलदीप यादव को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम में चुना गया था. हालांकि पहले दोनों वनडे मैचों में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला.
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इस दौरे पर कॉमेंट्री कर रहे पूर्व तेज गेंदबाज वरुण एरॉन ने कहा कि कुलदीप को पहले ही मैच से टीम में शामिल किया जाना चाहिए था. उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स से कहा,
कुलदीप यादव को पहले मैच से ही मैदान पर आना चाहिए था. आपको एक बल्लेबाज़ की बलि देनी होगी. ज़ाहिर है, ऑस्ट्रेलिया में आप दो तेज़ गेंदबाज़ों के साथ नहीं खेल सकते. बस यही बात है. ऐसा करना नामुमकिन होगा. लेकिन कुलदीप ऐसे खिलाड़ी हैं जो आपको विकेट दिलाएंगे. वो उन रनों की भरपाई कर देंगे जो आपने नहीं बनाए. साथ ही, जैसे ही आपके पास एक बल्लेबाज़ कम होता है.
अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा,
मुझे लगता है कि आम तौर पर बल्लेबाज़ ज़्यादा ज़िम्मेदारी लेते हैं और ज़्यादा रन बनाने की कोशिश करते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि उनके पास पीछे की तरफ़ से उतनी मज़बूती नहीं है.
आखिरी वनडे सिडनी में खेला जाना है. आकाश चोपड़ा को लगता है कि स्पिन फ्रेंडली पिच पर कुलदीप को मौका मिल सकता है. उन्होंने कहा,
कुलदीप के सिडनी में खेलने की संभावना है. शायद थोड़ी स्पिन-फ्रेंडली पिच होगी. एक तेज़ गेंदबाज़ के लिए आसानी से आ सकती है. पहले दो वनडे मैचों में बल्लेबाज़ी के प्रदर्शन को देखते हुए, मुझे उम्मीद नहीं है कि टीम किसी गेंदबाज़ के लिए बल्लेबाज़ को बाहर करेगी. बहुत कम संभावना है.
पर्थ वनडे में कुलदीप यादव को नहीं खिलाया गया था. ऑस्ट्रेलिया ने पहले वनडे के बाद बदलाव करते हुए दूसरे मैच में एडम जंपा को प्लेइंग इलेवन में रखा था. इसका फायदा उन्हें हुआ. जंपा ने 4 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की जीत में अहम भूमिका निभाई और प्लेयर ऑफ द मैच रहे. कुलदीप के साथ लंबे तक खेल चुके अश्विन को भी लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के लिए कुलदीप घातक साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा,
अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर दोनों ने विकेट लिए, इसलिए हम उनके प्रयासों में कोई कमी नहीं देख सकते. लेकिन ज़रूरी है विकेट लेना. एडम ज़म्पा को ही देख लीजिए. उन्होंने चार विकेट लिए, और उनकी गेंद स्पिन भी करती है. जरा सोचिए, क्या कूपर कोनोली ने कभी कुलदीप का सामना किया है? मैथ्यू शॉर्ट, शायद कहीं-कहीं. एलेक्स कैरी ने उनका सामना किया है, लेकिन उन्हें संघर्ष करना पड़ा है. मिचेल ओवेन ने उनके खिलाफ बिल्कुल भी नहीं खेला है.
अब यह देखना होगा कि क्या गौतम गंभीर भी इन तर्कों से सहमत हैं. वह कुलदीप यादव को टीम में जगह देंगे या नहीं. कुलदीप यादव ने 113 वनडे में 181 विकेट लिए हैं.
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