1 जून 2008 और 29 मई 2022. लगभग 14 साल का अंतर. आर्थिक मंदी से निकलकर दुनिया कोविड की तरफ बढ़ चुकी है. लोगों ने बहुत कुछ देख लिया है. रॉजर फेडरर का दौर खत्म हो चुका है. सचिन तेंदुलकर रिटायर हो चुके है. लेकिन एक टीम के फ़ैन्स अभी तक नजरें बिछाकर बैठे है. राजस्थान रॉयल्स नाम की इस टीम के फ़ैन्स ने कैप्टन्स बदलते देखा, प्लेयर्स बदलते देखा. नए कप्तान आए, नए सुपरस्टार्स आए, पर नसीब नहीं बदला. किंग शेन वार्न की जगह कोई नहीं ले सका. 2008 की उस टीम में कोई ख़ास सुपरस्टार्स भी नहीं थे. बड़े नाम की बात करें तो राजस्थान रॉयल्स में शेन वाटसन, खुद वार्न, सोहैल तनवीर, और कामरान अकमल जैसे प्लेयर्स थे. इंडियन प्लेयर्स की बात करें तो टीम में मोहम्मद कैफ, रविन्द्र जडेजा और मुनाफ पटेल जैसे नाम थे.
शेन वॉर्न ने जब IPL2008 जीता, तब संजू सैमसन क्या कर रहे थे?
27 मई 2022 की शाम फाफ डु प्लेसी की RCB को हराने के बाद सैमसन ने बताया कि वो तब क्या कर रहे थें जब राजस्थान रॉयल्स IPL की पहली ट्रॉफी उठा रही थी.

क्या ये टीम टाइटल जीत सकती थी? शायद नहीं. लेकिन गिरते-पड़ते, चलते-चलाते इस टीम ने फाइनल तक का सफर तय कर लिया. जून की पहली तारीख. 2008 की वो शाम. डीवाई पाटिल स्टेडियम का मैदान. सामने चेन्नई सुपर किंग्स. महेन्द्र सिंह धोनी, सुरेश रैना, एल्बी मॉर्केल, मुथैया मुरलीधरन और मखाया एंटिनी जैसे सुपरस्टार्स से भरी ये टीम फेवरेट थी. पर क्रिकेट में अंडरडॉग-टू-हीरो स्टोरी हमने कई बार देखी है. एक बार फिर वही देखने को मिली. चेन्नई को 163 पर रोकने के बाद राजस्थान ने 164 का आंकड़ा छू लिया. और इस बात के पांच साल बाद एक 19 साल के मल्लू लड़के ने इस टीम के लिए अपना डेब्यू किया. तीन साल रॉयल्स के साथ रहने के बाद केरल का ये लड़का दिल्ली गया, और फिर 2018 में वापस आया.
नाम, संजू सैमसन. 19 साल के सैमसन ने अपनी स्ट्रोक खेलने की क्षमता से साबित कर दिया था कि वो इंडियन क्रिकेट में लंबी पारी खेलने उतरे हैं. पर उनकी कंसिस्टेंसी पर सवाल उठते रहे. 2018 के बाद से IPL के शुरुआती मैच में कई बार संजू ने दिखाया कि उनका बल्ला जब बोलता है, तब बाकि सारी आवाज़े दब जाती हैं. पर ऐसी पारियां रुक-रुककर आती रहीं.
2021 IPL सीजन में RR ने खराब प्रदर्शन किया. ऐसा नही था कि टीम ने अच्छे दिन नहीं देखे. 2013, 2015 और 2018 में टीम ने प्लेऑफ में क्वॉलिफाई भी किया. स्पॉट फिक्सिंग की वजह से बीच के दो साल टीम IPL से बैन भी रही. 2021 में टीम की कप्तानी सैमसन को दी गई. आठ टीम के टेबल में रॉयल्स सातवें स्थान पर थी. और इसमे रॉयल जैसा तो कुछ नहीं था. पर सैमसन पर भरोसा बना रहा. 2022 ऑक्शन में टीम ने अच्छी खरीदारी की. अच्छे प्लेयर्स को रिटेन भी किया. टीम मजबूत दिख रही थी.
सैमसन ने कई बार ये कहा है कि रॉयल्स के मालिक मनोज बडाले ने हमेशा टीम को एक परिवार की तरह रखा है. रॉयल्स ने ग्रुप स्टेज में ही दिखाया कि वो इस साल भरपाई करने उतरी है. प्लेऑफ तक पहुंचने के बाद टीम ने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ पहला क्वॉलिफायर गंवा दिया. एलिमिनेटर में रॉयल्स के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर थी. पर इस बार सैमसन की टीम तैयार थी. 13 साल की गलतियों से टीम बहुत कुछ सीख चुकी थी. और अब दोहराने का मन नहीं था.
राजस्थान ने बैंगलोर को सात विकेट से पीट दिया. फ़ैन्स का इंतजार खत्म हुआ. टीम ने 2008 के बाद पहली बार फाइनल में एंट्री की. इंतजार लंबा रहता है तो सुख और मीठा लगने लगता है. उम्मीद की लौ जल गई है. पिछली बार जब टीम फाइनल में थी तब वो केरल का लड़का एक 13 साल का बच्चा था, जिसने सपने देखना शुरू किया था. सपने, क्रिकेट पिच पर अपने मनपंसद शॉट्स लगाने के. सपने, नए रिकॉर्ड बनाने के.
27 मई 2022 की शाम फाफ डु प्लेसी की RCB को हराने के बाद सैमसन ने बताया कि जब राजस्थान रॉयल्स IPL की पहली ट्रॉफी उठा रही थी तब वो क्या कर रहे थे. संजू ने कहा,
'मैं एक U-16 टूर्नामेंट खेल रहा था. '
U-16 टूर्नामेंट अब दुनिया की सबसे बड़ी T20 लीग में तब्दील हो गया है. अब देखने की जगह सैमसन खेल रहे हैं. और 2008 के बाद से आस लगाए एक टीम के फ़ैन्स उनका साथ दे रहे होंगे. साथ कहीं किसी दुनिया में बैठे शेन वार्न भी उनकी ओर उम्मीद से देख रहे होंगे. अगर 29 की शाम राजस्थान के नाम रही, तो ये क्रिकेट के जादूगर वार्न के लिए सबसे कमाल की श्रद्धांजलि होगी.
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