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COA ने ऐसा क्या किया कि FIFA को इंडियन फुटबॉल पर बैन लगाना पड़ा!

सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन फुटबॉल को बचाने के लिए बनाई थी कमिटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स.

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इंडियन फुटबॉल टीम (फोटो - PTI)

AIFF यानी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन पर FIFA ने बैन लगा दिया है. FIFA बोले तो वर्ल्ड फुटबॉल को चलाने वाली संस्था. FIFA ने इंडियन फेडरेशन को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. और इसका कारण फेडरेशन में लम्बे समय से चल रही खींचतान है. इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट भी शामिल है.

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आपको याद होगा, फुटबॉल फेडरेशन में प्रफुल्ल पटेल के एकछत्र राज के खिलाफ फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरे बोर्ड को हटा दिया था. और नए संविधान के साथ चुनाव करवाने का आदेश दिया था. इसके लिए तीन सदस्यीय कमिटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA) का गठन भी किया गया था.

इस कमिटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अनिल दवे, पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर डॉ एस.वाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली शामिल थे. इनका काम अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक फुटबॉल फेडरेशन की देखभाल करना और चुनाव करवाने का था. अब सवाल ये होगा ना कि ये कमिटी फेडरेशन को सस्पेंशन से क्यों नहीं बचा पाई?

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# AIFF COA & Supreme Court

दरअसल, FIFA ने AIFF को नया संविधान बनाने के लिए 38 दिन का समय दिया था. यह संविधान 31 जुलाई तक तैयार होना था और चुनाव 15 सितंबर तक होने थे. संविधान के लिए COA ने काम भी किया था. 16 जुलाई को COA ने नया संविधान कोर्ट के आगे पेश कर दिया था.

इस पर AIFF यानी ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के कार्यकारी महासचिव सुनंदो धर ने कहा था,

'सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद संविधान का ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिया गया है. जो लोग भी इस पूरी प्रक्रिया से जुड़े थे, मैं उन सभी को बधाई देता हूं. हमने ये काम तेज़ी से किया है. नया संविधान जैसे ही लागू हो जाएगा, हम एक बार फिर इंडियन फुटबॉल को आगे बढ़ाने का काम शुरु कर देंगे.'

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इनके अलावा डॉ. कुरैशी ने भी इस पर बात की थी. उन्होंने बताया था कि नया संविधान बनाने के लिए स्टेट एसोसिएशन्स, FIFA, AFC, ISL और I-league क्लब्स से बातचीत की गई थी, उनके सुझाव लिए गए थे. डॉ. कुरैशी बोले,

‘'काफी विचार-विमर्श के बाद, हमने आखिरकार एक ड्राफ्ट संविधान तैयार कर लिया है जो AIFF को नेशनल स्पोर्ट्स कोड के दायरे में ले आएगा. साथ ही फीफा और AFC के सदस्य संघ के रूप में कुशलतापूर्वक कार्य करने में भी मदद करेगा. हमें विश्वास है कि इन बदलाव के साथ फेडरेशन अब इंडियन फुटबॉल को आगे ले जाने के लिए एक अच्छी स्थिति में होगा.' 

इस मामले पर पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली ने कहा था,

‘संविधान के ड्राफ्ट पर जितना काम किया गया है वह वास्तव में सराहनीय है, और मैं इसे पूरा करने में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं. हमें उम्मीद है कि इन नए बदलावों के साथ हमारे देश में फुटबॉल पहले से कहीं ज्यादा आगे बढ़ता रहेगा.'

# कैसे फंस गया AIFF? 

COA द्वारा पेश किया गया नया संविधान अभी तक कोर्ट से अप्रूव हुआ ही नहीं है. FIFA द्वारा दी गई 31 जुलाई की समय सीमा बीत चुकी है. इसके साथ बात इलेक्शन की करें, तो AIFF के पास 15 सितंबर तक का समय है. 28 अगस्त को AIFF नए अध्यक्ष के लिए चुनाव करने वाला है. लेकिन संविधान के बिना वो होना मुश्किल है.

FIFA, AIFF की इन्हीं बातों से परेशान है. इसके साथ जिस तरीके से अध्यक्ष के चुनाव करवाए जा रहे हैं, FIFA उसके भी खिलाफ है. दरअसल अभी के प्रस्तावों के मुताबिक AIFF 36 स्टेट फुटबॉल एसोसिएशन के रिप्रसेंटेटिव के साथ 36 प्रतिष्ठित पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों को भी वोटिंग राइट दे रहा था. और FIFA इसके खिलाफ़ है. 

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