लंबे समय से भारतीय क्रिकेट फैंस को 19 अक्टूबर का इंतजार था. इंतजार इसलिए क्योंकि इसी दिन रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) की टीम इंडिया की जर्सी में वापसी होने वाली थी. लेकिन, फैंस इस वापसी के लिए जितना बेताब थे, उतनी ही यह वापसी निराशाजनक रही. वनडे फॉर्मेट में किंग कहे जाने वाले विराट कोहली लगभग 7 महीने बाद वापसी करते हुए अपना खाता भी नहीं खोल सके. 13 साल में कोहली का ऐसा हाल कभी नहीं हुआ.
7 महीने बाद खेलने उतरे, खाता भी नहीं खोल पाए, कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार ये काम भी कर दिया
विराट कोहली का डक होना इसलिए निराशाजनक है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में उनका रिकॉर्ड शानदार है. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में 30 वनडे मैचों में 49.14 के औसत से 1327 रन बनाए हैं.
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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल के बाद विराट कोहली टीम इंडिया के जर्सी में नहीं दिखे थे. फैंस को कोहली को फिर से टीम इंडिया की जर्सी में देखने में 7 महीने लग गए. हालांकि, जिस उम्मीद के साथ फैंस कोहली का इंतजार कर रहे थे कोहली उसे पूरा नहीं कर सके.
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी का न्योता दिया. रोहित शर्मा अच्छी लय में नहीं दिख रहे थे. वो केवल 8 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद विराट कोहली बल्लेबाजी करने आए. कोहली ने 8 गेंदे खेलींं, लेकिन एक भी रन जोड़ नहीं सके. सातवां ओवर डालने मिचेल स्टार्क आए. स्टार्क की फुलर गेंद पर कोहली शॉट को ठीक तरह से टाइम नहीं कर सके. गेंद बल्ले के किनारे पर लगी. बैकवर्ड पॉइंट पर खड़े कॉनोली ने डाइव लगाकर शानदार कैच लपका. कोहली की ऑफ स्टंप की गेंद वाली कमजोरी फिर नजर आई. इसके लिए बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान उनकी काफी आलोचना हुई थी.
स्टार्क ने कोहली को डक करके बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया. इंग्लैंड के दिग्गज जेम्स एंडरसन के बाद केवल स्टार्क दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने विराट कोहली को दो बार बिना खाता खोले पवेलियन भेजा. विराट कोहली का इस तरह से आउट होना इसलिए भी निराशाजनक है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में उनका रिकॉर्ड शानदार है. ऑस्ट्रेलिया में अपनी 30 वनडे पारियों में कोहली कभी भी डक नहीं हुए थे. कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में 30 वनडे मैचों में 49.14 के औसत से 1327 रन बनाए हैं.
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मैच से पहले कोहली ने अपनी फिटनेस और क्रिकेट के प्रति प्यार को लेकर काफी बातें की थीं. रवि शास्त्री और एडम गिलक्रिस्ट से बात करते हुए उन्होंने कहा था,
सच कहूं तो, पिछले 15-20 सालों में मैंने जितना क्रिकेट खेला है, उसमें मैंने बिलकुल भी आराम नहीं किया है. मैंने पिछले 15 सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में, आईपीएल को मिलाकर, शायद सबसे ज़्यादा मैच खेले हैं. इसलिए, मेरे लिए यह बहुत ही रिफ्रेशिंग समय था. मैं पहले से कहीं ज़्यादा फिट, अगर ज़्यादा नहीं, तो उतना ही फिट महसूस कर रहा हूं.
अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा,
जब आपको पता होता है कि आप खेल सकते हैं, तो आप फ्रेश महसूस कर सकते हैं. मानसिक रूप से आपको पता होता है कि मैदान पर क्या करना है. बस शारीरिक तैयारी पर ध्यान देने की ज़रूरत है. इस स्तर पर, मुझे एहसास हुआ कि अगर मेरा शरीर फिट है. अगर मेरी रिफलेक्स ठीक है तो खेल के प्रति अवेयरनेस पहले से ही मौजूद है. मेरे शरीर को इसके साथ तालमेल बिठाना होगा.
विराट कोहली के पास अभी भी सीरीज के दो मैच बचे हुए हैं. अब उनपर बेहतर करने का और दबाव होगा. उनके 2027 वर्ल्ड कप खेलने की उम्मीदों के बने रहने के लिए जरूरी है कि वो बचे हुए मुकाबलों में बेहतर करे.
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