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इंडियन बोलर्स पर लगा अभिशाप तोड़ पाएंगे सिराज?

जो 10 साल में नहीं हुआ वो अब होगा?

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मोहम्मद सिराज.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी. जितना दमदार इस ट्रॉफी का नाम है, उतनी ही दमदार ये सीरीज़ भी है. क्योंकि इसमें भारत की टक्कर ऑस्ट्रेलिया से होती है. कोविड के बाद भारतीय टीम पहले दौरे पर ऑस्ट्रेलिया पहुंची है. लेकिन चीज़ें पूरी तरह से टीम इंडिया के मन-माफिक नहीं हो रही.
पहले तो रोहित आईपीएल में चोटिल हो गए. जिसकी वजह से उन्हें पहले दो टेस्ट गंवाने पड़े. इशांत का हाल तो इससे भी बुरा रहा, वो तो ऑस्ट्रेलिया पहुंच भी नहीं पाए. इसके बाद कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर घर जाना और सीरीज़ के बीच ही मोहम्मद शमी के हाथ में चोट लग जाना.
भारतीय टीम के लिए सीरीज़ के तीन मैच बाकी हैं. लेकिन मुसीबत कम होने का नाम ही नहीं ले रही. दूसरे टेस्ट के लिए टीम इंडिया ने अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान में दो ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें पहली बार भारतीय टेस्ट टीम कैप मिली है. पहला नाम है बल्लेबाज़ शुभमन गिल का और दूसरा नाम है तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज का.
शुभमन गिल पर बात बाद में करेंगे. लेकिन अभी बात करेंगे मोहम्मद सिराज की. हमें कुछ आंकड़ें मिले हैं. जो कि विदेशों में भारतीय गेंदबाज़ों को लेकर बहुत अच्छी बातें नहीं बताते.
सिराज ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अपना डेब्यू टेस्ट खेलने जा रहे हैं. लेकिन भारत के लिए डेब्यू करने वाले गेंदबाज़ों को पिछले 10 सालों में विदेशी ज़मीन रास नहीं आई है.
पिछले 10 सालों में जितने भी तेज़ गेंदबाज़ों ने विदेश में अपना डेब्यू किया. वो सभी गिने-चुने मैच खेलकर फिर कभी टीम के लिए खेलते नहीं दिखे. यानि कहा जाए तो घर की मिट्टी में शेर, विदेश की मट्टी को छूते ही ढेर हो गए.
2010 से 2018 के बीच पांच तेज़ गेंदबाज़ों ने विदेश में किया डेब्यू: साल 2010 से 2018 के बीच भारत के लिए कुल पांच तेज़ गेंदबाज़ों ने विदेशी पिच पर अपना डेब्यू किया. लेकिन उनमें से सिर्फ एक बुमराह ही ऐसे हैं, जो 2018 से 2020 तक खेल रहे हैं. बाकी जितने भी रहे सब आए और गए. बुमराह के अलावा बाकी के चारों गेंदबाज़ फिर कभी टीम इंडिया के लिए खेलते नहीं दिखे.
जयदेव उनादकट: साल 2010 में जयदेव उनादकट ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया. पोरबंदर से आने वाले इस गेंदबाज़ को डॉमेस्टिक में लगातार अच्छे प्रदर्शन की वजह से सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू करवाया गया. लेकिन उस मुकाबले में 26 ओवर गेंदबाज़ी करके भी उनादकट को कोई सफलता नहीं मिली.
इसके बाद तो वो कई बार आईपीएल में भी शानदार खेल दिखाकर गए. लेकिन विदेश में ऐसा डेब्यू हुआ कि मैनेजमेंट ने उन्हें फिर कभी टीम में नहीं बुलाया.
Praveen Kumar
प्रवीन कुमार.

प्रवीन कुमार: उनादकट के बाद चयनकर्ताओं ने प्रवीन कुमार को टेस्ट में डेब्यू करवाया. लेकिन लंबे वक्त से वनडे और टी20 के स्पेशलिस्ट बने प्रवीन कुमार का टेस्ट करियर बहुत ज़्यादा नहीं चला. किंगस्टन में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में छह विकेट निकालने के बाद प्रवीन कुमार सिर्फ पांच मैच ही खेल सके. सिर्फ 50 दिन के टेस्ट करियर के बाद वो भी कभी भारत के लिए फिर नज़र नहीं आए.
आर विनय कुमार: प्रवीन कुमार के बाद विदेश में डेब्यू करने वाले अगले गेंदबाज़ का नाम है आर विनय कुमार. विनय ने भी सिराज की तरह ऑस्ट्रेलिया में ही डेब्यू किया था. उन्हें पर्थ में खेले पहले मैच में सिर्फ एक विकेट मिला. लेकिन पहले मैच की असफलता ऐसी रही कि फिर वो कहां गुम हुए ये नहीं पता चला. 2012 में खेले इस इकलौते टेस्ट के बाद विनय फिर कभी भारत के लिए टेस्ट खेलते नहीं दिखे.
पंकज सिंह: इस लिस्ट में अगला नंबर है पंकज सिंह का. लंबे कद के पंकज उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्मे और राजस्थान के लिए खेले. डॉमेस्टिक क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें 2014 में साउथैम्पटन में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू का मौका मिला. डेब्यू मैच में पंकज ने 47 ओवर गेंदबाज़ी की लेकिन एक भी विकेट नहीं चटका पाए. उस मैच में भारत की हार हुई.
इसके बाद पंकज को कप्तान धोनी ने एक और मौका दिया. अगले मैनचेस्टर टेस्ट में उन्हें सिर्फ 2 विकेट मिले. इंग्लैंड में खेले इन दो मैचों के बाद पंकज को फिर कभी इंडिया खेलना का मौका नहीं मिला.
Jasprit Bumrah Virat Kohli 800
Indian Cricket Team Captain Virat Kohli के साथ Jasprit Bumrah. National Cricket Academy ने बुमराह को फिटनेस टेस्ट देने से मना कर दिया था.

जसप्रीत बुमराह: 2014 में पंकज सिंह के बाद अगले चार साल तक किसी भी तेज़ गेंदबाज़ को विदेश में डेब्यू नहीं करवाया गया. 2018 में जाकर विराट कोहली ने अपने सबसे सफल गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को विदेश में टेस्ट डेब्यू करवाया.
2018 में केपटाउन में बुमराह ने अपना पहला टेस्ट खेला. उस मैच में भारत 72 रनों से हारा लेकिन बुमराह ने चार विकेट निकाले और विरोधियों को जमकर परेशान किया. तब से अब तक जसप्रीत बुमराह ने कुल 15 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 70 विकेट अपने नाम किए हैं.
पिछले 10 सालों के आंकड़े बताते हैं कि बुमराह को छोड़ जितने भी तेज़ गेंदबाज़ों ने विदेश में पहला मैच खेला. उनका करियर बहुत लंबा नही रहा है.
अब 2018 के बाद पहली बार भारत का कोई गेंदबाज़ विदेश में डेब्यू करने जा रहा है. ऐसे में हम यही दुआ करेंगे कि डॉमेस्टिक क्रिकेट में धुंआ उड़ाने वाले सिराज टेस्ट में भी शानदार प्रदर्शन करें और भारत को सीरीज़ जिताने में अपना योगदान दें.

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