टिम पेन और ऋषभ पंत. फोटो: AP
चाय के बाद पारी के 55वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 142/5 था. 55वें ओवर की आखिरी गेंद आनी बाकी थी. अश्विन ने कैमरन ग्रीन को गेंद फेंकी. ग्रीन ने सीधा शॉट खेला लेकिन टिम पेन के साथ तालमेल की कमी रही. पहले थोड़ा हेसिटेशन और फिर दोनों रन के लिए दौड़ पड़े. उमेश यादव ने स्ट्राइकर्स एंड पर थ्रो फेंकी और ऋषभ पंत ने बेल्स उड़ा दी. पूरी टीम इंडिया विकेट का जश्न मनाने लगी. मैदानी अंपायर ने तुरंत तीसरे अंपायर को डिसीज़न के लिए इशारा दे दिया. लग रहा था कि पेन क्रीज़ से बाहर रह गए हैं. लंबे समय तक इस रन-आउट को बड़ी स्क्रीन पर देखा गया, एक बार नहीं बल्कि कई बार. क्योंकि ये कॉल बहुत ज़्यादा करीबी था. बहुत देर तक देखने के बाद अंपायर ने आखिरी फैसला नॉट-आउट करार दिया. इस फैसले से ना तो कप्तान रहाणे और ना ही इंडियन टीम खुश थी. क्योंकि एक एंगल से देखने पर पेन का बल्ला लाइन पर दिख रहा था. जबकि दूसरे एंगल से बल्ले की परछाई लाइन के पार दिख रही. मतलब की इस फैसले में बहुत ज़्यादा भ्रम था. इस डिसीज़न को नॉट-आउट दोने के बाद सोशल मीडिया पर इंडियन फैंस के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियन पूर्व क्रिकेटर शेन वॉर्न ने भी इस पर सवाल उठाए. वॉर्न ने ट्वीट किया और कहा,
''बहुत ज़्यादा हैरान हूं कि इस रन-आउट रीव्यू में टिम पेन बच गए ! मुझे लगता है कि उनके बल्ले का कोई भी हिस्सा लाइन के अंदर नहीं था. मेरे नज़रिये में तो ये आउट था.''
वॉर्न के ट्वीन को बहुत से इंडियन फैंस ने लाइक भी किया. ट्वटिर पर वॉर्न के अलावा आकाश चोपड़ा ने भी लिखा. उन्होंने कहा,
''ये आउट था, जेसन होल्डर ने सही कहा था. अगर खिलाड़ी इतने लंबे समय तक बायो-बबल में रह सकते हैं तो फिर अंपायरों के साथ भी ऐसा ही होना चाहिए.''
दरअसल आकाश चोपड़ा ने इस फैसले को खराब अंपायरिंग का नमूना बताया है. वॉर्न और चोपड़ा के अलावा, सोशल मीडिया पर फैंस ने भी इस फैसले पर चुटकी ली.
एक ट्विटर यूज़र ने लिखा,
'क्या आईसीसी के नए नियमों में बल्ले की परछाई भी बल्ला काउंट होती है.'
कुछ तो उमेश यादव की वाइड थ्रो और कुछ ऋषभ पंत का थोड़ा स्लो वर्क. जिसकी वजह से ये एक करीबी फैसला बना, और बल्लेबाज़ को 'बैनिफिट ऑफ डाउट' मिला. पेन इस जीवनदान का बहुत ज़्यादा फायदा नहीं उठा पाए. छह के स्कोर पर मिले जीवनदान के बाद पेन सिर्फ 13 रन बनाकर अश्विन की गेंद पर कैच आउट हो गए.