कभी जिम्बाब्वे क्रिकेट के पोस्टर ब्वॉय हेनरी ओलंगा इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं. 28 मई की रात वह ऑस्ट्रेलिया के चैनल 9 के रियलिटी सिंगिग शो 'द वॉइस लाइव' में दिखे. सिर्फ दिखे नहीं वे इस रियलिटी शो में 'दिस इस दी मोमेंट' की ऑडिशन में आए थे और जज ने उनके गाने की तारीफ भी की. जज के साथ ही सोशल मीडिया पर भी उनकी तारीफ हुई है. एक जज ने तो उन्हें पहचान भी लिया कि वह क्रिकेट प्लेयर रहे हैं. ओलंगा के गाने की तारीफ कई क्रिकेट खिलाड़ियों ने भी की है. ओलंगा ने रियलटी शो में आने को लेकर बताया-
बहुत लंबी जर्नी रही है. क्रिकेट से रिटायर हुए मुझे 15 साल हो चुके हैं. तानाशाह के खिलाफ आवाज उठाने के बाद मुझे देश छोड़ना पड़ा था. अब नए रास्ते के जरिए मैं खुद को खोज रहा हूं. इस दौरान में इंग्लैंड में घूमता रहा और पिछले कुछ सालों से ऑस्ट्रेलिया में हूं. मैं पहले भी मंच पर गा चुका हूं. क्रिकेट के साथ सिंगिंग में भी इंटरेस्ट रहा है. हाई स्कूल में गाने गाता था.
ओलंगा को ऑडिशन में चुन लिया गया है और अब वह 'द वॉइस लाइव' के अगले स्टेज में भी दिखेंगे.
ट्वीट देखिए.
ओलंगा जब जिम्बाब्वे क्रिकेट के पोस्टर ब्वॉय बन गए थे वर्ल्ड कप 1999. इंडिया वर्सेज जिम्बॉब्वे. इस मैच में ओलंगा ने 5 गेंदों के अंदर 3 विकेट झटक कर इंडिया के मुंह से मैच छीन लिया था. बल्कि यूं कहिए हलक में हाथ डाल कर मैच निकाल लिया था. इस हार से भारतीय समर्थक इतने हत्थे से उखड़े कि उन्होंने अपने खिलाड़ियों के पुतले जलाए. उनके घरों पर पत्थर फेंके. 253 रन का टार्गेट चेज़ करती इंडिया के एक वक़्त पर 175 रन पर 6 विकेट गिर चुके थे. वहां से रॉबिन सिंह और नयन मोंगिया ने मैच संभाला. मोंगिया के आउट होने के बाद भी रॉबिन सिंह डटे रहे. भारत मैच जीतने की कगार पर पहुंच चुका था. सिर्फ 9 रन चाहिए थे. 12 गेंदें बची थीं. 3 विकेट हाथ में थे. कप्तान एलिस्टर कैम्पबेल ने गेंद थमाई हेनरी ओलंगा के हाथ में. यही वो घातक ओवर था.
क्यों छोड़ना पड़ा अपना देश 2003 वर्ल्ड कप से जस्ट पहले जिम्बाब्वे में अराजकता चरम पर थी. वर्ल्ड कप के कुछ मैच जिम्बाब्वे में भी होने थे. कुछ देशों ने वहां खेलने से मना कर दिया. देश में मानवाधिकारों का हनन खुलकर हो रहा था. ऐसे में हेनरी ओलोंगा ने अपने विरोध को दर्ज कराने के लिए सबसे बड़ा स्टेज चुना. वर्ल्ड कप का मैच. अपने बाज़ू पर काली पट्टी बांध कर मैदान में उतरे. इसमें उनका साथ दिया एंडी फ्लावर ने. ज़ाहिर सी बात है इससे सरकार उनसे बुरी तरह खफ़ा हो गई. उन्हें अगले मैचों के लिए ड्रॉप किया गया. यही नहीं, उनको जान से मारने की धमकियां भी मिलने लगीं. ये 1968 में मैक्सिको ओलंपिक्स के बाद दूसरा मौका था जब किसी खेल के आयोजन में इस तरह से रोष जताया जा रहा हो. उस वक्त टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस ने काली पट्टियां बांधी थीं. उनके नाम एक वॉरंट निकाला गया. उनपर राजद्रोह का आरोप था. कुछ समय के लिए उन्हें छिप जाना पड़ा. फिर देश भी छोड़ना पड़ा. आखिर उन्होंने इंग्लैंड में शरण ली.
ओलंगा को गाते हुए सुनते जाइए. ओलंगा जिम्बाब्वे के पहले ब्लैक क्रिकेटर थे. 1998 से 2003 तक वे जिम्बाब्वे के टॉप बॉलर रहे. उन्होंने अपने करियर में 50 वन-डे मैच खेल 58 विकेट और 30 टेस्ट मैच 68 विकेट लिए थे.
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