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पूर्व क्रिकेटर दिलीप दोशी नहीं रहे, जावेद मियांदाद से जुड़ा उनका किस्सा आज भी वायरल है

Dilip Doshi No More: 70 के दशक में प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी की विरासत को आगे बढ़ाने का काम दिलीप दोशी ने किया. उन्होंने 32 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, साल था 1979. वह वेस्टइंडीज के दिग्गज गारफील्ड सोबर्स से भी काफी प्रभावित थे.

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BCCI ने भी दी श्रद्धांजलि. (फोटो- इंडिया टुडे/BCCI)

“ऐ दिलीप तेला लूम नंबर क्या है.” जावेद मियांदाद जिस बॉलर से यह सवाल पूछा करते थे, वह अब हमारे बीच में नहीं रहे. भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोशी (Dilip Doshi) का सोमवार 23 जून को दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया. वह 77 साल के थे और लंबे वक़्त से लंदन में रह रहे थे. दोशी उन 9 क्रिकेटरों में शामिल थे जिन्होंने अपने पहले टेस्ट में पांच विकेट लिए. हाल के दिनों में उन्हें BCCI अवॉर्ड फंक्शन और लॉर्ड्स में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में देखा गया था.

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70 के दशक में प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी की विरासत को आगे बढ़ाने का काम दिलीप दोशी ने किया. उन्होंने 32 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, साल था 1979. वह वेस्टइंडीज के दिग्गज गारफील्ड सोबर्स से भी काफी प्रभावित थे. 80 के दशक में दोशी ने इंटरनेशनल क्रिकेट विदाई ले ली थी. बताया जाता है कि वह उस समय भारतीय क्रिकेट को चलाने के तरीके सहमत नहीं थे. रिटायरमेंट के बाद वह लंदन चले गए. यहां उन्होंने बिज़नेस किया. वह अपना ज़्यादातर समय लंदन, मुंबई और राजकोट में बिताते थे. 

दिलीप दोशी डेब्यू

भारत के लिए देर से डेब्यू करने के बावजूद उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं. दोशी ने 33 मैचों में 114 टेस्ट विकेट लिए. टेस्ट करियर में वह 6 बार पांच विकटों से ज़्यादा लेने वाले खिलाड़ी बने. दिलीप ने सिर्फ 28 टेस्ट मैचों में 100 विकेट का आंकड़ा छुआ. 

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Dilip Doshi
हाल के दिनों में उन्हें उन्हें BCCI अवॉर्ड फंक्शन में देखा गया था. (फोटो- पीटीआई)

उन्होंने 238 फ़र्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें उनके कुल 898 विकेट हैं. फ़र्स्ट क्लास करियर में वह 43 बार पांच विकेट लेने और छह बार 10 विकेट हासिल करने में कामयाब रहे. वहीं, 15 वनडे मैचों में उन्होंने 22 विकेट लिए. वनडे में दो बार चार-चार विकेट लेने का भी कारनामा कर चुके हैं.

दिलीप दोशी की बेस्ट परफॉर्मेंस

उनका बेस्ट प्रदर्शन 1981 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में था. पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर और तेज़ दर्द का बावजूद उन्होंने बॉलिंग जारी रखी. इस मैच में उन्होंने 5 विकेट लिए. 2008 में ESPNcricinfo से बातचीत में दोशी ने कहा था कि “स्पिन बॉलिंग बुद्धि की लड़ाई है.” 

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दोशी सबसे सटीक गेंदबाज़ों में से एक थे. ज़रूरत पड़ने पर गेंद को फ्लाइट देते थे. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमों के लिए उनकी आर्म बॉल खेलना बेहद मुश्किल हुआ करता था. वह सुनील गावस्कर के करीबी दोस्त थे. 

जब जावेद मियादाद छेड़ा करते थे

कपिल शर्मा के शो में एक बार सुनील गावस्कर ने जावेद मियांदाद से जुड़ा किस्सा सुनाया था. मियांदाद जिस बॉलर से उसका रूम नंबर पूछा करते थे वह दोशी ही थे. मियांदाद अक्सर खेल के बीच में उनसे उनका रूम नंबर पूछा करते थे. मियांदाद तीखे लहजे में पूछा करते थे, “ऐ दिलीप तेला लूम नंबर क्या है.”

दोशी को एक विचारशील क्रिकेटर के रूप में जाना जाता था. दोशी के परिवार में उनकी पत्नी कालिंदी, बेटा नयन और बेटी विशाखा हैं. उनके निधन पर क्रिकेट बोर्ड BCCI समेत कई दिग्गज क्रिकेटर्स ने दुख जताया है. 

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