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46वें ओवर तक जिसने आपकी सांस रोक रखी, वो डेरिल मिचेल कौन है?

न्यूज़ीलैंड के लिए मैदान-ए-जंग में खड़ा इकलौता खिलाड़ी. रिप्लेसमेंट के तौर पर आया खिलाड़ी, जो तुरुप का इक्का बन गया.

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एक वर्ल्ड कप में भारत के ख़िलाफ़ दो-दो शतक मारने वाला खिलाड़ी.

भारत ने न्यूज़ीलैंड को वर्ल्ड कप 2023 के पहले सेमी-फ़ाइनल (Ind vs NZ) मैच में हरा दिया. 70 रनों से. विराट कोहली ने सचिन (पढ़ें, भगवान) का रिकॉर्ड तोड़ दिया. वन-डे क्रिकेट की तारीख़ में सबसे ज़्यादा शतक मारने वाले बल्लेबाज़ बन गए. पारी के पार, गेंद के कलाकारों में आज दिन शमी का था. वन-डे में 7 विकेट कौन लेता है यार? शमी. मुहम्मद शमी. रिमेंमबर द नेम. लेकिन इन दोनों जानदार परफ़ॉर्मेंस के बावजूद कोई भारतीय फ़ैन धड़ल्ले से ये नहीं कह सकता कि हम जीत रहे थे. 46वें ओवर तक टीम भारत और फ़ाइनल्स के बीच एक शख़्स खड़ा था. डेरिल मिचेल.

टीम इंडिया बनाम मिचेल

भारत के लिए विराट और श्रेयस अय्यर की सेंचुरी ने काम पक्का कर दिया था. 397 का स्कोर बढ़िया होता है. ये वर्ल्ड कप नॉकआउट मैच में सबसे बड़ा स्कोर है. न्यूज़ीलैंड पर शुरू से ही अच्छा-ख़ासा प्रेशर था. नतीजतन पहले आठ ओवर्स में स्कोरबोर्ड पर केवल 39 रन जुटे थे. दोनों सलामी बल्लेबाज़ों - डेवोन कॉनवे और रचिन रवींद्र - ने अर्ली सलामी ले ली थी. क्रीज़ पर 32 साल के ऑल-राउंडर डेरिल मिचेल और स्टार बल्लेबाज़ केन विलियमसन बचे. ये दोनों टिक गए. दोनों ने मिलकर तीसरे विकेट के लिए 181 रन की साझेदारी बनाई. माने स्कोर 220 पार. इस शानदार साझेदारी में डेरिल ने शतक लगाया. इस टूर्नामेंट में उनका दूसरा शतक. 85 गेंदों में आठ चौके और पांच छक्के. टूर्नामेंट का सबसे लंबा छक्का भी जड़ दिया. सर रवींद्र जड़ेजा की गेंद पर 107 मीटर का गगनचुंबी छक्का.

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ये टूर्नामेंट में उनका दूसरा शतक था. पहला शतक भी हमारे ख़िलाफ़ ही लगाया था. 22 अक्टूबर, धर्मशाला. उस दिन भी मिचेल ने धागा खोला था. 127 गेंदों में 130 रन. 9 चौके और 5 छक्के उस दिन भी जड़े थे. गए भी तो एकदम आख़िरी में. पर्याप्त डैमेज कर के. पहली पारी की आख़िरी गेंद. शमी ने मिचेल को बॉल डाली. डीप-मिडविकेट की तरफ़ छक्के हौंकने की कोशिश की, लेकिन उस तरफ़ कोलही टहल रहे थे. लपक लिया. शमी का पांचवा विकेट. दूर से जोड़िए तो उस दिन भी मिचेल को रोकने के लिए शमी और कोहली दोनों लगे थे.

1975 के बाद वर्ल्ड कप में भारत के ख़िलाफ़ शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी (फ़ोटो - ट्विटर)
न्यूज़ीलैंड का तुरुप का इक्का

डेरिल को न्यूज़ीलैंड टीम में आने में बड़ी देर लग गई. 2019 में कोलिन डे ग्रैंडहोम को चोट लगी तो रिप्लेसमेंट के तौर पर लाए गए. लेकिन पहली ही पारी में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 73 मार कर उन्होंने सबको भौंचक्का कर दिया. होमग्राउंड पर बॉलिंग भी बढ़िया रही.

भारत से उनका पुराना रिश्ता है. 2019 की फरवरी में डेरिल मिचेल ने अपना पहला इंटरनैशनल मैच भारत के ख़िलाफ़ ही खेला था. दो साल बाद पहला शतक मारा पाकिस्तान के ख़िलाफ़. 2021 से उन्होंने टीम में अपनी जगह मज़बूत कर ली. हालांकि, 2022 में न्यूज़ीलैंड का इंग्लैंड टूर ख़राब रहा. तीनों टेस्ट हार गए. लेकिन मिशेल का प्रदर्शन जाबड़ रहा. दो पचासा और तीन शतक. तब दुनिया ने पहली बार मिचेल को एक सीरियस बल्लेबाज़ के तौर पर चीन्हा.

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रॉस टेलर याद हैं? 2019 में जिन्ने सेमी-फ़ाइनल्स में हमारे ख़िलाफ़ 74 रन ठोके थे. बीते साल वो रिटायर हो गए. उनके जाने के बाद न्यूज़ीलैंड को एक सॉलिड मिडल-ऑर्डर चाहिए था. मिचेल सही फ़िट थे. ऑल-राउंडर भी थे. और क्या चाहिए! 

टीम ने दांव खेला. दांव काम आ गया. रिप्लेसमेंट के ज़रिए आए एक बंदे ने आज सातवें विकेट तक भारतीय फ़ैन्स की जान हलक में अटकाई हुई थी. हालांकि, आज की पारी की एक आलोचना भी सुनाई पड़ रही है. क्या? शतक के बाद मिचेल धीमे हो गए. आख़िरी की 40 गेंदों में उनका जादू चला नहीं. ख़ैर, न्यूज़ीलैंड की तरफ़ से धमक के कोई खेला आज तो मिचेल. इसीलिए फ़ुल-स्पोर्ट्समैनशिप के साथ मुबारक़!

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