कोलकाता टेस्ट में न्यूजीलैंड वाली कहानी फिर रिपीट हो गई. टीम इंडिया एक बार फिर रैंक टर्नर पिच पर बुरी तरह फंसी हुई नज़र आई. नतीजा चौथी इनिंग में टीम 124 रन के टारगेट चेज करते हुए महज 93 रन पर ऑलआउट हो गई. चेज से पहले ही ये तय था कि कप्तान शुभमन गिल दोबारा मुकाबले में बैटिंग करते नज़र नहीं आएंगे. इसलिए 9वां विकेट गिरते ही साउथ अफ्रीका ने 30 रनों से ये मुकाबला अपने नाम कर लिया. साउथ अफ्रीका के लिए ये जीत ऐतिहासिक है क्योंकि 15 साल बाद भारतीय सरजमीं पर उन्हें जीत मिली है.
कोच गंभीर के रैंक टर्नर के प्यार ने भारत को एक और टेस्ट मैच में हरवा दिया, विदेशी स्पिनर्स की फिर हुई मौज
कोलकाता टेस्ट में एक बार फिर Team India रैंक टर्नर पिच पर बुरी तरह फंस गई. पहली इनिंग में 30 रनों की लीड बनाने के बावजूद भारतीय टीम ये मुकाबला रनों से हार गई. एक बार फिर हेड कोच Gautam Gambhir का दांव भारत के लिए उल्टा पड़ गया.


इसमें कोई दो राय नहीं कि पिच पर स्पिनर्स को बहुत मदद मिल रही थी. लेकिन, सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि कोच गौतम गंभीर ने न्यूजीलैंड सीरीज से कोई सीख नहीं ली है. तीसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले ही CAB अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ये स्पष्ट कर दिया था कि पिच को ऐसे बनाने की डिमांड भारतीय टीम मैनेजमेंट की ही थी. यानी ये तो साफ है कि गंभीर वापस से रैंक टर्नर पिच ही चाहते थे. ऐसी पिचों की सबसे खराब बात ये होती है कि इसमें औसत स्पिनर्स भी बहुत खतरनाक दिखने लगते हैं. न्यूजीलैंड की तरह साउथ अफ्रीका के साथ भी वैसा ही हुआ. पहले न्यूजीलैंड के मिचेल सैंटनर और एजाज पटेल खतरनाक बॉलर्स लग रहे थे. अब साइमन हार्मर वैसे ही नज़र आए हैं. उन्होंने दोनों इनिंग्स में 4-4 विकेट झटके.
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गंभीर ने हार पर क्या कहा?अब सवाल ये उठता है कि गंभीर क्या इसके बाद भी सीख लेंगे. तो इसका जवाब है बिल्कुल नहीं क्योंकि मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कर दिया कि वो बिल्कुल ऐसी ही पिच चाहते थे. टीम इंडिया की इस हार की सबसे बड़ी वजह इंडियन बैटर्स की औसत बैटिंग है. उन्होंने कहा,
हमने ऐसी ही पिच की मांग की थी और इसलिए हमें ऐसी पिच मिली. क्यूरेटर बहुत सपोर्टिव थे. मुझे नहीं लगता कि ये पिच बहुत मुश्किल थी. ये विकेट आपके मेंटल टफनेस को जज करने वाला था. यहां अच्छी डिफेंस के साथ जिन्होंने भी बैटिंग की, उन्होंने यहां रन बनाए. 124 रनों का टारगेट चेज किया जा सकता था. बैटर्स जब अच्छा नहीं खेलेंगे तो यही होगा.
ये पहली बार नहीं है जब भारत में टीम इंडिया चौथी इनिंग में चेज करते हुए 150 से कम रन भी नहीं बना सकी. इससे पहले, पुणे टेस्ट और मुंबई टेस्ट में भी टीम इंडिया का यही हाल हुआ था. चौथी इनिंग टीम इंडिया की बैटिंग भी काफी औसत रही है. बैटर्स छोटे टारगेट को चेज करने के दौरान काफी हड़बड़ी में नज़र आ रहे थे. नतीजा, ये मुकाबला टीम इंडिया 30 रनों से हार गई. कई विकेट सीधे हाथ में कैच थमा देने के कारण गए. इसमें ध्रुव जुरेल का भी विकेट शामिल है, जिन्होंने इससे पहले साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ दोनों ही इनिंग्स में सेंचुरी लगाई थी.
साउथ अफ्रीका की ओर से बॉलिंग में साइमन हार्मर ने सबसे ज्यादा 8 विकेट लिए. उन्होंने दोनों ही इनिंग में 4-4 विकेट लिए. इसके कारण उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया. इससे पहले, तीसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले साउथ अफ्रीकी टीम ने 93 रन पर 7 विकेट से आगे खेलना शुरू किया. इस दौरान टेंबा बावुमा ने नाबाद फिफ्टी लगाकर टीम की जीत में अहम योगदान निभाया.
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