'उसे स्पिनर्स की पहली गेंद पूरी ताकत से उनकी ही ओर मारना बहुत पसंद था. इसके जरिए वह उनके हाथों को चोट पहुंचाना चाहता था. यह जॉर्ज का तरीका था यह पक्का करने का, कि स्पिनर्स उसे ज्यादा परेशान ना कर पाएं.'हैडली अक्सर जानबूझकर फील्डिंग कर रहे बोलर्स की ओर ललचाने वाले शॉट खेलते थे. जिससे वह गेंद की ओर लपकें और किसी तरह खुद को चोटिल कर बैठें. हैडली ने अपने करियर में सिर्फ 22 टेस्ट खेले. इन मैचों में उन्होंने लगभग 61 की ऐवरेज से 2190 रन बनाए. इनमें 10 शतक और पांच अर्धशतक शामिल थे. विश्वयुद्ध के चलते उनकी क्रिकेट का काफी नुकसान हुआ. हैडली ने विश्व युद्ध के बाद सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेले. हालांकि इन 22 टेस्ट मैचों में ही उन्होंने इतना कमाल का खेल दिखाया कि लोग उन्हें आज भी वेस्ट इंडीज़ का बेस्ट बल्लेबाज और क्रिकेट इतिहास के महानतम प्लेयर्स में से एक माना जाता है.
पनामा नहर में मजदूरी करने वाले का बेटा जिसे लोग 'ब्लैक ब्रैडमैन' बुलाते थे
और इसके चाहने वाले ब्रैडमैन को 'ब्लैक हैडली'.

पहली तस्वीर में Batting करते George Headley की दूसरी तस्वीर किसी टूर की है (गेटी फाइल)
डॉन ब्रैडमैन. क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े बल्लेबाज. इनके बारे में इतना कुछ लिखा जा चुका है कि उसमें शायद ही कुछ और बढ़ाया जा सकता है. लेकिन उसी दौर में एक ऐसा क्रिकेटर भी हुआ जिसे उतनी चर्चा नहीं मिली. वो क्रिकेटर जिसे लोग 'ब्लैक ब्रैडमैन' कहते थे. लेकिन उसके चाहने वालों को ये पसंद नहीं था. तो उन्होंने ब्रैडमैन को 'ब्लैक हैडली' कहना शुरू कर दिया. वो क्रिकेटर जो एक ऐसे देश में पैदा हुआ जहां क्रिकेट की शुरुआत मजदूरों ने की थी. और ये शुरुआत जुड़ी थी दुनिया की सबसे मशहूर नहरों में से एक 'पनामा नहर' से. अब सरनेम और जगह जान ही गए हैं तो पूरा नाम भी बता ही देते हैं. हम बात कर रहे हैं जॉर्ज हैडली की. 30 मई 1909 को पनामा में पैदा हुए जॉर्ज के पिता डिकॉर्सी हैडली ने पनामा नहर के निर्माण में काम किया था. बारबडोस के रहने वाले डिकॉर्सी ने जमैका की इरेने रॉबर्ट्स से शादी की थी. जॉर्ज इन दोनों की संतान थे और इनका जन्म पनामा के शहर कोलोन में हुआ था. जब जॉर्ज पांच साल के हुए तब तक पनामा नहर बन चुकी थी.
# अंग्रेज George Headley
अब इनका परिवार नौकरी की तलाश में क्यूबा पहुंच गया. जब जॉर्ज 10 साल के हुए तो उनकी मां बड़ी परेशान हुईं. अंग्रेजीभाषी माता-पिता के बेटे जॉर्ज धड़ाधड़ स्पैनिश में बात कर रहे थे. बस फिर क्या था, इरेने उनको लेकर तुरंत ही जमैका के लिए निकल पड़ीं, जिससे उन्हें अंग्रेजी में पढ़ाया जा सके. लेकिन जॉर्ज के जीवन में असली मोड़ तब आया जब वह अपनी मां के रिश्तेदारों के घर रहने लगे. किंग्सटन में रहने के दौरान ही उन्होंने एक विकेटकीपर के तौर पर स्कूल क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. इस बीच उनकी मां क्यूबा लौट गईं. लेकिन जॉर्ज का क्रिकेट करियर जारी रहा. स्कूल खत्म करने के बाद वह एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में टेम्पररी क्लर्क की पोस्ट पर काम करने लगे. और साथ में वह सेंट एंड्रयूज की पुलिस टीम के साथ क्रिकेट भी खेलते थे. यहां उनका प्रदर्शन देख जमैका कोल्ट्स ने उन्हें प्रैक्टिस के लिए बुलाया. लेकिन अपनी नौकरी के चलते वह नहीं जा पाए. इसी के चलते वह 1927 में लॉर्ड टेनिसन की इंग्लिश टीम के खिलाफ खेली जमैकन टीम में नहीं शामिल हो पाए. बाद में उन्होंने दूसरी नौकरी पकड़ी और जमैका टीम के साथ रेगुलर प्रैक्टिस करने लगे. साल 1928 में उन्होंने अपना पहला बड़ा मैच खेला. टेनिसन की ही टीम के खिलाफ. 19 साल के जॉर्ज ने इस इकलौते मौके को भुनाते हुए एक ही पारी में 211 रन पीट दिए. अगले मैच में इसी टीम के खिलाफ उन्होंने 71 रन मारे. हालांकि इस प्रदर्शन के बाद भी उन्हें इसी साल इंग्लैंड गई वेस्टइंडीज़ की टीम में एंट्री नहीं मिल पाई.
# Greatest Cricketer of West Indies
अंततः उन्होंने 1929-30 में वेस्टइंडीज़ आई इंग्लैंड की टीम के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया. इस सीरीज में जॉर्ज ने आठ पारियों में 703 रन बना डाले. इसके साथ ही विंडीज़ को उनका पहला सुपरस्टार बल्लेबाज मिला. 1930-31 के ऑस्ट्रेलिया टूर पर उन्होंने 1066 रन बनाकर अपना रुतबा और मजबूत कर लिया. अपने पहले टूर में आखिरी प्लेयर के रूप में बुलाए गए हैडली अगले 10 साल तक विंडीज़ की हर टीम में चुने जाने वाले पहले प्लेयर रहे. प्री-वॉर एरा में उन्होंने 19 टेस्ट मैचों में विंडीज़ के 26.9 प्रतिशत रन बनाए. यह ब्रैडमैन से भी ज्यादा था. इस दौरान ब्रेडमैन ने 37 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के 26.5 प्रतिशत रन बनाए थे. इस दौरान हैडली ने विंडीज़ के कुल 15 में से 10 शतक अकेले लगाए. जबकि इसी दौरान ब्रैडमैन के नाम ऑस्ट्रेलिया के 46 में से 21 शतक रहे. स्पिनर्स के खिलाफ हैडली का अंदाज अलग था. इस बारे में उनके टीममेट रहे जेफ स्टॉलमेयर ने ESPN से कहा था,