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अजिंक्य रहाणे को नहीं मिला बॉर्डर-गावस्कर सीरीज जीतने का क्रेडिट?

रहाणे का क्रेडिट किसने लूटा?

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Ajinkya Rahane की कप्तानी और Ravi Shastri की कोचिंग में इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था (एपी फाइल)
अजिंक्य रहाणे. इंडियन टेस्ट टीम के पूर्व उपकप्तान. रहाणे इस वक्त अपनी फॉर्म से परेशान हैं. लंबे वक्त से वह बड़े स्कोर नहीं कर पा रहे. हालांकि इस दौर से कुछ ही महीने पहले उन्होंने भारत को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जिताई थी. और इस जीत के बाद लोगों ने उन्हें टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपने की पुरजोर वकालत की थी. ये बात और है कि अब वही लोग रहाणे को टेस्ट टीम में देखना भी नहीं चाहते. हाल ही में खत्म हुए साउथ अफ्रीका टूर में रहाणे ने तीन टेस्ट में 136 रन बनाए थे. जिसमें एक हाफ सेंचुरी शामिल थी. और इस टूर के बाद BCCI प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने रहाणे को रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह दी थी. और इस पर अमल करते हुए वह पृथ्वी शॉ की कप्तानी में रणजी ट्रॉफी खेलने की तैयारी में हैं. लेकिन इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले ही रहाणे ने एक तूफानी दावा कर दिया है. साल 2020-21 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का हवाला देते हुए रहाणे का कहना है कि कुछ लोगों ने उनकी कड़ी मेहनत का क्रेडिट ले लिया. बता दें कि अपनी बेटी वामिका के जन्म के लिए विराट कोहली एडिलेड टेस्ट के बाद घर लौट आए थे. और इसके बाद रहाणे ने टीम को लीड करते हुए मेलबर्न और ब्रिसबेन टेस्ट जिताए जबकि सिडनी में ड्रॉ खेला. और इसके साथ ही एडिलेड में 36 रन पर सिमटी टीम इंडिया ने सीरीज अपने नाम कर ली. इस बारे में यूट्यूबर बोरिया मजूमदार से बात करते हुए रहाणे ने कहा,
'मुझे पता है कि मैंने वहां क्या किया. मुझे यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है. और यह मेरा नेचर भी नहीं है कि मैं जाऊं और क्रेडिट ले लूं. हां, कुछ चीजें हैं जिनके लिए मैंने फील्ड और ड्रेसिंग रूम में फैसले किए लेकिन उनका क्रेडिट कोई और ले उड़ा. मेरे लिए महत्वपूर्ण यह था कि हमने सीरीज जीती और यह एक ऐतिहासिक सीरीज थी. मेरे लिए यह सच में स्पेशल था.'
बता दें कि दिसंबर 2020 में मेलबर्न टेस्ट की 112 रन की पारी के बाद से रहाणे का बल्ला खामोश है. जनवरी 201 से अब तक रहाणे ने 15 टेस्ट मैच खेले हैं. और इनमें उनके नाम सिर्फ तीन हाफ-सेंचुरी हैं. और जिस तरह से ऋद्धिमान साहा और ईशांत शर्मा जैसे वेटरंस को किनारे लगाया जा रहा है, रहाणे का रणजी खेलना अपना करियर बचाने का आखिरी मौका हो सकता है. रहाणे ने आगे कहा,
'बाद में जो रिएक्शंस आए, या जो क्रेडिट ले लिया गया, या जो कुछ भी मीडिया में कहा गया... जैसे, 'हमने ये किया. यह हमारा फैसला था. ये हमारी कॉल थी. उनके पास कहने को भले ये सब है लेकिन मुझे पता है कि मैंने कौन से फैसले लिए. हमने मैनेजमेंट से भी बात की थी लेकिन अपने अंदर मुझे यह जानकर बस हंसी आती है कि मैंने जो संकोच दिखाया और फिर उसके बाद जो हुआ.'
रहाणे के इस बयान पर गौर करें तो समझ आता है कि वह उस वक्त के टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन हमें एक चीज याद रखनी होगी कि ऑस्ट्रेलिया में इंडिया की जीत के बाद ज्यादातर क्रिकेट फ़ैन्स रहाणे को टेस्ट कप्तानी सौंपने की मांग कर रहे थे.