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Nike के 'माइंड' शूज दिमाग जगाएंगे? दावे के पीछे का साइंस और ट्विस्ट जानें

इन जूतों के सोल (तलवे) में लगे हैं 22 ऑरेंज फोम नोड्स. ये नोड्स कोई साधारण फोम के गोले नहीं है, बल्कि पिस्टन और जिम्बल की तरह ऊपर-नीचे हिलते-डुलते हैं.

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नाइकी कहती है, ये जूते आपके पैरों को 'रीअवेकन' करेंगे. (फोटो- X)

सोचिए कि आप मैदान पर उतरने से पहले एक जोड़ी जूते पहनते हैं, जो न सिर्फ आपके पैरों को सहारा देते हैं, बल्कि आपके दिमाग को भी 'हेलो' बोलकर जगाते हैं. सुनने में अटपटा लगेगा, पर ये असल में होने जा रहा है. स्पोर्ट्स की दुनिया की बादशाह Nike (नाइकी) ने अब न्यूरोसाइंस को अपने जूतों में घुसेड़ दिया है. नाम है 'Nike Mind'. एक ऐसी टेक्नोलॉजी जो आपके पैरों के नीचे 22 छोटे-छोटे ऑरेंज फोम नोड्स लगाकर दिमाग को 'एक्टिवेट' करने का दावा करती है. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये जूते सचमुच आपको सुपरफोकस्ड एथलीट बना देंगे? या ये बस नाइकी की नई मार्केटिंग ट्रिक है?

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Nike का X पोस्ट.
क्या बला है 'नाइकी माइंड'?

नाइकी ने दो नए मॉडल लॉन्च किए हैं. The Verge की रिपोर्ट के मुताबिक एक 95 डॉलर (लगभग 8,500 रुपये) का म्यूल (बिना लेस वाला स्लिपर जैसा, ग्रे और रेड कलर में) जिसका नाम ‘माइंड 001’ है. और दूसरा 145 डॉलर (लगभग 13 हजार रुपये) का लेस वाला स्नीकर (ग्रे कलर में ही) ‘माइंड 002’. ये 'प्रीगेम' शूज हैं. मतलब मैच से पहले या बाद में पहनने के लिए. नाइकी कहती है, ये जूते आपके पैरों को 'रीअवेकन' करेंगे. माने, सोए हुए पैरों को जगाएंगे. फिर बॉडी को, और आखिर में दिमाग को. कैसे? चलो, टेक्नोलॉजी को तोड़कर देखते हैं.

तलवे में होगी टेक्नोलॉजी

इन जूतों के सोल (तलवे) में लगे हैं 22 ऑरेंज फोम नोड्स. ये नोड्स कोई साधारण फोम के गोले नहीं है, बल्कि पिस्टन और गिंबल की तरह ऊपर-नीचे हिलते-डुलते हैं. जब आप चलते हैं, तो हर नोड अलग-अलग मूवमेंट करता है. लगेगा जैसे आप नंगे पैर जमीन पर चल रहे हों. हील (एड़ी) वाले हिस्से में ये नोड्स दूर-दूर हैं, तो ब्रॉड सेंसेशन मिलता है. लेकिन पैर के आगे के हिस्से के नीचे ये करीब-करीब चिपके हैं, ताकि हर नोड अलग से महसूस हो. नतीजा? आपके पैरों के सेंसरी एरिया (ज्यादा फील वाला हिस्सा) स्टिमुलेट होते हैं, और ये सिग्नल सीधे दिमाग के सेंसरी रीजन तक पहुंच जाते हैं. बूम! दिमाग जाग गया, फोकस शार्प हो गया. ऐसा दावा है.

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Nike Mind 001.

नाइकी का कहना है कि ये जूते साइंस पर बेस्ड है. उनकी 'माइंड साइंस' टीम ने वर्ल्ड क्लास मोबाइल ब्रेन एंड बॉडी इमेजिंग लैब यूज करके सैकड़ों एथलीट्स पर टेस्टिंग की. हजारों घंटे. टीम के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर ग्रेम मॉफेट कहते हैं,

"नोड्स की स्पेसिंग ऐसी है कि हर एक अलग से फील हो."

और नाइकी के वाइस प्रेसिडेंट एरिक अवर बताते हैं,

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"नाइकी माइंड एक नया सेंसरी-फुटवियर कॉन्सेप्ट है जो पैर, बॉडी और माइंड को रीअवेकन करता है."

लेकिन दोस्तो, असली ट्विस्ट ये कि अभी तक नाइकी ने कोई सॉलिड साइंटिफिक प्रूफ नहीं शेयर किया. स्पोक्सपर्सन जे पावोनपेरा ने कहा,

"व्हाइट पेपर दो हफ्ते में आ जाएगा."

तो फिलहाल, ये 'विश्वास करो या न करो' वाली कैटेगरी में है.

क्यों बना ये सब?

नाइकी को कंपटीशन से डर लग रहा है. मार्केट में Vibram FiveFingers या Crocs जैसे मिनिमलिस्ट शूज आ गए हैं, जो कस्टमिंग कम रखकर पैरों को 'फ्री' फील देते हैं. नाइकी अब अपने डिजाइन से हटकर सेंसरी एक्टिवेशन पर शिफ्ट हो रहा है. ये जूते जनवरी 2026 से मार्केट में आएंगे, और वेबसाइट पर 'प्रीगेम' कैटेगरी में लिस्टेड हैं.

ये टेक कूल लगती है, जैसे आपके पैर दिमाग से बात कर रहे हों. लेकिन असली गेम-चेंजर बनेगी या नहीं, वो व्हाइट पेपर बताएगा. आप क्या कहते हो? क्या पहनोगे ऐसे जूते, या कहोगे 'पैरों को जगाने से पहले दिमाग को कन्विंस करो'?

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