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सेहत: ट्रांस फैट से होती हैं दिल की बीमारियां, जानिए बचने के लिए क्या करें?

अब आपको ये मालूम है कि जब आप टाइप करते हैं तो आपकी उंगलियों और अंगूठों पर जोर पड़ता है. झटके महसूस होते हैं. और ऐसा अगर रोज़ और लंबे समय तक होता रहे तो इन्हें पहुंचती है चोट जो आपको दिखती नहीं.

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आप ने कभी गिना है, हम रोज़ कितना समय टाइपिंग करते हुए गुज़ार देते हैं? ऑफिस में काम करते हैं तो लैपटॉप और कंप्यूटर पर. कुछ नहीं तो मोबाइल पर टाइप करते रहते हैं. अब आपको ये मालूम है कि जब आप टाइप करते हैं तो आपकी उंगलियों और अंगूठों पर जोर पड़ता है. झटके महसूस होते हैं. और ऐसा अगर रोज़ और लंबे समय तक होता रहे तो इन्हें पहुंचती है चोट जो आपको दिखती नहीं. पर हां, आपको उंगलियों, कलाई, अंगूठे में दर्द, अकड़न और जकड़न ज़रूर होने लगती है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आज आपको वजह पता चल गई. इसे अंग्रेज़ी में कहते हैं रिपिटेटिव स्ट्रेस इंजरी. यानी बार-बार ज़ोर पड़ने के कारण एक ही जगह पर लगातार चोट लगते रहना. और ऐसा केवल उंगलियों के साथ नहीं, शरीर के बाकी हिस्सों में भी होता है. आज के एपिसोड में डॉक्टर्स से जानते हैं रिपिटेटिव स्ट्रेस इंजरी के बारे में. इसे कैसे पहचानें और बचें.
 

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