बेटी को गोद लेने वाली एक्ट्रेस की हो रही तारीफ
कभी जान देने चली थीं, अब करोड़ों की कंपनी चला रहीं
ये सारी महिलाएं कौन हैं और क्यों चर्चा में हैं, जानेंगे ऑडनारी के स्पेशल न्यूज बुलेटिन WIN, यानी विमन इन न्यूज में. इस खास सेगमेंट में आपको महिलाओं से जुड़ी खबरों की और खबरों में रहने वाली महिलाओं की जानकारी मिलेगी. तो सीधे बढ़ते हैं पहली खबर की ओर-
# देवी के हवन में शामिल होने से रोक दिया था IAS को
हिमाचल प्रदेश का सोलन जिला. यहां पर शूलिनी माता का मंदिर है. दुर्गा अष्टमी के मौके पर यहां हवन का आयोजन किया गया था. IAS रितिका जिंदल वहां इंतजाम का जायजा लेने पहुंची थीं, बतौर प्रोबेशनर तहसीलदार. उन्होंने वहां हवन होते देखा, तो हिस्सा लेने की इच्छा जताई. लेकिन पंडितों ने ये तर्क देते हुए रोक दिया कि कोई महिला हवन में शामिल नहीं हो सकती. इसके बाद रितिका ने वहां मौजूद लोगों को समानता का ऐसा पाठ पढ़ाया कि उन्हें बरसों से चली आ रही परम्परा को बदलने के लिये मजबूर होना पड़ा. आजतक के राजेश शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार, रितिका का ऐसा विरोध देखकर उन्हें हवन करने की इजाजत देनी पड़ी.
रितिका ने बाद में कहा,
अष्टमी के दिन हम महिलाओं के सम्मान की बात तो करते हैं, लेकिन उन्हीं के अधिकारों से उन्हें वंचित रखा जाता है. मैं एक अधिकारी बाद में हूं, महिला पहले हूं. सभी महिलाओं को ऐसी विचारधारा बदलने की आवश्यकता है. इसे वे तभी बदल सकती हैं, जब वे इस रूढ़िवादी सोच का विरोध करेंगी.

रितिका पंजाब के मोगा से हैं. 2018 में उन्होंने UPSC की परीक्षा में 88वीं रैंक हासिल कर IAS क्वालीफाई किया था. मंदिर में महिला समानता की बात करने को लेकर सोशल मीडिया पर लोग रितिका की तारीफ कर रहे हैं. हालांकि ट्विटर पर कई लोग उनके विरोध में भी आ गए. यह ट्रेंड भी करने लगा.
# भारतीय सिंगर ने कहा, अमेरिका में हुआ नस्लीय भेदभाव
अनन्या बिड़ला. सिंगर हैं. अपना बिजनेस भी चलाती हैं. भारत के मशहूर बिजनेसमैन कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी हैं. ख़बरों में हैं क्योंकि ट्वीट करके आरोप लगाया है कि अमेरिका के लॉस ऐंजिलिस में स्कोपा इटैलियन नाम के एक रेस्टोरेंट ने उनके साथ नस्लीय भेदभाव किया. अनन्या ने ट्वीट में लिखा,
इस रेस्टोरेंट ने मुझे और मेरे परिवार को निकाल बाहर किया. कितना नस्लीय भेदभाव है ये. बहुत दुखद, आपको अपने कस्टमर्स के साथ सही व्यवहार करना चाहिए. ये ठीक नहीं हुआ.
हमने आपके रेस्टोरेंट में खाने के लिए 3 घंटे तक इंतज़ार किया. आपके वेटर जोशुआ सिल्वरमैन ने मेरी मां के साथ बहुत रूखा व्यवहार किया, जो नस्लभेद की सीमा तक पहुंच गया था. ये ठीक नहीं है.
ये हैरान करने वाला था. स्कोपा रेस्टोरेंट का ये बर्ताव पूरी तरह हास्यास्पद था. आपको कोई हक़ नहीं कि आप अपने कस्टमर्स के साथ ऐसा बर्ताव करें.
मैंने इस तरह की चीज़ कभी पहले अनुभव नहीं की. नस्लभेद अस्तित्व में है और बिल्कुल असली है. अविश्वसनीय.
# गर्भपात के अधिकार के लिए महिलाओं ने उठाई आवाज़
पोलैंड में इस वक़्त महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले एक्टिविस्ट विरोध प्रदर्शन में जुटे हुए हैं. 25 अक्टूबर को उन्होंने चर्च में चल रही सर्विस को भी रोकने की कोशिश की. वॉशिंगटन पोस्ट में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पोलैंड के संवैधानिक ट्रिब्यूनल ने नए नियम पास करते हुए एबॉर्शन के कानून में बदलाव किए हैं. नए नियम के तहत उन भ्रूणों का गर्भपात भी गैरकानूनी होगा, जिनमें वंशानुगत खामी हो. ऐसी स्थितियों में अभी तक कानूनन गर्भपात की इजाज़त थी.
अब उन्हीं मामलों में कानूनन गर्भपात कराया जा सकता है. जब प्रेग्नेंसी की वजह रेप हो, या परिवार में किसी नजदीकी रिश्तेदार के साथ संबंध बनाना रहा हो, या फिर प्रेग्नेंसी जारी रखने पर मां की जान को खतरा हो. पोलैंड में गर्भपात के अधिकारों को लेकर काम कर रहे संगठनों ने इसके खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की आवाज उठाई है. उनका कहना है कि इस तरह के नियम न सिर्फ गैरकानूनी गर्भपात को बढ़ावा देंगे, बल्कि महिलाओं को मजबूरन संभावित बीमारियों से पीड़ित भ्रूण पालने को मजबूर भी करेंगे.

# बेटी को गोद लेने वाली एक्ट्रेस की हो रही तारीफ
एक्ट्रेस और टीवी होस्ट मंदिरा बेदी. सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि उन्होंने एक बेटी को गोद लिया है. बेटी का नाम तारा बेदी कौशल रखा है. अपने instagram पर मंदिरा ने लिखा,
वो हमारे पास आई है, ऊपर से एक आशीर्वाद की तरह. हमारी छोटी लड़की, तारा. चार साल और कुछ और. आंखें ऐसी, जो तारों की तरह चमकती हैं. अपने वीर की बहन. घर में उसका स्वागत करते हैं हम. खुली बांहों से. कृतज्ञ, शुक्रगुजार. तारा बेदी कौशल.
मंदिरा और उनके पति राज कौशल की शादी 1999 में हुई थी. दो साल पहले से एडॉप्शन के लिए अर्जी डाल रखी थी. जुलाई में तारा उनके घर आई. अब मंदिरा का कहना है कि उनका परिवार पूरा हो गया है.
# आज की ऑडनारी
आज की ऑडनारी हैं कल्पना सरोज. महाराष्ट्र के रोपरखेडा के एक दलित परिवार में इनका जन्म हुआ. पिता कांस्टेबल थे. पुलिस क्वार्टर में रहती थीं. घर के पांच बच्चों में सबसे बड़ी. 12 साल की उम्र में उनकी शादी करा दी गई. लड़का उनसे दुगनी उम्र का था. बिजनेस स्टैण्डर्ड में छपी रिपोर्ट के अनुसार, सरोज के ससुरालवाले उन्हें बहुत परेशान करते थे, तो वो मायके लौट आईं. वहां आत्महत्या की भी कोशिश की. लेकिन समय रहते डॉक्टर के पास ले जाने से जान बच गई.

इसके बाद, सरोज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. खुद सिलाई करते-करते बुटीक खोल लिया. उसके बाद फर्नीचर स्टोर खोला. इसी बीच उनके पास एक ऑफर आया. कमानी ट्यूब्स नाम की कंपनी को मैनेज करने का. कंपनी लगातार घाटे में चल रही थी. 17 साल से बंद थी. कल्पना ने कमानी ट्यूब्स को घाटे से निकालकर फायदे में पहुंचा दिया. कल्पना की मेहनत का कमाल है कि अब ये कंपनी करोड़ों का टर्नओवर दे रही है. कल्पना ने गरीबों की मदद के लिए उन्होंने NGO भी खोला. उनके ऐसे प्रयासों को देखते हुए उन्हें 2013 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया.
तो ये थीं आज की महिलाएं, जो खबरों में रहीं. अगर आपके आस-पास भी ‘आज की ऑडनारी’ जैसी कोई महिला है, या फिर आप किसी ऐसी महिला को जानते हैं जो मिसाल कायम करने वाला काम कर रही है, तो हमें ज़रूर बताएं. मेल करें lallantopwomeninnews@gmail.com
पर.