सर्दी में अक्सर लोगों को कानों में दर्द होता है. ज़्यादातर लोगों को लगता है कि ऐसा ठंडी हवा लगने की वजह से होता है. पर सिर्फ़ ऐसा नहीं है. कुछ ऐसी वजहें भी हैं, जिन्हें सुनकर आप चौंक जाएंगे. लल्लनटॉप के व्यूअर हैं शंकर. दिल्ली के रहने वाले हैं. वो बाइक से ऑफिस आते-जाते हैं. हेलमेट पहनने के बावजूद भी कानों में ठंडी हवा लगती है. शंकर को कानों में दर्द होने के पीछे यही कारण लगता है. वो चाहते हैं हम इस समस्या के बारे में बात करें. तो सबसे पहले डॉक्टर साहब से ये समझ लेते हैं कि सर्दी में ठंडी हवा लगने के अलावा और किन वजहों से कानों में दर्द रहता है.
सर्दी में कान के दर्द से परेशान लोगों के लिए जरूरी टिप्स
सर्दी के मौसम में अक्सर कान दर्द करते हैं, पर वजह केवल ठंडी हवा नहीं है. डॉक्टर साहब से समझ लेते हैं कि सर्दी में ठंडी हवा लगने के अलावा और किन वजहों से कानों में दर्द रहता है.

ये हमें बताया डॉ. स्वप्निल बृजपुरिया ने.

- सर्दी के मौसम में अक्सर कान दर्द करते हैं.
- कान दर्द की दो वजह हो सकती हैं.
- पहली वजह ये कि ठंडी हवा कान के पर्दे से टकराती है, जिससे कान दर्द करते हैं.
- इसलिए अक्सर लोग कानों में रुई लगा लेते हैं या फिर मफलर या टोपी से इन्हें ढक लेते हैं.
- दूसरी वजह ये है कि सर्दी में नाक में सूजन आ जाती है, नाक बंद होने लगती है और नाक में बलगम बनने लगता है.
- यही बलगम नाक और कान के बीच में मौजूद यूस्टेशियन ट्यूब (Eustachian tube) को ब्लॉक कर देता है.
- इस ट्यूब के ब्लॉक होने से कानों में भारीपन, खुजली और दर्द महसूस होता है.
- जब तक ये समस्या कम रहती है लोग इस पर ध्यान नहीं देते.
- लेकिन इन्फेक्शन बढ़ने से तेज दर्द होने लगता है.
- ये दर्द ज्यादातर रात में होता है.
- इस वजह से कभी-कभी कान से खून और पस भी आने लगता है.
- इसलिए कानों के दर्द को नजरंदाज न करें.
- आसपास मौजूद नाक-कान-गला विशेषज्ञ के पास जाकर जांच कराएं.

- क्योंकि नाक या गले के इन्फेक्शन की वजह से भी कान दर्द कर सकते हैं.
- सर्दी के मौसम में इस तरह के इन्फेक्शन बढ़ जाते हैं और बुखार भी आ सकता है.
- इससे बचाव के लिए डॉक्टर के पास जाना जरूरी है.
- इसका इलाज एंटीएलर्जिक दवाइयों से ही किया जाता है.
- नाक के स्प्रे के इस्तेमाल से नाक की सूजन कम होती है.
- इस तरह कान के पर्दे के फटने और पस की वजह से हुए अंदरूनी इन्फेक्शन से भी बचा जा सकता है.
किन लक्षणों को देखकर डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है?- सर्दी में गले में ज्यादा इन्फेक्शन होते हैं.
- दांतों में दर्द और सड़न भी होती है.
- ऐसे में डॉक्टर ये देखते हैं कि टॉन्सिल में इन्फेक्शन तो नहीं हो गया.
- गले की फेरिन्जियल वॉल में लाल दाने हो सकते हैं या बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है.
- कई बार ये इन्फेक्शन यूस्टेशियन ट्यूब तक पहुंच जाता है जिस वजह से ये ब्लॉक हो जाती है और कानों में दर्द होता है.
- अगर एसिडिटी और गैस की समस्या है तब भी कानों में दर्द हो सकता है.
- यानी ज्यादातर मामलों में अगर यूस्टेशियन ट्यूब ठीक से काम नहीं कर पाता तो कान दर्द करते हैं.
- सर्दी में ठंड की वजह से नाक के अंदर के गुलाबी हिस्से में सूजन आ जाती है.
- इस वजह से इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन हो जाता है.
- इनकी वजह से सूजन और डिस्चार्ज ज्यादा बढ़ेगा, जिससे समस्या और ज्यादा बढ़ेगी.

- इससे बचाव करना है तो अपने शरीर को गर्म रखें.
- अगर पैर के तलवे, नाक की टिप या कान गर्म हैं, तो ये कहा जा सकता है कि बॉडी का टेम्परेचर ठीक है.
- अगर ये हिस्से ठंडे रहते हैं तो किसी भी तरह का इन्फेक्शन हो सकता है.
- सर्दी में खाना-पीना भी बदल जाता है.
- चाय-कॉफी, हल्का गर्म दूध, गुनगुना पानी पीने और गर्म पानी के गरारे करने से भी इस समस्या से बचा जा सकता है.
- सर्दी में गुड़ और तिल खाने से शरीर में गर्मी तो रहती है.
- लेकिन इन कड़ी या सख्त चीजों को चबाने से निचले जबड़े और खोपड़ी के TM जॉइंट में भी कई बार दर्द होता है.
- ये दर्द भी कान के दर्द की तरह महसूस होता है, इसलिए इसका भी ध्यान रखें.
- कई बार दांतों से जुड़ी समस्या होती है और खाना ठीक से नहीं चबाने के कारण भी कानों में दर्द होता है
सर्दी में ठंडी हवा लगने से कान में दर्द होता है, पर साथ ही नाक में इन्फेक्शन होने की वजह से भी कान दर्द करते हैं. जैसा कि डॉक्टर साहब ने बताया कि कई बार लोग दांत के दर्द को भी कान का दर्द समझ लेते हैं. इसलिए कान के दर्द को नजरंदाज न करें. ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास जाकर अपना इलाज कराएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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