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डॉ. आरती प्रभाकर कौन हैं, जिन्हें जो बाइडेन अपना टॉप वैज्ञानिक सलाहकार बनाना चाहते हैं?

जो बाइडेन आरती को नॉमिनेट करते हुए कहा कि वो नामुमकिन को मुमकिन करने के लिए उन्हें इस पद पर ला रहे हैं.

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डॉ. आरती का जन्म नई दिल्ली में ही हुआ था, लेकिन तीन साल के बाद वो अमेरिका चली गईं. (फोटो - फ़ेसबुक)

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने 21 जून को भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. आरती प्रभाकर (Arati Prabhakar) को ऑफिस ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी (OSTP) के डायरेक्टर के पद के लिए नामित किया. अगर सीनेट इस नामांकन को मंज़ूरी दे देता है, तो ये कई मायनों में हिस्टॉरिक होगा. डॉ. प्रभाकर OSTP की प्रमुख बनने वाली पहली महिला, पहली अप्रवासी और पहली अश्वेत बन जाएंगी. उन्हें नॉमिनेट करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा,

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"डॉ. प्रभाकर एक शानदार और सम्मानित इंजीनियर और अप्लाइड-फ़िज़िस्ट हैं. वो हमारी संभावनाओं का विस्तार करने, हमारी सबसे मुश्किल चुनौतियों को हल करने और नामुमकिन को मुमकिन करने के लिए OSTP का नेतृत्व करेंगी.

डॉ. प्रभाकर मानती हैं कि अमेरिका के पास दुनिया की अब तक की सबसे शक्तिशाली इनोवेशन मशीन है. और, मैं उनके इस विश्वास में उनके साथ हूं. जब तक सीनेट उनके नामांकन पर विचार करता है, डॉ. अलोंड्रा नेल्सन OSTP का नेतृत्व करेंगे और डॉ. फ्रांसिस कॉलिन्स मेरे विज्ञान सलाहकार के रूप में काम करते रहेंगे. मैं उन दोनों का आभारी हूं."

नामांकन को हरी झंडी मिलते ही डॉ. आरती प्रभाकर राष्ट्रपति बाइडेन की साइंस ऐंडस टेक्नोलॉजी की मुख्य सलाहकार बन जाएंगी. यानी राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद की मेंबर और राष्ट्रपति के कैबिनेट की सदस्य.

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इससे पहले इस OSTP के डायरेक्टर डॉ. एरिक लैंडर थे. वाइट हाउस की जांच में पाया गया था कि एरिक स्टाफ मेम्बर्स के साथ बदतमीज़ी करते थे. जांच के बाद उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा. ये बाइडेन प्रशासन का पहला ऐसा इस्तीफा था. जांच में ये भी पता चला था कि लैंडर विज्ञान में महिलाओं को डीमीन करते थे. और, अब उन्हीं के पद पर एक महिला आ रही हैं. शास्त्रों में इसे ही 'पोएटिक जस्टिस' कहा गया है.

कौन हैं आरती प्रभाकर?

# जन्म फरवरी 1959 को हुआ. नई दिल्ली में. लेकिन बचपन US में ही बीता. जन्म के तीन साल बाद ही आरती का परिवार अमेरिका चला गया. पहले कनाडा, फिर टेक्सस. उनका बचपन वहीं बीता. जाहिर है शुरुआती पढ़ाई भी वहीं से हुई.

# फिर 1984 में उन्होंने कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (CIT) से Ph.D की. वो CIT से Ph.D करने वाली पहली महिला थीं. इसके बाद आरती फ़ेडरल सरकार के लिए काम करने लगीं.

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# अब तक डॉ. प्रभाकर ने दो रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट एजेंसियों को लीड किया है. साथ ही, अलग-अलग सेक्टर्स के स्टार्टअप से लेकर बड़ी कंपनियों तक, विश्वविद्यालयों, सरकारी प्रयोगशालाओं और NGOs के साथ काम किया है.

# अमेरिकी सीनेट ने एकमत से प्रभाकर को राष्ट्रीय मानक और प्रौद्योगिकी संस्थान (NIST) का प्रमुख बनाया था. 34 साल की उम्र में NIST का नेतृत्व करने वाली भी वो पहली महिला थीं.

# पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2012-17 के बीच डॉ. आरती को डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) के सदारत की ज़िम्मेदारी दी थी. वह DARPA का नेतृत्व करने वाली इतिहास की दूसरी महिला थीं. DARPA में रहते हुए उन्होंने एक बायो-टेक लैब बनाया था, जिसने कोविड महामारी के दौरान RNA टीकों पर काम का बीड़ा उठाया हुआ था.

इंडियन-अमेरिकन समुदाय भी आरती प्रभाकर के अपॉइंटमेंट को लेकर ख़ासा उत्साहित है. इम्पैक्ट फंड के नील मखीजा ने कहा,

“भारतीय अमेरिकी समुदाय ये जानकर बहुत उत्साहित है कि राष्ट्रपति बाइडेन ने डॉ. आरती प्रभाकर को OSTP के निदेशक के रूप में नामित किया है. ये उन सभी दक्षिण-एशियाई और एशियन-अमेरिकिन को प्रेरित करेगा जो नई ऊंचाइयों तक पहुंचने और पब्लिक सर्विस और वैज्ञानिक समुदाय में कुछ बेहतर करने की इच्छा रखते हैं."

जो बाइडेन यूं भी इंडियन-अमेरिकन समुदाय पर बहुत 'मेहरबान' हैं. पिछले हफ़्ते उन्होंने सुरक्षा विशेषज्ञ राधा अयंगर को पेंटागन के एक शीर्ष पद के लिए नामित किया था. इससे पहले अप्रैल में डिप्लोमैट रचना सचदेवा कोरहोनेन को माली के लिए अपना दूत बनाया था. और मार्च में पुनीत तलवार को मोरक्को और शेफाली राजदान दुग्गल को नीदरलैंड में अपना दूत नामित किया था. यानी, एक महीने में तीन भारतीय-अमेरिकी नॉमिनेशन.

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