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ये 'रहस्यमयी बीमारी' स्क्रब टाइफस क्या है जिसने UP में आतंक मचा रखा है?

स्क्रब टाइफस जिसको हम बूस्ट टाइफस भी कहते हैं, यह एक प्रकार का इंफेक्शन होता है.

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स्क्रब टाइफस दिल ,लंग्स, किडनी पर सबसे ज्यादा असर करता है
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

अभी कोविड के केसेस कम होना शुरू ही हुए थे कि एक नई मुसीबत आ गई है. ख़ासतौर पर उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोगों के लिए. इंडिया टुडे में छपी ख़बर के मुताबिक, यूपी में एक रहस्यमी बीमारी फैल रही है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस बीमारी से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 40 बच्चे थे. पर कई मीडिया हाउसेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ये आंकड़े ग़लत हैं. 80 मौतें तो अकेले फ़िरोज़ाबाद में रिपोर्ट की गई हैं जहां से ये बीमारी शुरू हुई थी.
फ़िरोज़ाबाद के अलावा ये बीमारी आगरा, मैनपुरी, एटा और वेस्टर्न यूपी के जिलों में तेज़ी से फैल रही है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया है कि पिछले 1-2 दिनों में सैकड़ों लोग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं. अब इस बीमारी के जो लक्षण हैं वो वायरल और डेंगू जैसे हैं. अब सवाल उठता है कि आख़िर ये बीमारी है क्या? एक्सपर्ट्स इसे स्क्रब टाइफस फीवर बोल रहे हैं. क्या है ये स्क्रब टाइफस फीवर, क्यों हो रहा है, इसका इलाज क्या है, इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं डॉक्टर्स से. स्क्रब टाइफस बीमारी क्या है? ये हमें बताया डॉक्टर सुमन ने.
डॉक्टर सुमन प्रकाश, रेसीडेंट डॉक्टर , एम्स, पटना
डॉक्टर सुमन प्रकाश, रेसीडेंट डॉक्टर , एम्स, पटना


स्क्रब टाइफस को हम बूस्ट टाइफस भी कहते हैं, यह एक प्रकार का इंफेक्शन होता है,जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia tsutsugamushi) बैक्टीरिया के कारण होता है. इस बैक्टीरिया की खोज सबसे पहले 1920 के आसपास हुई थी. जापानी वैज्ञानिक ने इसकी खोज की थी, इसी वजह से इस बैक्टीरिया का नाम जापानी है. कारण एक कीड़े का नाम है ट्रॉम्बीक्यूलेड, इसे चिगर्स (Chiggers ) भी कहते हैं. यह कीड़ा खेत में, जंगल में गीली जगहों पर पाया जाता है. इसी कीड़े के अंदर ही ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नाम का बैक्टीरिया होता है. यह कीड़ा बारिश के दिनों में ज्यादा होता है क्योंकि इसी टाइम पर यह अंडे देता है, जिसकी वजह से बारिश में स्क्रब टाइफस के केस बढ़ जाते हैं.
Explained: What Is Scrub Typhus, A 'Mysterious' Infection That's Affecting Children In UP स्क्रब टाइफस जिसको हम बूस्ट टाइफस भी कहते हैं, यह एक प्रकार का इंफेक्शन होता है


इस कीड़े के बारे में खास बात ये है कि ये कीड़ा सबसे ज्यादा हमला चूहों के ऊपर करता है. लेकिन कई बार उस जगह से अगर कोई इंसान निकल रहा है या वो इसके संपर्क में आ जाता है तो उसके शरीर में भी यह बैक्टीरिया पहुंच जाता है, यहां पर ध्यान रखने वाली बात एक यह भी है कि यह कीड़ा लारवा स्टेज में ही सबसे ज्यादा अटैक करता है यानी अपने बचपन में. बड़ा यानी एडल्ट स्टेज में आने के बाद ये अटैक नहीं करता है. लक्षण यह कीड़ा जब काटता है तो उसके 10 दिनों के अंदर लक्षण नजर आने लग जाते हैं, इसके होने पर आपको बुखार हो सकता है, सिर दर्द होगा, बॉडी पेन होगा ,रैशेज दिखते हैं. इसके अलावा कीड़ा काटने की वजह से शरीर पर एक निशान दिख जाता है, जो किसी घाव जैसा दिखता है. स्क्रब टाइफस हमारे दिल ,लंग्स, किडनी को सबसे ज्यादा असर करता है. इसीलिए अगर इसके इलाज में देरी होती है तो कई बार इंसान की मृत्यु तक हो जाती है.
Scrub typhus cases rising among children in western UP | udayavani यह कीड़ा जब काटता है तो उसके 10 दिनों के अंदर लक्षण नजर आने लग जाते हैं

इलाज अगर आपको इस तरह के लक्षण नजर आएं तो आप डॉक्टर के पास जाएं. डॉक्टर इम्यूनोफ्लोरेसेंस और वेल फेलिक्स टेस्ट करवाते हैं. इससे ही कंफर्म होता है कि स्क्रब टायफस है या नहीं. अगर आपको स्क्रब टाइफस होता है तो डॉक्टर आपको डॉक्सीसाइक्लिन 100 एमजी दिन में दो बार देंगे, यह ट्रीटमेंट 7 दिनों तक चलता है. बाकी दवाइयां लक्षण के हिसाब से दी जाती हैं, जैसे आपको बुखार होता है तो पेरासिटामॉल दी जाती है, अगर शरीर में दर्द होता है तो उसके हिसाब से दवाइयां दी जाती हैं. बचाव जब भी आप कभी जंगल, झाड़ी या खेत जैसी जगहों से निकले जहां पर इस कीड़े के होने की संभावना हो सकती है, तो हमेशा फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें, बूट पहने, अगर ग्ल्व्स इस्तेमाल कर सकते हैं तो वह भी करें. इसके अलावा इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करें और इस रिप्लेंट में डीईटी केमिकल होना जरूरी होगा. इसके अलावा कोशिश करें कि घास पर न बैठें.
Decoded | Scrub typhus, the mystery fever gripping parts of Uttar Pradesh - SCIENCE News सरकारी आकड़ों की मानें तो इस बीमारी से अब तक इक्यावन लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 40 बच्चे थे


जिन जगहों पर यह बीमारी बढ़ रही है जैसे आजकल यूपी में , वहां पर प्रोफाइलिंग करके डॉक्सीसाइक्लिन की 200 एमजी डोसेज हफ्ते भर तक लगातार लोगों को देनी चाहिए ताकि इससे बचाव हो सके.
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, स्क्रब टाइफस के केसेस बढ़ने के पीछे बारिश और बाढ़ एक बड़ी वजह है. इससे निपटने के लिए चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने एक पहल की है. 7 सितंबर से 16 सितंबर के बीच कुछ स्वास्थ अधिकारी इन जिलों में घर-घर जाएंगे. ये देखने कि किन-किन लोगों को वायरल, कोविड-19 या और मौसमी बुखार के लक्षण दिख रहे हैं. उम्मीद है तेज़ी से फैल रही इस बीमारी पर जल्दी काबू पाया जाएगा.