तो होता क्या है ‘केराटोसिस पिलारिस’?
आपकी स्किन बनी होती है सेल्स से. और ये उभार नतीजा है डेड स्किन का. इसमें फंसी होती है आपके बालों की जड़. वैसे ये दानेनुमा उभार आपकी ऊपरी बांह, जांघ, गाल और कूल्हों पर होते हैं. ये स्किन कंडीशन छूने से नहीं फैलती. और इसमें दर्द या खुजली भी नहीं होती. ये दिक्कत ठंड के मौसम में और बढ़ जाती. ख़ासतौर पर तब जब स्किन ड्राई होती है. प्रेगनेंट औरतों में भी ये स्किन प्रॉब्लम हो जाती है.
ये एक जेनेटिक कंडीशन है. यानी आपके परिवार में. आपके माता-पिता को भी ये स्किन कंडीशन हो सकती है. इसका कोई इलाज नहीं है. पर हां, इसे रोका ज़रूर जा सकता है. डॉक्टर्स का ये भी मानना है कि 30 साल के होते-होते ये अपने आप रुक भी जाता है.

‘केराटोसिस पिलारिस’ के क्या लक्षण हैं?
हमने बात की डॉक्टर निधि वर्मा से. वो काया स्किन क्लिनिक मुंबई में डॉक्टर हैं. उन्होंने हमें बताया-
‘आपने कभी एक चिकन की स्किन देखी है. उसमें छोटे-छोटे उभार होते हैं. ठीक वैसे ही इंसान की स्किन पर भी होते हैं. इसलिए इस स्किन कंडीशन नाम भी चिकन स्किन पड़ गया है. ये वहां होता है जहां कुदरती तौर पर आपके शरीर पर बाल उगते हैं. जहां बालों की जड़ होती है. इसलिए ये आपके तलवों और हथेली पर नहीं होते. ये ज़्यादातर आपकी ऊपरी बाह पर, जांघ पर होते हैं. पर अगर ये स्किन कंडीशन बढ़ जाए तो घुटनों के नीचे और कोहनी से नीचे भी ऐसा हो जाता है. कुछ और लक्षण भी हैं. जैसे-
-ये उभार लाल या हलके गुलाबी दिखते हैं
-खुजली
-ड्राई स्किन
-खुरदुरी स्किन
क्यों होता है ‘केराटोसिस पिलारिस’
इसके होने के पीछे वजह है. एक प्रोटीन. जिसका नाम है केराटिन. ये आपके बालों की जड़ों में होता है. जब ये प्रोटीन ज़्यादा बनने लगता है, ये आपके पोर को भर देता है. पोर यानी आपकी स्किन पर मौजूद बारीक छेद, उन्हें रोम छिद्र भी कहते हैं. पूरे शरीर में. इसी में आपके बालों की जड़ होती है. खैर केराटिन की भरमार से ये पोर बंद हो जाते हैं. और बाल उसमें अन्दर ही फंस कर रह जाता है. इसलिए जहां बाल होना चाहिए, वहां एक उभार बन जाता है. अगर इस उभार को हल्का सा छीलला जाए तो नीचे बाल दिखेगा.

किसे हो सकता है ‘केराटोसिस पिलारिस’
चिकन स्किन उन लोगों में आम है जिन्हें-
-ड्राई स्किन की दिक्कत होती है
-स्किन कंडीशन होती है एक्जिमा. ये स्किन में एक तरह की सूजन है जिसमें खुजली, लालपन, और स्किन फट जाती है
- मेलेनोमा. ये स्किन कैंसर का एक प्रकार है.
-हद से ज़्यादा वज़न गेन करने से
-औरतों को ज़्यादा होती है
-साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हॉर्मोनल बदलावों के कारण भी होता है

इसका इलाज क्या है
इसका कोई इलाज नहीं है. पर चिकन स्किन को रोका जा सकता है. सुधारा भी जा सकता है.
इसके लिए आप किसी स्किन डॉक्टर से मिलिए. वो आपको एक क्रीम देंगे लगाने के लिए. इसमें रेटेनॉल नाम का केमिकल होता है. साथ ही कुछ केमिकल की मदद से स्किन की ऊपरी परत को हटाया भी जाता है. इसे केमिकल पीलिंग कहते हैं.
कुछ घरेलू इलाज भी हैं
- हलके गुनगुने पानी से नहाना. इससे आपके बंद पोर खुल जाते हैं.
- आपको स्किन स्क्रब करने की ज़रूरत है. उसके लिए आप बॉडी स्क्रब का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये मार्केट में काफ़ी सस्ते दामों पर मिलते हैं. शरीर को नहाते समय घिसने के लिए एक जूना आता है. उसपर थोड़ा सा स्क्रब डालिए. पानी डालिए. और साबुन की तरह शरीर में मलिए. फिर पानी से धो लिए.
-थोड़ी शक्कर लीजिए. उसमें नारियल का तेल मिला लीजिए. फिर इसे मिलाकर शरीर पर धीरे-धीरे घिसिये. फिर उसे धो लीजिए.
-बहुत कसे कपड़े पहनने से बचिए. उसकी रगड़ से ये दिक्कत और बढ़ जाती है.
-अपनी स्किन को ड्राई होने से बचाइए. क्रीम का इस्तेमाल करिए.
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