लोकेश 24 साल के हैं. नोएडा के रहने वाले हैं. कुछ समय पहले उन्होंने नोटिस किया कि उनके पेट के निचले हिस्से में अजब सी सूजन हो रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे स्किन के अंदर कोई गेंद है. सामान उठाने पर भी काफ़ी दर्द होता था. जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला उन्हें हर्निया है. हर्निया की परेशानी तब होती है जब शरीर का कोई अंदरूनी अंग, जिस मांसपेशियों से वो घिरा है या जिस टिश्यू (ऊतक) के अंदर है, वो उसकी दीवार पर प्रेशर मारकर बाहर की तरफ आने लगे. ज़्यादातर हर्निया चेस्ट, पेट के निचले हिस्से या हिप्स पर पाए जाते हैं. अब लोकेश को उनके डॉक्टर सर्जरी करके हर्निया हटाने की सलाह दे रहे हैं. लोकेश समझ नहीं पा रहे कि क्या उन्हें सर्जरी करवानी चाहिए? वो चाहते हैं हम हर्निया पर एक एपिसोड बनाएं. ये क्या होता है, क्यों होता है, इसका इलाज क्या है, ये डॉक्टर से पूछकर बताएं.
हाल ही में टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक ख़बर छपी कि भारतीयों में हर्निया होने का ख़तरा ज़्यादा रहता है. इसके पीछे वजह है कमज़ोर मांसपेशियां. तो आज बात करते हैं, हर्निया के बारे में. सबसे पहले डॉक्टर से समझते हैं हर्निया क्या होता है और कितनी तरह का होता है? क्या और कितनी तरह का होता है हर्निया? ये हमें बताया डॉक्टर योगेश ने.

डॉक्टर योगेश बंग, डीएनबी सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मातृछाया सर्जिकल क्लिनिक, नागपुर
-हमारे पेट के ऊपर जो परत है, इस परत के अंदर अगर कोई छेद हो जाए
-या पहले से अगर कोई छेद है और उसका साइज बड़ा हो जाए
-तो वहां पेट के अंदर मौजूद अंतड़ी या अंतड़ी के ऊपर जो चर्बी है, वो बाहर आने लगती है
-इसी को हम हर्निया कहते हैं
-हमारे पेट की अंदरूनी परत पर 2-3 छेद जन्मजात होते हैं, जैसे नाभि के ऊपर
-नाभि का ये छेद जन्म के बाद अक्सर बंद हो जाता है
-किसी-किसी की नाभि बंद नहीं होती है. उसकी नाभि के आधा सेंटीमीटर ऊपर या उससे छोटा छेद रह जाता है
-जब इस छेद का साइज बढ़ जाता है तो पेट के अंदर की आंतें बाहर आने लगती हैं
-इसी को हम नाभि का हर्निया या अंब्लीकल हर्निया कहते हैं
-इसी तरह से जांघ में 2 छेद होते हैं. एक राइट साइड में और एक लेफ्ट साइड में
-जब ये छेद बढ़ जाए और आंतें बाहर प्रेशर बनाने लगें तो इसे जांघ का हर्निया कहते हैं
-इसको इंग्लिश में Inguinal हर्निया कहते हैं, क्योंकि ये राइट साइड या लेफ्ट साइड में होता है हर्निया के क्या कारण हैं? -शरीर पर चर्बी बढ़ने की वजह से पेट का साइज बढ़ जाए और पेट के अंदर का प्रेशर बढ़ जाए

-किसी-किसी पेशेंट में जिनमें खांसी बहुत होती है, अस्थमा का प्रॉब्लम होता है, उनका पेट पर प्रेशर बढ़ता है
-तब पेट के अंदर के छोटे-छोटे छेद बड़े होने लगते हैं, इसे पेट का हर्निया कहा जाता है
-जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमें पेशाब करने में तकलीफ होती है, प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाता है
-या कब्ज़ होने की वजह से जब हम जोर लगाते हैं मोशन पास करने के लिए, तब भी पेट पर प्रेशर बढ़ता है
-और इस प्रेशर की वजह से भी छेद बड़े हो जाते हैं
-जिन पेशेंट्स का किसी कारण से पेट का ऑपरेशन हुआ हो, जैसे सिजेरियन या बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन
-किसी और पेशेंट में अल्सर फटने की वजह से ऑपरेशन होता है
-किसी पेशेंट में दूरबीन से पित्त की थैली का ऑपरेशन होता है
-जिन भी ऑपरेशन की वजह से पेट पर चीरा पड़ता है, उनमें ऑपरेशन के बाद हर्निया होने के चांसेज रहते हैं
-ऐसा इसलिए कि पेट पर चीरा पड़ने के कारण पेट की परत ढीली हो जाती है
-तो औसतन 100 में से 25-30 लोगों में पेट के ऑपरेशन के बाद हर्निया बनने की संभावन रहती है
-इसे हम इनसिजनल हर्निया कहते हैं, ऐसा इसलिए कि पेट की परत के ऊपर इनसिजन यानी घाव हुआ था, जिससे पेट की परत थोड़ी कमजोर हो गई है हर्निया के लक्षण -हर्निया के लक्षण में पेट के ऊपर सूजन आना शुरू होती है
-पेशेंट जब चलता है या खड़ा होता है, तब जांघ और नाभि के ऊपर सूजन आनी शुरू हो जाती है

-अगर किसी का पहले कोई ऑपरेशन हुआ है तो ऑपरेशन की वजह से सूजन आनी शुरू हो जाती है
-शुरूआती सूजन के बाद इसमें दर्द होने लगता है
-और जब पेशेंट लेटता है तो प्रेशर कम होने के कारण सूजन कम हो जाती है
-ये सबसे ज़रूरी लक्षण है हर्निया का. शुरूआत इसकी सूजन से होती है. जब पेशेंट चलता है या खड़ा होता है तो ये सूजन बढ़ जाती है
-जैसे-जैसे हर्निया का साइज बढ़ता है, सूजन बढ़ती जाती है और दर्द भी बढ़ता जाता है बचाव और इलाज -हर्निया से बचने के लिए एक्सरसाइज करके पेट की परत को मजबूत करना होता है
-कब्जियत न हो, यूरिन पास होने में तकलीफ न हो
-अस्थमा हो तो उसे कंट्रोल में रखना चाहिए ताकि खांसी की वजह से पेट पर प्रेशर न पड़े
-अगर किसी पेशेंट को हर्निया है तो उसका इलाज सिर्फ और सिर्फ सर्जरी द्वारा हो सकता है
-इसे एक ऑपेरेशन द्वारा ठीक किया जाता है
-ऑपरेशन में छेद को टांके द्वारा बंद कर दिया जाता है. उसके ऊपर जाली लगा दी जाती है
-ये जाली सिंथेटिक मटीरियल प्रोलीन से बनी होती है
-इस जाली या मेस को लगाने की वजह से पेट की परत में जो कमजोरी होती है, वो दूर हो जाती है और हर्निया दोबारा नहीं हो पाता है
-हर्निया का ऑपरेशन ओपन और दूरबीन यानी लेप्रोस्कोपिक दोनों तरह से किया जाता है
-हर्निया का साइज क्या है, दर्द कितना है, इन बातों के आधार पर डिसाइड किया जाता है कि कैसे ऑपरेशन होगा
-अगर किसी को हर्निया है या पेट के ऊपर सूजन लग रही है तो जल्द से जल्द सर्जन से मिलकर हर्निया का इलाज करवाएं
उम्मीद है जिन लोगों को हर्निया है, उन्हें इसका इलाज समझ में आ गया होगा. अगर डॉक्टर आपको सर्जरी की सलाह दे रहे हैं तो आप सर्जरी करवा सकते हैं. हर्निया से बचने के लिए डॉक्टर की टिप्स ज़रूर मानें.