सिर और गले का कैंसर. आपको पता है, हिंदुस्तान में हर साल जितने कैंसर के केसेज़ आते हैं, उनमें से 57 प्रतिशत सिर और गले के कैंसर के होते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी ख़बर के मुताबिक, 2030 तक ये केसेज़ डबल हो जाएंगे. इस तरह के कैंसर गले के आसपास, नाक, साइनस, मुंह और वॉइस बॉक्स में होते हैं. वॉइस बॉक्स गले में होता है. इसी की मदद से आपकी आवाज़ निकलती है. अगर इस तरह के कैंसर का पता जल्दी लग जाए तो इलाज भी मुमकिन है. लेकिन दिक्कत ये है कि ऐसे कैंसरों का शुरुआती स्टेज में पता नहीं चल पाता. इसकी एक बड़ी वजह है जागरूकता की कमी. इसलिए आज बात करते हैं सिर और गले के कैन्सर्स के बारे में. सबसे पहले जानते हैं कि ये क्या होते हैं और उनके होने के पीछे क्या कारण हैं?
क्यों होते हैं हेड एंड नेक कैंसर?
ये हमें बताया डॉक्टर जगदीश ने.

-हेड एंड नेक कैंसर में मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, स्वर यंत्र (वॉइस बॉक्स) और थूक बनाने वाली ग्रंथियों (Partoid Gland, Minor Salivary Glands) के कैंसर आते हैं.
-इन कैन्सर्स के होने के पीछे अलग-अलग तरह की लतें ज़िम्मेदार हैं.
-जैसे सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, गुटका और शराब के सेवन से कैंसर होने के चांसेज़ बढ़ जाते हैं.
-इसके अलावा कुछ वायरल इन्फेक्शन हैं, जैसे ह्यूमन पेपिलोमा वायरस इन्फेक्शन (Human papillomavirus) और एपस्टीन-बार वायरस (Epstein–Barr Virus). इनसे भी हेड एंड नेक कैंसर होने के चांसेज़ बढ़ जाते हैं.
-इसके अलावा कुछ केसेज़ में जेनेटिक फैक्टर ज़िम्मेदार होते हैं.
-हिंदुस्तान में सबसे आम कारण है तंबाकू और इससे संबंधित चीज़ों का सेवन.
कारण आपने जान लिए. अब बात करते हैं लक्षणों की. अगर ऐसे लक्षण महसूस हों तो बिल्कुल देरी न करें. तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. साथ ही जानते हैं इलाज.
लक्षण
-सबसे आम लक्षण है मुंह में किसी भी तरह का अल्सर होना.
-अगर ये अल्सर बहुत दिनों तक ठीक नहीं हो रहा है तो ध्यान देने वाली बात है.
-मुंह में किसी तरह की गांठ बनना.
-गर्दन में गांठ बन जाना.

-खाना निगलते वक़्त तकलीफ़ होना
-नाक से खून बहना
-सांस लेने में तकलीफ़ होना
-आवाज़ में बदलाव आ जाना
डाइग्नोसिस
-गले में तपाश करने के लिए लैरींगोस्कोपी (Laryngoscopy) या एंडोस्कोपी (Endoscopy) का टेस्ट किया जाता है.
-अगर कहीं गांठ दिख जाती है तो उसको डाइग्नोस करने के लिए बायोप्सी (Biopsy) नाम का टेस्ट किया जाता है.
-बायोप्सी में ट्यूमर से एक टुकड़ा निकाला जाता है और उसकी जांच की जाती है.
-इससे पता चल जाता है कि हेड एंड नेक कैंसर है या नहीं.
-इसके अलावा सीटी स्कैन, पेट स्कैन और MRI स्कैन भी किए जाते हैं.
इलाज
-हेड एंड नेक कैंसर में आमतौर पर तीन तरह के इलाज होते हैं.
-पहला होता है सर्जरी.
-सर्जरी में ऑपरेशन करके गांठ निकाल दी जाती है.
-सर्जरी ज़्यादातर मुंह के कैंसर के लिए की जाती है.
-दूसरा इलाज है कीमोथेरेपी.

-तीसरा इलाज है रेडिएशन थेरेपी.
-रेडिएशन थेरेपी में जहां पर गांठ है, वहां पर एक्सरे या गामारेज़ से इलाज करते हैं.
-रेडिएशन थरेपी OPD बेसिस ट्रीटमेंट होता है.
-हफ्तें में पांच दिन और पांच से सात हफ़्ते तक किया जाता है.
-ये निर्भर करता है कि बीमारी की कंडीशन या स्टेज कौन सी है.
सिर और गले के कैंसर होने के पीछे एक बड़ी वजह तंबाकू और स्मोकिंग है. इसलिए उनसे जितना दूर रह सकें उतना बेहतर.
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