पुनीत पुणे के रहने वाले हैं. 32 साल के हैं. उन्होंने हमें मेल किया. बताया कि सितंबर के महीने में उन्हें बुखार चढ़ा. साथ ही जोड़ों में दर्द भी होने लगा. उन्होंने अपना कोविड का टेस्ट करवाया, लेकिन वो नेगेटिव आया. उन्हें कुछ और दिक्कतें भी हो रही थीं. जैसे सिर में दर्द, हाथ-पैरों में दर्द और रैशेज़. जब पुनीत ने डॉक्टर को दिखाया तो उनके कुछ और टेस्ट हुए. पता चला, उन्हें चिकनगुनिया हो गया है. लगभग एक-डेढ़ हफ़्ते के इलाज के बाद वो ठीक हो गए.
ये सिर्फ पुनीत का मामला नहीं है. चिकनगुनिया के केस काफी बढ़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर में पुणे में ही चिकनगुनिया के 79 केस रिपोर्ट किए गए. मुंबई में भी लोग बुखार और जोड़ों में भयानक दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर्स के पास जा रहे हैं. महाराष्ट्र में सितंबर खत्म होते-होते चिकनगुनिया के 1784 मामले रिपोर्ट हुए हैं. सिर्फ़ महाराष्ट्र ही नहीं, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी चिकनगुनिया के मामले सामने आ रहे हैं.
ऐसे में ये समझना ज़रूरी है कि चिकनगुनिया से बचाव कैसे किया जाए. इसका इलाज क्या है. सबसे पहले जान लेते हैं चिकनगुनिया है क्या, और इसके होने के पीछे कारण क्या हैं? चिकनगुनिया क्या है, किस कारण से होता है? ये हमें बताया डॉक्टर बेला शर्मा ने.

- चिकनगुनिया एक वायरस से होने वाली बीमारी है, जो मच्छर के काटने से होती है
- अगर कोई इन्फेक्टेड मच्छर, जो पहले से किसी चिकनगुनिया से बीमार व्यक्ति को काट चुका है, वह हमें काट लेता है तो उसके जरिए चिकनगुनिया का वायरस हमारे शरीर में आ जाता है
- और फिर हमें भी यह बीमारी हो सकती है लक्षण - इसके लक्षण काफी कुछ डेंगू से मिलते-जुलते हैं
- फर्क इतना है कि चिकनगुनिया में बुखार के साथ-साथ शरीर और जोड़ों में काफ़ी दर्द होता है
- डेंगू की तरह चिकनगुनिया में ब्लीडिंग वाली समस्या नहीं होती है
- लेकिन चिकनगुनिया में बॉडी और ज्वाइंट पेन बहुत ज्यादा होता है इसलिए चिकनगुनिया को ब्रेक बैक फीवर भी कहा जाता है
- बुखार ठीक हो जाने के बाद भी शरीर और जोड़ों में बहुत समय तक दर्द रहता है

- 2-3 साल पहले दिल्ली, एनसीआर में जिन लोगों को चिकनगुनिया हुआ था, उन्हें बीमारी ठीक हो जाने के बहुत समय बाद तक रुटीन चलने-फिरने और रोज़मर्रा के काम करने में भी दिक्कत महसूस होती रही थी
- बुखार उतरने और चिकनगुनिया के बाकी सारे लक्षण ठीक हो जाने के बाद भी काफी समय तक स्वास्थ संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं डायग्नोसिस - चिकनगुनिया को डायग्नोज करने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है
- उससे पता चलता है कि हमारे शरीर में चिकनगुनिया का वायरस है या नहीं इलाज - चिकनगुनिया में लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है
- बुखार, शरीर में दर्द के लिए डॉक्टर दवाइयां देते हैं
- ज्यादा एंटी-इन्फ्लेमेटरी स्ट्रांग मेडिसिन न लेने की सलाह दी जाती है
- बहुत सारे इंजेक्शन न लेने की भी सलाह दी जाती है

- दवाइयां लेने के साथ-साथ आपको ख़ूब सारा पानी पीना है
- नींबू पानी और नारियल पानी ज्यादा पिएं
- रेस्ट करें, अच्छी डाइट लें
-अपने आपको संक्रमण से बचाएं
- बच्चे, बूढ़े या वो लोग जिनको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हैं, उन लोगों को संक्रमण होने के ज्यादा चांसेस रहते हैं बचाव - अपने घर के साथ-साथ अपने आसपास की भी सफाई का ध्यान रखिए
- आपके आसपास कहीं पानी न जमा होने दें, ताकि जिससे वहां मच्छर न पनपने पाएं
- अपने घर की सफाई के साथ-साथ आपकी सोसाइटी और उसके बाहर कहीं भी पॉटहोल्स हैं तो उसकी मरम्मत करवाना ज़रूरी है

- गमलों में पानी न जमा होने दें , कूलर में पानी न जमा होने दें, पुराने बर्तनों में पानी न जमा होने दें
- घर के बाहर सड़क पर अगर पानी जमा हो रहा है या बरसात का पानी इकट्ठा है तो वहां पर मच्छर पनप सकते हैं
-इससे ये बीमारियां हो सकती हैं
देश में चिकनगुनिया के केस बढ़ रहे हैं, डर भी बढ़ रहा है लेकिन आपको क्या करना है, बहुत ही बेसिक सी चीज़ें जो आपने बचपन से कितनी बार सुनी हैं. उनका पालन करिए. इस बीमारी से बचे रहेंगे.