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हार्ट अटैक के पीछे क्या है वजह? अगर ये लक्षण हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाइए

हार्ट अटैक तब पड़ता है जब आपके दिल को पर्याप्त खून की सप्लाई नहीं मिलती. ऐसा क्यों होता है?

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सांकेतिक तस्वीर.

हार्ट अटैक. ये दो शब्द ऐसे हैं जो आजकल खूब सुनने में आ रहे हैं. अचानक से हार्ट अटैक के केस बढ़ने लगे हैं. गए वो दिन जब हार्ट अटैक बुढ़ापे में होने वाली चीज़ थी. आजकल तो हार्ट अटैक के मामले में 16 साल,  20 साल, 30 साल, 40 साल की उम्र में कोई फ़र्क नहीं रह गया है. सबसे पहले ये समझ लीजिए कि हार्ट अटैक तब पड़ता है जब आपके दिल को पर्याप्त खून की सप्लाई नहीं मिलती. ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो नसें आपके दिल तक खून पहुंचा रही थीं, वो ब्लॉक हो गई हैं. अब वो ब्लॉक क्यों होती हैं और इसके लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है जो बताते हैं कि आपके दिल की नसें ब्लॉक्ड हैं. इन सब चीजों के बारे में डॉक्टर से जानिए.

दिल की नसों में रूकावट क्यों आ जाती है?

(जानिए डॉ ब्रजेश मिश्रा से )

(Dr. Brajesh Mishra, Intervention Cardiologist, Manipal Hospital, Gurugram)
(डॉ. ब्रजेश मिश्रा, इंटरवेंशन कार्डियोलॉजिस्ट, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम)

भारत के शहरों में रहने वाले 10 फीसदी लोगों को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है यानी दिल की नसों में ब्लॉकेज है. जो जनता डायबिटिक है, उनमें 20% लोगों के दिल की नसों में ब्लॉकेज है. हमारे देश में लोगों को ये बीमारी, पश्चिमी देशों के मुकाबले 10 साल पहले हो रही है. इसलिए ये एक बड़ी समस्या है. हार्ट अटैक के कुछ कारण ऐसे हैं जिनको बदल नहीं कर सकते. जैसे पुरुषों में ये रिस्क ज़्यादा होता है. महिलाओं में एस्ट्रोजेन नाम का हॉर्मोन ज़्यादा होता है, जो उन्हें इस रिस्क से बचाता है. बढ़ती उम्र एक और कारण है, जिसे रोका नहीं जा सकता. बुज़ुर्ग लोगों में ये दिक्कत ज़्यादा होती है. अगर फैमिली हिस्ट्री है तो भी रिस्क दोगुना होता है.

पर कुछ रिस्क फैक्टर ऐसे हैं, जिन्हें रोका जा सकता है. जैसे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना. ऐसा करने से रिस्क आधा हो जाता है. अगर डायबिटीज और ब्लड प्रेशर दोनों हैं, तो रिस्क 5 से 7 गुना बढ़ जाता है. और रिस्क फैक्टर भी हैं जैसे ज़्यादा कॉलेस्ट्रोल, आरामपरस्त ज़िंदगी, स्ट्रेस, मोटापा और स्मोकिंग. अगर खाने में जंक फ़ूड बहुत खाते हैं, फल और फाइबर नहीं लेते तो भी रिस्क बढ़ जाता है

किन लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है?

दिल में ब्लॉकेज का सबसे बड़ा लक्षण है - एंजाइना पेन. एंजाइना पेन यानी सीने में दर्द. ये दर्द तब होता है जब आप चलते हैं या शारीरिक मेहनत करते हैं. ये सीने के बीचो-बीच होता है. ये दर्द हल्का होता है. जबड़े, गले, कंधों और पीठ तक ये दर्द जा सकता है. बैठने से आराम मिलता है. सारे पेशेंट में ये दर्द एक तरीके का नहीं होता. ख़ासतौर पर डायबिटीज और किडनी की बीमारी से ग्रसित लोगों में ये दर्द टिपिकल तौर पर महसूस नहीं होता. इन पेशेंट्स में सांस फूलना ज़्यादा आम है. अगर इसकी वजह से दिल को किसी तरह का नुकसान हुआ है या दिल कम खून पंप का रहा है. तब शरीर में सूजन आ जाती है. चक्कर आ सकते हैं. पूरे शरीर में सूजन हो सकती है. अगर आपको ठंड लग रही है और पसीना आ रहा है तो ध्यान दें.

ज़्यादातर केस में सीरियस हार्ट अटैक के दौरान सीने में तेज़ दर्द उठता है. दर्द के साथ पसीना आता है. बेचैनी होती है. ये सारे लक्षण इसलिए आते हैं क्योंकि दिल को ठीक तरह खून की सप्लाई नहीं मिल रही. अगर ये लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर को तुरंत दिखाएं.

ज़रूरी नहीं है कि दिल में चमक वाला दर्द उठे. ख़ासतौर पर अगर आपको डायबिटीज या किडनी की कोई बीमारी है. इसलिए ऊपर बताए लक्षणों पर ध्यान ज़रूर दीजिये.