The Lallantop

शैम्पू-क्रीम में डलने वाले पैराबेन के ये खतरे जानेंगे तो तौबा कर लेंगे

ब्यूटी और स्किन केयर प्रोडक्ट्स में क्यों डाला जाता है पैराबेन?

Advertisement
post-main-image
आजकल मार्केट में मिलने वाले कई प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग 'पैराबेन फ्री' प्रोडक्ट के तौर पर की जा रही है. सांकेतिक फोटो- Pixabay
अगर आप शैम्पू, बॉडी वॉश और स्किन प्रोडक्ट्स में दिलचस्पी रखते हैं तो बहुत पॉसिबल है कि आपने टीवी पर, इंटरनेट पर इनके खूब ऐड देखे होंगे. इन ऐड्स की मानें तो इन प्रोडक्ट्स का सबसे बड़ा सेलिंग पॉइंट होता है इनका पैराबेन फ्री होना. इन प्रोडक्ट्स की बॉटल्स में भी पैराबेन फ्री होने की बात खासतौर पर लिखी होती है. लेकिन ये पैराबेन होता क्या है? और ये हमारे लिए नुकसानदेह क्यों होता है?
पैराबेन एक कैमिकल प्रिज़र्वेटिव है जो कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उनमें डाला जाता है.  ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इसका इस्तेमाल 1920s से किया जा रहा है. शैम्पूकंडीशनर्सस्किन केयर प्रोडक्ट्ससाबुन जैसे कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पैराबेन का इस्तेमाल किया जाता है. पैराबेन माइक्रोबियल एक्टिविटी को कम करते हैं. जिसका मतलब है कि अगर किसी प्रोडक्ट में पैराबेन डाला गया हो तो उसमें बैक्टीरिया और फंगस आसानी से ग्रो नहीं कर पाएंगे और वो प्रोडक्ट लम्बे टाइम तक चलेगा. तो फिर पैराबेन को नुकसानदेह क्यों कहा जाता है? paraben free
पैराबेन के नुकसान को लेकर अलग-अलग बातें कहती हैं रिसर्च

NCBI की हाल की कुछ रिसर्च्स में ये पता चला है कि पैराबेन मिले हुए प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव हो सकते हैंये हमारे एंडोक्राइन सिस्टम को इफ़ेक्ट कर सकते हैं. डॉ निवेदिता दादू ने हमें इसके बारे में और डिटेल में बताया. उनके मुताबिक, पैराबेन हमारे हॉर्मोन्स को डिस्टर्ब  कर सकते हैं. ये पुरुषों में स्पर्म काउंट को कम कर सकते हैं और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि प्रोडक्ट में कितना परसेंट पैराबेन है और कितना परसेंट से कम होना चहिए ये जानना भी ज़रूरी है. ये ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि आप उसे कितना फ्रीक्वेंटली इस्तेमाल कर रहे हैं.
NCBI में ही छपी एक और रिसर्च में बताया गया है कि पैराबेन एस्ट्रोजन हॉर्मोन को मिमिक कर सकते हैं जिसका मतलब है कि ये आपके शरीर के हॉर्मोन बैलेंस को बिगाड़ सकता है. रिसर्च में ये भी कहा गया है कि पैराबेन आपकी स्किन के ज़रिये आसानी से अब्ज़ॉर्ब होकर शरीर तक पहुंच सकते हैं और इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का रोज़ाना इस्तेमाल करने से ये आपके सिस्टम में इकठ्ठा हो सकते हैं.
paraben free
'पैराबेन फ्री' में होता है नेचुरल चीज़ों का इस्तेमाल
'पैराबेन फ्री' प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ कितनी होती है? पैराबेन फ्री. किसी भी प्रोडक्ट के लिए इस फ्रेज का इस्तेमाल ग्राहक को ये बताने के लिए किया जाता है कि वो प्रोडक्ट नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल से मुक्त है. अब सवाल ये उठता है कि पैराबेन नहीं होने पर क्या प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ कम हो जाती है?
इसके जवाब में डॉ निवेदिता दादू ने कहा कि काफी कंपनीज़ प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ बढाने के लिए नैचुरल और आयुर्वेदिक इंग्रेडिएंट्स का इस्तेमाल कर रही हैं. इसके लिए नीम ऑइलविटामिन ई ऑइलबेसिल एक्सट्रेक्टरोज़मेरी ऑइलग्रेपफ्रूट सीड एक्सट्रेक्ट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है. इन सब से प्रोडक्ट की  शेल्फ लाइफ बढ़ती तो है लेकिन ये पैराबेन मिले प्रोडक्ट्स से कम होती है.
तो समझा आपने क्यों ब्यूटी प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट में पैराबेन के न होने का दावा करती हैं.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement