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लेटने के बाद भी घंटों तक नहीं आती नींद? इन आदतों को तुरंत बदल डालिए

नींद की कमी से कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे थकान, उदासी, चिंता, काम में मन न लगना. नींद ना पूरी होने पर शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.

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मानसिक तनाव या ज्यादा सोचना से भी नींद नहीं आती. (सांकेतिक फोटो)

इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं. एक वो जिन्हें खूब नींद आती है. और दूसरे जो बेचारे सो नहीं पाते. हमारे एक व्यूअर हैं हर्ष. कॉर्पोरेट नौकरी करते हैं. 10-11 बजे तक घर पहुंचते हैं. 12:30 बजे वो सोने चले जाते हैं. लेकिन नींद उन्हें 4-4 बजे तक नहीं आती (Sleeplessness). टाइम पास करने के लिए वो फ़ोन पर वीडियो और रील्स देखते हैं. इन्हें देखते-देखते सुबह कब हो जाती है, पता ही नहीं चलता. अगले दिन थके-हाल वो ऑफिस जाते हैं. अब ये सिलसिला सा बन गया है. पिछले 2-3 महीनों से लगातार ऐसा हो रहा है. इसका असर उनकी सेहत पर पड़ने लगा है. हर्ष आजकल काफ़ी बीमार रहने लगे हैं. लेकिन वो नींद की गोलियां खाने से बचना चाहते हैं.

अब जिस समस्या से हर्ष जूझ रहे हैं, वो बहुत आम है. हममें से कई लोग बिस्तर पर घंटों करवटे बदलते रहते हैं लेकिन नींद नहीं आती. ऐसे में हम फ़ोन का इस्तेमाल करने लगते हैं. इससे सिर्फ़ टाइम पास नहीं होता, आपके शरीर में भी कुछ बदलाव होते हैं जिसके कारण नींद और नहीं आती. क्या? सब बताते हैं. पहले बात करते हैं कुछ आम वजहों की, जिनकी वजह से नींद टाइम पर नहीं आती है.

लगातार नींद न आने के कारण

ये हमें बताया डॉक्टर शुचिन बजाज ने.

( डॉ. शुचिन बजाज, फाउंडर एंड डायरेक्टर, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल्स )

नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे कि मानसिक तनाव (Stress) या ज्यादा सोचना (Overthinking). खराब लाइफस्टाइल जैसे रात में देर से सोना, सुबह देर से उठना, नाइट शिफ्ट करना, रात में पढ़ाई करना या देर रात तक पार्टी करना. इस वजह से शरीर कन्फ्यूज़ हो जाता है कि कब सोना है या कब उठना है. ठीक से न खाने-पीने के कारण भी नींद नहीं आती. ज्यादा शराब और कैफीन का सेवन, रात में देर से डिनर करने से भी सोने में परेशानी होती है.

लंबे समय तक फोन या लैपटॉप चलाने के कारण आंखों पर ब्लू लाइट ज्यादा पड़ती है. ब्लू लाइट मेलाटोनिन (Melatonin) हॉर्मोन के प्रोडक्शन को कम या बंद भी कर सकती है. मेलाटोनिन नींद लाने वाला हॉर्मोन है और ये लाल रंग की लाइट में ज्यादा काम करता है. इस वजह से अक्सर सोने वाले कमरे में लाल लाइट लगाई जाती है. नींद न आने का एक कारण मानसिक बीमारियां भी हो सकता है जैसे डिप्रेशन, एंग्जाइटी और तनाव. इसके अलावा दिनभर बैठे रहने से और एक्सरसाइज़ न करने के कारण भी नींद नहीं आती.

शरीर को क्या नुकसान होता है?

> रात में ठीक से न सोने पर शरीर में सुस्ती और थकान महसूस होती है

> काम करने का मन नहीं करता

> नींद पूरी नहीं होने पर दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं

> बीपी बढ़ सकता है, इम्यूनिटी कम हो जाती है

> बार-बार बीमार पड़ना भी नींद की कमी की ओर इशारा करता है

> वजन बढ़ सकता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है

> 8 घंटे या इससे ज्यादा नींद लेने पर बॉडी खुद को रिपेयर करना शुरू करती है

> वहीं 5 घंटे से कम सोने पर शरीर में कई तरह नुकसान हो सकते हैं

क्या लक्षण देखने को मिलते हैं?

> नींद की कमी से कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे थकान, उदासी, चिंता, काम में मन न लगना.

> फोकस की कमी, चीजें याद रखने में मुश्किल होना,

> चीजें समझ न आना- अक्सर ऐसा ज्यादा पढ़ने वालों के साथ होता है.

> हाई बीपी, बहुत गुस्सा आना, ढंग से काम न कर पाना, वजन और शुगर बढ़ना.

> ये सभी लक्षण नींद की कमी की ओर इशारा करते हैं.

इलाज

> नींद को ठीक करने के लिए एक ही समय पर सोएं और एक ही समय पर उठें.

> खाने-पीने का ध्यान रखें, शराब-सिगरेट से दूर रहें, चाय और कॉफी का सेवन कम करें.

> खासकर सोने से पहले इनका सेवन बिल्कुल न करें

> सोने से 2 से 3 घंटे पहले खाना खा लें, 7 या 8 बजे तक डिनर कर लें

> ब्लू लाइट निकालने वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल कम करें

> सोने वाले कमरे में टीवी न लगाएं, इस कमरे को शांत रखें

> बेड को आरामदायक बनाएं, ज्यादा मोटा तकिया न लगाएं

> मन शांत रखें

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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