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यूक्रेन युद्ध पर प्रेसिडेंट जेलेंस्की की पत्नी का खत भावुक कर देगा

बच्चों पर दी जानकारी परेशान करने वाली.

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यूक्रेन के प्रेसीडेंट वोलोडिमिर जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंसका के लिखे खत में युद्ध के विनाश का वर्णन है. वहीं एक्स मिस यूक्रेन ने भी युद्ध के बारे में बताया.
"ये एक लंबी रात है. एक सुरंग की तरह. यहां से हम देख सकते हैं बाहर का एक अस्पष्ट दृश्य. हम देखते हैं मारकाट और विलाप. बच्चों हमने ही तुम्हें वहां भेजा था. हमें माफ़ कर दो. हमने झूठ कहा था कि जीवन एक युद्धस्थल है."
मंगलेश डबराल की इस कविता के भाव वर्तमान यूक्रेन की स्थिति से मेल खाते हैं.  ये लंबी रात यूक्रेन-रूस युद्ध की लंबी रातों की तरह लगती हैं. सुरंग का अंधेरा यूक्रेन के बेसमेंट्स का अंधेरा लगता है. ये मारकाट युद्ध की क्रूरता सी है. और ये बच्चे वो बच्चे हो सकते हैं जो भविष्य में इस युद्ध के साक्षी कहे जाएंगे.
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प्रेसीडेंट ऑफ यूक्रेन के ऑफिशियल वेबसाइट पर पोस्ट किए गए ओलेना जेलेंसका के लेटर का नाम 'I Testify'

कविता की इन पंक्तियों जैसे ही भाव यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोडिमिर जेलेंस्की की पत्नी ओलेना जेलेंस्का के खत में उकरे हैं. ये खत उन्होंने 8 मार्च को 'प्रेसिडेंट ऑफ यूक्रेन' के ऑफिशियल वेबसाइट से पोस्ट किया. इस खत का नाम है 'I Testify...'. हिन्दी में कहें तो 'मैं बयान दे रही हूं...' होगा.
खत में ओलेना जेलेंस्का ने प्रेस को अड्रेस करते हुए यूक्रेन में युद्ध के परिणामों का मार्मिक ब्यौरा दिया है. उन्होंने लिखा,
"पुतिन परमाणु युद्ध शुरू करने की धमकी दे रहे हैं. अगर हम उन्हें नहीं रोकते हैं तो इस दुनिया में किसी के लिए भी कोई सुरक्षित स्थान नहीं बचेगा."
पूरा खत बेहद मार्मिक है और युद्ध की त्रासदी को दर्शाता है. इसमें यूक्रेन की जनता का दर्द बताते हुए ओलेना जेलेंस्का लिखती हैं,
"हमारी महिलाएं और बच्चे अब बम शेल्टर और बेसमेंट में रहते हैं. आपने कीव और खार्किव मेट्रो स्टेशनों से इन तस्वीरों को सबसे अधिक देखा है, जहां लोग अपने बच्चों और पालतू जानवरों के साथ फर्श पर रह रहे हैं और वहीं फंसे हुए हैं. ये कुछ लोगों के लिए महज़ युद्ध का परिणाम हो सकता है, लेकिन यूक्रेन के लोगों के लिए ये अब एक भयावह वास्तविकता है. कुछ शहरों में नागरिक और उनके परिवार लगातार कई दिनों तक बम शेल्टर्स से बाहर नहीं निकल सकते, क्योंकि वहां अंधाधुंध बमबारी और गोलाबारी हो रही है. "
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बेसमेंट में रहते हुए यूक्राइने के नागरिक (तस्वीर : इंडिया टुडे )
नवजात बच्चे युद्ध की हवा में पहली सांस ले रहे हाल में खबर आई थी कि युद्ध के बीच यूक्रेन में नवजात बच्चों का जन्म अस्पतालों और घरों के अलावा बेसमेंट्स में हो रहा है. ये नन्ही ज़िंदगियां भयानक हिंसा के बीच अपनी पहली सांसें ले रही हैं. इस बारे में ओलेना जेलेंस्का लिखती हैं,
"युद्ध के दौरान पैदा होने वाले नवजात बच्चें आंखें खोलते ही बेसमेंट की कंक्रीट छत देख रहे हैं. बेसमेंट के बदबूदार हवा में सांस ले रहे हैं. इन बच्चों का स्वागत फंसे और डरे हुए लोगों के बीच हो रहा है. कुछ ऐसे बच्चें हैं जिन्होंने अपने जीवन में कभी शांति नहीं देखी."
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यूक्रेन के अस्पतालों के बेसमेंट में गर्भवती महिलाएं. (तस्वीर : इंडिया टुडे)
यूक्रेन की सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की कोशिश कर रही है. इस काम में लगे नागरिकों का दुख बताते हुए ओलेना ने लिखा है,
"हमारी सड़कें शरणार्थियों से भरी पड़ी हैं. उन थकी हुई औरतों और बच्चों की आंखों में देखिए जो अपने साथ अपने प्रियजनों को खोने के दुख को साथ लिए हैं. जो आदमी उन्हें पूरे साहस के साथ बॉर्डर्स तक ले जा रहे हैं वो भी अपने परिवार से दूर होने पर आंसू बहा रहे हैं. लेकिन वो उतने ही साहस के साथ युद्ध की तरफ़ भी लौट रहे हैं. ताकि हमें आज़ादी मिल सके. इन पैनिक के बावजूद यूक्रेन हार नहीं मानेगा."
पूर्व मिस यूक्रेन ने क्या कहा?  Veronica
अपने सात साल के बेटे के साथ एक्स मिस यूक्रेन वेरोनिका डेडुसेनको ने युद्ध के कारण देश छोड़ दिया. (तस्वीर : इंडिया टुडे )

रूस के हमले के बाद यूक्रेन के जिन नागरिकों को पलायन करना पड़ा, उनमें पूर्व मिस यूक्रेन वेरोनिका डिडुसेन्को भी शामिल हैं.  वेरोनिका ने साल 2018 में मिस यूक्रेन का खिताब जीता था. वेरोनिका युद्ध के पहले दिन ही अपने सात साल के बेटे के साथ स्विट्ज़रलैंड पलायन कर गईं. यूक्रेन बॉर्डर पहुंचने तक उन्होंने युद्ध के विनाशकारी दृश्य देखे. 8 मार्च को 'अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस' के मौके पर लॉस एंजिलेस में हुए एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया,
“यूक्रेन बॉर्डर तक के लंबे सफ़र में एक भी जगह ऐसी नहीं थी जहां युद्ध के सायरन न बज रहे हों और जहां बम न फट रहे हों.”
युद्धग्रस्त यूक्रेन की दास्तां बयान करते ऐसे कई अनुभव लगातार सामने आ रहे हैं. इस सबके बाद भी वहां युद्ध जारी है. शांति के समर्थक चिंतित हैं कि ये युद्ध जाने अभी और कितने भयावह मोड़ लेगा, क्योंकि इसके रुकने के आसार दूर-दूर तक नहीं दिख रहे.