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प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण यूरिन इन्फेक्शन जैसे, पहचान कैसे करें?

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला दूसरा सबसे कॉमन कैंसर है. इसकी वजह से कई पुरुषों की मौत भी हो जाती है.

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प्रोस्टेट कैंसर के कोई खास लक्षण नहीं होते. इसलिए इसमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) पुरुषों को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है. डराने वाली बात ये है कि इसके लक्षण इतनी आसानी से पकड़ में नहीं आते. अगर आते भी हैं तो लोग अक्सर इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं. वजह? क्योंकि इसके लक्षण यूरिन इन्फेक्शन (Urinary Tract Infection) से काफ़ी मिलते-जुलते हैं. आज के एपिसोड में हम बात करेंगे कि यूरिन करते हुए कौन से ऐसे लक्षण हैं जो प्रोस्टेट कैंसर की तरफ़ इशारा करते हैं. साथ ही ये भी जानते हैं कि आम यूरिन इन्फेक्शन और प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षणों में कैसे फ़र्क करें और इसका इलाज क्या है.

प्रोस्टेट कैंसर क्या होता है?

ये हमें बताया डॉ पुनीत अहलूवालिया ने.

(डॉ पुनीत अहलूवालिया, डायरेक्टर एंड हेड, किडनी एंड यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट, मेदांता, गुरुग्राम)

प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) में होने वाले कैंसर को प्रोस्टेट कैंसर कहते हैं. प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों में पाई जाती है. ये पेशाब की थैली के नीचे स्थित होती है. प्रोस्टेट ग्रंथि का रोल पुरुषों के सेक्शुअल फंक्शन में होता है. इस कैंसर की वजह से काफी पुरुषों की मौत भी हो जाती है.

पेशाब करने के दौरान किन लक्षणों पर रखें ध्यान?

> प्रोस्टेट कैंसर के कोई खास लक्षण नहीं होते.

> आमतौर पर PSA ब्लड टेस्ट या ELE की जांच के दौरान ही ज्यादातर प्रोस्टेट कैंसर का पता चलता है.

> प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण तब पता चलते हैं जब ये फैल चुका हो.

> बार-बार पेशाब जाना, तेज पेशाब लगने जैसे लक्षण प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने और प्रोस्टेट कैंसर होने पर दिख सकते हैं.

> ये भी जरूरी नहीं है कि प्रोस्टेट कैंसर है तो ही ये लक्षण दिखाई दें. ज्यादातर प्रोस्टेट कैंसर इन लक्षणों के बगैर ही पाया जाता है.

यूरिन इन्फेक्शन और प्रोटेस्ट कैंसर के लक्षणों में कैसे फ़र्क करें?

> यूरिन इंफेक्शन और प्रोस्टेट कैंसर में पेशाब में होने वाली दिक्कतें एक जैसी हो सकती हैं.

> जैसे कि बार-बार पेशाब जाना और पेशाब में जलन होना.

> ये लक्षण सिर्फ प्रोस्टेट कैंसर में ही नहीं दिखते. दोनों ही मामलों में PSA बढ़ा हुआ हो सकता है.

> ऐसे में कैंसर का पता लगाने के लिए यूरिन रूटीन टेस्ट और कल्चर टेस्ट किया जाता है.

> साथ ही यूरिन इन्फेक्शन के मामलों में मरीज को बुखार भी होता है.

> यानी अगर मरीज को बुखार के साथ ये सभी लक्षण दिख रहे हैं तो यूरिन इन्फेक्शन का इलाज किया जाता है.

> इंफेक्शन ठीक होने के 4 हफ्तों के बाद दोबारा PSA टेस्ट किया जाता है.

> अगर इस बार PSA नॉर्मल आया है, तो मरीज को यूरिन इन्फेक्शन की समस्या थी. लेकिन अगर एंटीबायोटिक्स से यूरिन इन्फेक्शन ठीक हो जाए और फिर भी PSA बढ़ा हुआ है तो ये प्रोस्टेट कैंसर के कारण हो रहा है.

प्रोटेस्ट कैंसर के पक्के लक्षण क्या होते हैं?

> प्रोस्टेट कैंसर में बाकी लक्षण तब दिखते हैं जब कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाए.

> जैसे कि छाती में कैंसर फैलने से खांसी हो सकती है.

> हड्डियों में प्रोस्टेट कैंसर फैलने से पूरे शरीर में दर्द हो सकता है.

> ये लक्षण प्रोस्टेट कैंसर की आखिरी स्टेज पर दिखाई देते हैं.

> इस कैंसर की शुरुआती स्टेज में प्रोस्टेट का आकार बढ़ने से कुछ लक्षण दिख सकते हैं.

> इसके अलावा प्रोस्टेट कैंसर में अपने कोई लक्षण नहीं दिखते.

> हालांकि पेशाब में खून आना इस कैंसर का बेहद अहम लक्षण हो सकता है.

> वैसे तो पेशाब में कई कारणों से ब्लड आ सकता है, लेकिन अगर पेशाब में ब्लड आ रहा है तो इसकी जांच जरूर कराएं.

> हर बार प्रोस्टेट कैंसर में पेशाब में ब्लड आए ये भी जरूरी नहीं है.

इलाज

> अगर प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ प्रोस्टेट तक ही सीमित है तो इसका पूरी तरह से इलाज मुमकिन है.

> इसको दो तरह से किया जाता है.

> पहला तरीका है सर्जरी, जिसे रोबोटिक सर्जरी भी कहा जाता है. इसमें मरीज जल्दी ठीक होता है, ज्यादा खून भी नहीं निकलता. मरीज को ICU में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं पड़ती और 1 से 2 दिन के अंदर डिस्चार्ज कर दिया जाता है.

> अगर कैंसर प्रोस्टेट से बाहर भी फैल चुका है या मरीज सर्जरी के लिए फिट नहीं है, तो ऐसे में रेडिएशन और हॉर्मोन थेरेपी से इलाज किया जाता है.

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)