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पूर्व पत्नी की झाड़ से मन नहीं भरा, दोबारा औरतों को लेकर बकवास कर गए इमरान खान

इनमें और हमारे नेताओं में कोई फर्क नहीं.

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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan). (तस्वीर: एपी)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने फिर से कहा है कि पाकिस्तान में बढ़ते यौन शोषण और बलात्कार के मामलों की वजह महिलाओं के कपड़े हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा-
"अगर एक महिला बहुत कम कपड़े पहने हुए है, तो इसका आदमियों के ऊपर असर पड़ेगा अगर वो रोबॉट नहीं हैं. यह तो कॉमन सेंस है."
इमरान खान ने यह भी कहा कि ऐसे देश और समाज में जहां लोगों ने कभी इस तरह की चीजें देखी ना हों, वहां महिलाओं के लिए कम कपड़े पहनने की वकालत करना सांस्कृतिक साम्राज्यवाद है. मतलब पश्चिमी देश अपनी संस्कृति को थोपना चाहते हैं. इमरान खान के इस बयान के बाद उनकी तीखी आलोचना हुई. इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट, साउथ एशिया की लीगल एडवाइजर रीमा ओमर ने ट्वीट किया- "पाकिस्तान में यौन हिंसा के लिए पीएम इमरान खान की तरफ से बार-बार पीड़िता को ही दोष दिया जाना, बहुत ही निराश करने वाला और घिनौना है. इमरान खान ने कहा कि पुरुष रोबॉट नहीं हैं. अगर वो महिलाओं को कम कपड़ों में देखेंगे, तो बहक जाएंगे. और कुछ तो रेप भी कर देंगे. शर्मनाक." किसी ने तंज कसते हुए लिखा, "अगर रेप से बचना है तो सही से कपड़े पहनो. अगर चोरी से बचना है, तो कुछ भी अपने पास मत रखो. और अगर मर्डर से बचना है, तो अभी मर जाओ." पाकिस्तान के पत्रकार मुर्तजा सोलंगी ने लिखा- "स्त्री विरोधी मानसिकता के खिलाफ कदम उठाने, महिलाओं के लिए एक सम्मान की संस्कृति का निर्माण करने और बेवजह के अलगाव को खत्म करने की जगह इमरान खान, जो खुद यूरोप में अय्याशी का जीवन जी चुके हैं, वो पाकिस्तान को मध्यकाल की मानसिकता की तरफ धकेल रहे हैं और पर्दा के नाम पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को सही ठहरा रहे हैं." इमरान खान ने रेप को लेकर इस तरह का असंवेदनशील बयान कोई पहली बार नहीं दिया है. कुछ महीनों पहले भी उन्होंने कहा था कि अश्लीलता की वजह से पाकिस्तान में यौन हिंसा के मामले में बढ़ रहे हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि औरतें जब पर्दा करती हैं तो पुरुष बहकते नहीं हैं. पर्दा नहीं करने पर बहक जाते हैं. हर पुरुष के अंदर इस बहकावे से बचने की ताकत नहीं होती. इमरान खान ने यह जवाब तब दिया था, जब उनसे पूछा गया था कि रेप और यौन हिंसा को रोकने के लिए उनकी सरकार ने क्या कदम उठाए हैं. इस बयान को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी. उनकी पूर्व पत्नी जेमिना गोल्डस्मिथ ने कुरान का हवाला देते हुए ट्वीट किया था कि औरतों का रेप ना हो, इसकी जिम्मेदारी पुरुषों पर है. वो खुद को नियंत्रण में रखें ना कि औरतों को बताएं कि उन्हें किस तरह के कपड़े पहनने हैं. हालांकि, जेमिना ने यह भी कहा कि हो सकता है कि इमरान की बात को गलत तरीके से पेश किया गया हो क्योंकि जिस इमरान को मैं जानती थी, वो कहता था कि पुरुषों की आखों पर पर्दा डालो ना कि महिलाओं को पर्दा करने को कहो. पाकिस्तान के आधिकारिक डेटा के मुताबिक देश में हर दिन 11 बलात्कार के मामले सामने आते हैं. पिछले छह साल में पुलिस के पास रेप के 11 हजार मामले दर्ज कराए गए. इनमें से महज 0.3 फीसदी मामलों ही आरोपियों को सजा हुई. वहीं पिछले साल दिसंबर में देश में रेप से जुड़े एक अध्याधेश को मंजूरी दी गई. इस अध्याधेश के तहत देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन हिंसा के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन होगा और इन मामलों की सुनवाई चार महीनों को भीतर पूरी की जाएगी.