फरमानी नाज़. गायिका हैं. 'Farmani Naz Singer' नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जहां अपने गाने रिलीज़ करती रहती हैं. कुछ गाए हुए गाने, कुछ ओरिजनल. 38 लाख से ज़्यादा सबस्क्राइबर्स हैं. फरमानी ने हाल में एक गाना रिलीज़ किया, 'हर हर शंभो'. इंस्टाग्राम रील्स और कावड़ियों के बीच तो ये गाना ख़ूब चला, लेकिन कुछ लोगों को इससे समस्या है. देवबंद के कुछ मौलानाओं ने एक मुस्लिम महिला के हिंदुओं के भगवान पर गाना बनाने की आलोचना की है. उनके खिलाफ फतवा भी जारी किया गया है.
वायरल 'हर हर शंभो' गाने वाली फरमानी नाज़ की कहानी आपको गनगना देगी
फरमानी नाज़ के खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया है.

देवबंदी उलेमा ने नसीहत दी है कि इस्लाम में किसी भी तरह के संगीत से परहेज़ है. ये इस्लाम के ख़िलाफ़ है. इसलिए फरमानी को इससे तौबा करनी चाहिए था. वहीं फरमानी ने कहा कि वो एक कलाकार हैं और कलाकारों का कोई धर्म नहीं होता. उन्हें हर तरह के गाने गाने पड़ते हैं.
इसमें एक बात और है. फ़तवे के साथ एक भ्रांति है. लोगों को लगता है कि फ़तवा किसी क़िस्म का आदेश या फ़रमान है. इस सोच को बढ़ावा देने में बड़ा हाथ मीडिया का है. दरअसल, फ़तवा देवबंद का दारुल इफ़्ता ही जारी कर सकता है. दारुल इफ़्ता एक गवर्निंग बॉडी है, जिसका काम ही होता है फतवा जारी करना. और, फ़तवा मतलब होता है सलाह, जिसे अपने से जारी नहीं किया जाता. फ़तवा किसी सवाल के जवाब पर जारी किया जाता है. मसलन, पूछा जाएगा कि क्या फ़लां आदमी का काम इस्लाम के मुताबिक़ है? तब फ़तवा जारी होगा कि, नहीं, फ़लां का काम इस्लाम के मुताबिक़ नहीं है. जैसे इस मामले में मुफ़्ती असद क़ासमी ने कहा,
इस पूरे विवाद पर फरमानी ने क्या कहा?"देखिए, इस सिलसिले में यही कहूंगा कि इस्लाम में शरीयत के अंदर किसी भी तरह के गाना गाना जायज़ नहीं है. मुसलमान होते हुए अगर कोई गाना गाता है, तो ये गुनाह है. किसी भी तरीक़े के गाने हों, उनसे परहेज़ करना चाहिए. बचना चाहिए. फरमानी नाम की महिला ने गाना गाया है. यह शरीयत के ख़िलाफ़ है. मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है. उनको इससे तौबा करनी चाहिए."
इस पूरे विवाद पर फरमानी नाज़ ने बताया कि उन्हें गाने का शौक था, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें कभी संगीत की शिक्षा नहीं दिलवाई और न ही कहीं जाकर गाने दिया. उन्होंने बताया,
"मैंने मेहनत बहुत की है और शौक भी था गाने का, लेकिन कभी मौक़ा नहीं मिला. मां-बापू ने कभी कहीं जाकर गाने नहीं दिया. शादी हुई तो पति से बात बिगड़ गई. पति दूसरी किसी लड़की से बात करता था. लड़का हुआ तो लड़के के गले में दिक्कत थी. उसके बाद मैं बेटे को लेकर अपने घर आ गई. कई महीने ससुराल वालों का इंतजार किया, लेकिन कोई लेने नहीं आया. बेटे का ऑपरेशन कराया, तो उसे भी देखने नहीं आए.
फरमानी नाज़ ने बताया कि उनके गांव में रहने वाले राहुल भाई ने उनका वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किया था. उन्होंने लता मंगेशकर का गाना गाया था. वो गाना खूब पसंद किया गया था. फरमानी बताती हैं कि इंडियन आइडल में उन्हें गोल्डन टिकट भी मिला था, लेकिन उस दौरान उनके बेटे का ऑपरेशन होना था, इस वजह से उन्हें वापस आना पड़ा. उन्होंने आगे कहा,
हम कभी भी ये सोचकर नहीं गाते कि हम किस धर्म से हैं. कलाकारों का कोई धर्म नहीं होता. हम जब अपने स्टूडियो में काम करते हैं, तो हम ये भूल जाते हैं कि हम कौन हैं. हम सिर्फ़ कलाकार हैं. यही समझ कर हम काम करते हैं क्योंकि यही हमारा काम है लोगों को अच्छा सुनाने का. लोग हमारा इंतजार करते हैं कि हम कुछ अच्छा लाएं यूट्यूब पर. हमारे चैनल पर कव्वाली भी है, भक्ति के भजन भी हैं. हम सभी तरह के गाने गाते हैं."
वहीं फरमानी नाज़ की मां ने भी इस पूरे मसले पर अपनी बात रखी है. उन्होंने बताया कि जो लोग ये देख रहे हैं मुस्लिम लड़की शिव का गाना गा रही है, वो लोग ये नहीं देख रहे हैं कि उसे अपने बच्चे को पालना भी है. उन्होंने कहा,
कौन है फरमानी नाज़?"कावड़ में उसने गाना गाया है. लोग ऐतराज़ कर रहे हैं कि मुसलमान की लड़की शिव का गाना गा रही है, लेकिन जब वो गाने गाती है, तो उसे हर तरह के गाने गाने पड़ते हैं. अपने बच्चे को पालने के लिए तो उसे सब कुछ करना ही पड़ेगा. वो भजन भी गाती है, कव्वाली भी गाती है. सारे ही गाने गाती है. नमाज़ भी पढ़ती है, रोज़े भी रखती है. जिन्हें अच्छा नहीं लग रहा है, वो इस बात को नहीं देख रहे कि वो अपने बच्चे को भी पाल रही है."
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के मोहम्मदपुर माफ़ी गांव की रहने वाली हैं फरमानी नाज़. उनकी शादी 25 मार्च, 2017 को शादी हुई थी. मेरठ के छोटा हसनपुर गांव के इमरान से. लेकिन शादी के एक साल बाद ही फरमानी को उनके ससुराल वालों ने परेशान करना शुरू कर दिया. आजतक के संदीप सैनी की रिपोर्ट के मुताबिक़, शादी के एक साल बाद फ़रमानी और इमरान को बेटा हुआ. बच्चे के गले में कुछ परेशानी थी, जिसके चलते फरमानी के ससुराल वाले उसको परेशान करते थे. उस पर मायके से पैसे लाने का दबाव बनाते थे. इससे परेशान हो कर फरमानी अपने बेटे के साथ अपने मायके मोहम्मदपुर माफी आकर रहने लगीं.
फ़रमानी की मां फ़ातिमा ने बताया कि गांव के एक लड़के के पास, बाहर से कुछ लोग वीडियो बनाने के लिए आते थे. एक दिन उन्होंने फरमानी को गाते हुए सुन लिया. बस फिर उन्होंने फरमानी का गाना रिकॉर्ड कर यूट्यूब पर डाल दिया था. गाना हो गया वायरल. इस रॉ टैलेंट को लोगों ने जमकर सराहा.
इसके बाद फ़रमानी इंडियन आइडल में भी गई थीं. सलेक्ट भी हो गई थीं, लेकिन बच्चे की तबीयत ख़राब होने की वजह से उन्हें वापस आना पड़ा. फिर फरमानी ने अपना यूट्यूब चैनल शुरू कर दिया. यूट्यूब पर अपने ओरिजनल्स और कवर रिलीज़ करने लगीं. बकौल फ़रमानी, उनका प्राइमरी सोर्स ऑफ़ इनकम यूट्यूब ही है. वो अपने बच्चे का पालन-पोषण गानों से ही करती हैं. और, इन दिनों फरमानी अपने शिव भजन 'हर-हर शंभू' को लेकर सुर्खियों में है.
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