वैसे तो ये मैंने प्यार किया से मोहनीश बहल का डायलॉग है. पर ये 'सिर्फ' एक डायलॉग नहीं है. असल में ये एक बिलीफ है. जिसपर हमारे समाज को बहुत भरोसा है. इसलिए बहुत से लोगफ्रेंडशिप और रोमैंटिक रिलेशनशिप के बीच का फर्क नहीं पता है.
एक्टर और होस्ट मंदिरा बेदी (Mandira Bedi) ने इंस्टाग्राम (Instagram) पर तस्वीरें पोस्ट की. अपने बेस्ट फ्रेंड आदित्य मोटवाने के साथ. तस्वीर थाईलैंड के फुकेट की हैं, जहां वो लोग आदित्य का बर्थडे मनाने के लिए गए थे. तस्वीरों के साथ मंदिरा ने कैप्शन में लिखा-
"हैप्पी बर्थडे आदि. ये तस्वीर सब कुछ कहती है, तुम मेरे लिए कितना मायने रखते हो, हम एक दूसरे को कितने वक़्त से जानते हैं और हमारे बीच क्या इक्वेशन है. और मैं तुमपर कितना भरोसा करती हूं (कोविड के समय में भी). तुम्हें खूब खुशियां, प्यार और कामयाबी मिले. लव यू, 17 साल की उम्र से मेरे सबसे खास दोस्त."
क्रेडिट - मंदिरा बेदी / इंस्टाग्राम
इतना देखते ही, लोग कमेंट बॉक्स में टूट पड़े.
एक यूजर ने लिखा, " मुझे पता है कोई चेहरा या नाक नहीं देख रहा है"
"तुम्हारे पति को मरे हुए कुछ ही समय हुआ है. थोड़ा तो सब्र कर लेती"
किसी ने कहा, "वाह. मज़े हैं आपके तो"
"ये कौन है. हसबैंड तो मर गया है न"
एक इंस्टाग्राम यूजर ने कमेंट किया, "यार कुछ टाइम पहले ही तो इनके पति की डेथ हुई थी.और ये उस बात से बहुत दुखी थीं. फिर ये क्या है अब? या शायद मैं कोई गलती कर रहा हूं. यही हसबैंड है क्या?
मंदिरा के पति राज कौशल का 30 जून, 2021 को निधन हो गया था. उस वक़्त भी मंदिरा को खूब ट्रोल किया गया था. क्यूंकि तब उन्होंने अपने पति का अंतिम संस्कार किया था. लोगों ने कहा,
"लास्ट राइट बाप, बेटा या भतीजा कर सकता था. कोई तो रिलेटिव होगा"
लोगों ने ये भी कहा कि इस टाइम भी घड़ी पहनना याद रहा, जीन्स पहन कर अंतिम संस्कार किया, पति मर गया और इसने सफ़ेद शर्ट पहनने का ख्याल रखा.
पहले भी ट्रोल्स के निशाने पर रहीं हैं मंदिरा
जिस वक़्त पर मंदिरा को सपोर्ट करना चाहिए था उस वक़्त भी कुछ लोगों ने उन्हें जज किया, उनके कपड़ों को देखकर ओछी बातें कहीं, जीन्स और घड़ी देखकर अंदाज़ा लगाने लगे कि इसे तो दुख ही नहीं है, इसे तो फैशन की पड़ी है. कुछ इसलिए खफा हो गए कि महिला होकर अंतिम संस्कार कर रही है. परंपरा तोड़ रही है.
लोग किसी व्यक्ति के दुःख तो तब ही समझेंगे जब वो उनकी 'परंपरा' के तरीके से दुखी होगा, वरना उसे खारिज कर देंगे और ट्रोल करने में लग जाएंगे. उस वक़्त सफ़ेद शर्ट और घड़ी के नाम पर ट्रोल किया था और आज बिकनी की वजह से कर रहे हैं.
मंदिरा ने आदित्य के साथ जो तस्वीर लगाई उसके कैप्शन में साफ़ साफ़ अपनी दोस्ती के बारे में लिखा. उसे पढ़कर ही क्लियर है कि मंदिरा और आदित्य के बीच में क्या बॉन्ड है. कितने साल से दोनों एक दूसरे को जानते हैं. फिर भी लोग लगे रहे कहानी की तलाश में. कमेंट कर के दोनों के रिश्ते के बारे में पूछने लगे. भई, अंग्रेजी का कैप्शन नहीं समझ आया तो ट्रांसलेट कर लेते.गूगल आजकल इतना ट्रांसलेट तो कर ही देता है कि आपको बात समझ में आ जाए. ऐसे सवाल कमेंट में पूछकर अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करने से बच जाते.
लड़का और लड़की 'सिर्फ' दोस्त हो सकते हैं!
कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें ये बात हज़म नहीं हो रही कि मंदिरा और आदित्य दोस्त कैसे हैं. एक वक़्त तक मैं भी यही सोचती थी कि लड़का लड़की दोस्त नहीं हो सकते.हम जब फिल्मों की तरफ मुड़ते हैं तो वहां भी वो यही नैरेटिव परोस रहे होते हैं कि एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते हैं. फिर चाहे वो कुछ कुछ होता है में शाहरुख-काजोल की दोस्ती हो या फिर जाने तू या जाने न में अदिति और जय की दोस्ती हो. प्रेम न भी दिखाएं तो फिर ये दिखाया जाता है कि लड़की या लड़के में किसी एक के मन में तो चोर होगा ही. पर ब्रो असल में ऐसा नहीं होता है. दो लोग बिना रोमैंटिक फीलिंग के केवल दोस्त हो सकते हैं.
दो अपोजिट जेंडर के लोगों को साथ देखते ही सेक्शुअल टेंशन का अंदाज़ा लगाना बहुत छोटी सोच है.आज दफ्तर में जितनी लड़कियां मेरी सहेली हैं उतने ही दोस्त लड़के भी हैं. और दोनों के साथ दोस्ती में कोई फर्क नहीं है. हम सभी को ज़रूरत है कि वक़्त के साथ आगे बढ़ें, ब्रॉड माइंडेड हों, कुछ चीज़ें जो हमारे दिमाग में भरी गई उसे अनलर्न करें और ये समझें कि लड़का और लड़की 'सिर्फ' दोस्त भी हो सकते हैं.
पति की मौत के बाद औरत को कब तक रोना चाहिए?
तीसरी बात, जो लोग मंदिरा से कह रहे हैं कुछ समय पहले पति की मौत हुई, थोड़ा तो सब्र कर लेती. मेरा उनसे सवाल है कि पति की मौत के बाद औरत को कितने वक्त तक रोना चाहिए? वो कैसे रोए या कैसे कपड़े पहने जिससे लोगों को तसल्ली हो कि उस औरत को अपने पति के जाने का ग़म है? अरे भई, आपके जीवन से किसी के चले जाने का मतलब ये नहीं है कि वो व्यक्ति जीना छोड़ दे, हंसना छोड़ दे, दोस्तों के साथ आउटिंग करना छोड़ दे. इन फैक्ट. हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी है कि वो शोक से जल्द से जल्द बाहर निकले, डॉक्टर्स तक कहते हैं कि लम्बे वक़्त तक शोक या दुःख में रहना इंसान को डिप्रेस कर सकता है.
मंदिरा के खास दोस्त हैं आदित्य. तस्वीर- मंदिरा बेदी/ इंस्टाग्राम
दुख, दर्द और शोक बहुत पर्सनल चीज़ें हैं. हर कोई इसे अलग अलग तरह से इसे महसूस करता है. कोई रो कर शोक मनाता है कोई बिना रोये. आप किसी को देखकर अंदाज़ा नहीं लगा सकते कि उसे कितना दुख है. छिछली और ओछी बातें कहकर उसका मज़ाक मत बनाइए.
लोगों ने मंदिरा की फोटो पर इतनी भद्दी बातें लिखीं कि तंग आकर उन्हें अपना कमेंट बॉक्स ही डिसेबल करना पड़ा.एक बेहतर दुनिया में ये होता कि लोग मंदिरा से उस जगह के बारे में पूछते जहां वो गई हैं, 17 साल की दोस्ती की खूबसूरत जर्नी के बारे में पूछते, उनकी हिम्मत की दाद देते कि वो फाइनली राज के जाने के दुख से बाहर आ रही हैं. लेकिन घटिया बातों ने एक इंसान को इस हद तक परेशान किया कि उन्होंने पब्लिक ओपिनियन लेने का रास्ता ही बंद कर दिया.
हम साल 2022 में हैं. हमें ज़रूरत है कि हम लोगों को उनका स्पेस देना सीखें. हमें सीखने की ज़रूरत है कि हम लोगों को जज न करें. अपनी समझ का दायरा बढ़ाएं.
म्याऊं: नेपाल में नाइट क्लब जाकर राहुल गांधी क्या 'चीनी हनी ट्रेप' में फंस गए?