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दवाई खाली पेट लें या खाने के बाद? डॉक्टर से सब जान लीजिए

हमें लगता है कि दवा खाली पेट खा भी ली तो क्या ही फर्क पड़ जाएगा. लेकिन ये लापरवाही आपको बहुत भारी पड़ सकती है.

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हमेशा डॉक्टर के कहे मुताबिक ही दवाइयां लें. (सांकेतिक फोटो)

जब भी आप बीमार पड़ते हैं तो दवाई देते हुए मम्मी ये ज़रूर बोलती हैं कि खाली पेट दवा मत खाना. कुछ खा लो, फिर दवा लेना. डॉक्टर भी पर्चा बनाते हुए ये ज़रूर बताते हैं, 'ये वाली दवाई खाली पेट लेना' या 'ये दवाई खाना खाने के बाद लेना.' इतनी नसीहतों के बवाजूद हममें से कई लोग गड़बड़ कर जाते हैं. कई बार खाने के बाद लेने वाली दवाई खाली पेट ही खा लेते हैं. ये सोचकर कि क्या ही होगा. और कभी-कभी खाली पेट वाली दवाई लेना भूल जाते हैं और जब तक याद आता है तब तक पेट पूजा हो चुकी होती है.

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आज हम डॉक्टर से जानेंगे कि क्यों कुछ दवाइयां खाली पेट और कुछ दवाइयां भरे पेट लेने की सलाह दी जाती है. अगर आप इसका उलटा करते हैं तो शरीर में क्या होता है. साथ ही ये भी जानेंगे कि दवाई लेते समय किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है.

कुछ दवाइयां खाली पेट क्यों खानी चाहिए?

ये हमें बताया डॉ. अमित मिगलानी ने. 

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( डॉ. अमित मिगलानी, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल )

> इसके पीछे दो कारण हैं. पहला कारण, हमारा खाना दवाइयों के काम पर असर डालता है.

> दूसरा कारण, हर दवाई की अपनी अलग प्रॉपर्टी होती है. इसके मुताबिक ही दवाइयों को खाली पेट या खाना खाने के बाद लेने के लिए कहा जाता है.  

> खाना खाने के बाद हमारे पेट में एसिड बनता है. ये एसिड कुछ दवाइयों को नष्ट कर देता है, वहीं कुछ दवाइयों को काम करने में मदद करता है.

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> कुछ एंटीबायोटिक दवाइयां जैसे कि एज़ीथ्रोमाइसिन (Azithromycin)और इरिथ्रोमाइसिन (Erythromycin) एसिड के कारण नष्ट हो जाती हैं. इसलिए इन्हें खाने से पहले लेना चाहिए.

> इसके अलावा दूध में मौजूद कैल्शियम और हरी सब्जियों में मौजूद आयरन कुछ दवाइयों के साथ बॉन्ड बनाकर उन्हें काम नहीं करने देते. इसे किलेशन (Chelation) कहते हैं.

> बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स (Bisphosphonates) यानी हड्डियों को मजबूत करने वाली दवाइयों को दूध के साथ नहीं लेना चाहिए. क्योंकि ये दूध में मौजूद कैल्शियम के साथ बॉन्ड बना लेती हैं और असर नहीं करतीं.

> हैवी खाना या फैट वाला खाना आंतों के काम यानी (Gastric Emptying) को धीमा कर देता है.

> इस वजह से काफी सारी दवाइयां भी एब्सॉर्ब नहीं हो पातीं.

कुछ दवाइयां खाना खाने के बाद ही क्यों लेनी चाहिए?

खाना खाने पर आंतों में बाइल एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. ये बाइल एसिड कुछ दवाइयों को अब्सॉर्ब होने में मदद करता है. 

> जैसे कि एंटीफंगल दवाई ग्रिसोफुलविन (Griseofulvin) और दौरे की दवाई कार्बमेज़पाइन (Carbamazepine). कीटोकोनाज़ोल (Ketoconazole) और इट्राकोनाज़ोल (Itraconazole) पर भी यही बात लागू होती है. इसलिए इन्हें खाने के बाद लेना चाहिए.

> ये दवाइयां पेट के एसिड में अच्छे से घुलकर असर करती हैं, इसलिए इन्हें खाने के साथ या खाने के बाद लेना चाहिए. खाने से पहले इन दवाइयों को लेने से ये ठीक तरह काम नहीं कर पातीं.

दवा लेनी है या शराब, आप डिसाइड कर लें!

> अगर आप कोई दवाई खा रहें हैं, तो शराब पीने से बचें.

> लेकिन फिर भी अगर आप शराब पीते हैं तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बता दें.

> अगर शराब पीनी ही है तो दवाई और शराब के बीच 2 से 3 घंटे का गैप रखें. क्योंकि बहुत सारी दवाइयां शराब के साथ रिएक्ट कर दिमाग पर डिप्रेसिव असर डालती हैं. शराब के कारण कुछ दवाइयां खतरनाक एलर्जिक रिएक्शन भी कर सकती हैं

खाली पेट वाली दवा खाने के साथ ली तो क्या होगा?

> दवाइयों की प्रॉपर्टी के मुताबिक ही ये तय किया जाता है कि उन्हें खाने से पहले लें या खाने के बाद.

> खून पतला करने वाली बहुत सारी दवाइयां और पेन किलर्स जो दिल के मरीज लेते हैं, जैसे कि इकोस्प्रिन (Ecosprin) या फिर कुछ स्टेरॉइड्स, मरीज के पेट में जख्म और सूजन कर सकते हैं.

> ऐसे में इन दवाइयों को खाना खाने के बाद लेने के लिए कहा जाता है.

> इसके अलावा बहुत सारी दवाइयां जी मिचलाना और पेट में जलन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं. ये साइड इफेक्ट्स होते हैं. जैसे कि गठिया की दवाई, इन्हें खाने के बाद ही लेना चाहिए.

दवा लेते समय इन बातों का ध्यान रखें

> जब भी डॉक्टर दवाइयां लिखें उन्हें ध्यान से समझें कि दवाइयों को खाने से पहले लें, साथ में लें या बाद में.

> अगर दवाई ठीक समय पर नहीं ली जाएगी तो उसका असर कम भी हो सकता है या ज्यादा भी हो सकता है.

> इससे आपके शरीर को नुकसान भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर के कहे मुताबिक ही दवाई लें. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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