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छोटे बच्चे रात में क्यों नहीं सोते हैं? डॉक्टर ने बताया इसके पीछे का साइंस

उन्हें सुलाने की टिप्स भी जान लीजिए.

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अगर आप बच्चे की ये आदत बदलना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उसके सोने का समय निश्चित करना पड़ेगा
यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.

अर्शी 26 साल की हैं. जौनपुर की रहने वाली हैं. उनका हमें मेल आया. आजकल वो बहुत ज़्यादा परेशान हैं. उनका छह महीने का बच्चा है. दिक्कत ये है कि वो रात में नहीं सोता. रातभर जागता है और दिन में सोता है. उसको रात में सुलाने की कितनी भी कोशिश कर लें, वो हर थोड़ी देर में उठकर रोने लगता है. अर्शी ने बहुत कोशिश की वो अपने बेबी की स्लीप साइकिल ठीक कर सकें. बहुत लोगों से सलाह ली, पर कोई फ़ायदा नहीं हुआ. अर्शी बताती हैं कि अब इसका असर उनकी हेल्थ पर भी पड़ने लगा है. वो रात में जागती हैं, दिन में घर के काम करती हैं. उन्हें एकदम रेस्ट नहीं मिल रहा. तो क्या कोई तरीका है जिससे वो अपने बच्चे को रात में सुला सकें. ताकि उन्हें भी थोड़ा आराम मिले. अब ये सवाल ज़रूर अर्शी ने पूछा है पर ये दिक्कत लगभग सारे ही पेरेंट्स को होती है. ख़ासतौर पर जब बच्चा बहुत छोटा होता है. तो क्या किया जाए? ये जानने के लिए हमनें बात की एक्सपर्ट्स से. बच्चे रात में क्यों जागते हैं? ये हमें बताया डॉक्टर तारिक ने.
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डॉक्टर तारिक कमाल, पीडियाट्रिशन, रीवा


जब बच्चा मां के पेट में होता है तब वो एक पानी की थैली जिसे एमनियोटिक सैक (Amniotic Sac) कहा जाता है, उसमें तैरता रहता है. जब मां दिन में चलती-फिरती रहती है तब इस पानी में बच्चा हिलता-डुलता रहता है. इससे बच्चे को एक पालने का इफ़ेक्ट मिलता है. इसे कहते हैं क्रेडल इफ़ेक्ट (Cradle Effect). जब मां रात में लेट जाती है तो इस पानी का हिलना बंद हो जाता है और बच्चा जग जाता है. यानी बच्चे का स्लीप साइकल ही ऐसा बना होता है कि वो दिन में सोता है और रात में जागता है. इस वजह से पैदा होने के बाद भी बच्चे रात में जागते हैं. बच्चे को रात में सुलाने के लिए क्या करना चाहिए? इस आदत को बदलने के लिए डेढ़ से चार महीने का समय लग जाता है. शुरुआती डेढ़ महीने में बच्चे की यही आदत बनी रहती है. अगर आप बच्चे की ये आदत बदलना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उसके सोने का समय निश्चित करना पड़ेगा. इससे बच्चे के दिमाग को भी धीरे-धीरे एक सिग्नल मिलता रहेगा कि सोने का समय हो रहा है. बच्चे की स्लीप साइकिल सेट होना शुरू हो जाएगी.
Image result for baby sleeping at night बच्चों को सुलाते समय गोद में न लें


-जब बच्चे को रात में सुलाने जाएं तो उस समय लाइट बंद या बहुत डिम होनी चाहिए, टीवी अगर चल रहा है तो उसे बंद कर दें, मोबाइल की लाइट धीमी या बंद कर दें
-बच्चे की स्लीप साइकिल को सेट करने के लिए कमरे का तापमान सही होना ज़रूरी है, कमरा न तो बहुत ज़्यादा ठंडा हो और न ही बहुत ज़्यादा गर्म हो
-एक नवजात बच्चे के लिए 26 से 30 डिग्री के बीच का तापमान नॉर्मल है. ये उसके सोने के लिए बेस्ट तापमान माना जाता है
-बच्चे का बिस्तर न तो बहुत सख्त हो न ही बहुत मुलायम हो
-बच्चों को सुलाते समय गोद में न लें. शुरुआत में तो ये मदद कर सकता है. लेकिन बच्चे की अगर ये आदत बन गई तो आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी क्योंकि बच्चा हर बार आपकी गोद में ही सोने की कोशिश करेगा, लिटाने पर वो जग जाएगा, बच्चे को लिटाकर ही सुलाएं
-सुलाते समय मां को बच्चे के पास होना ज़रूरी है. क्योंकि बच्चा मानसिक और शारीरिक तौर से मां से जुड़ा हुआ होता है. बच्चा मां की स्मेल और स्पर्श को भी पहचानता है. ऐसे में उन्हें एक सिक्योरिटी का एहसास होता है
-कई बार लोग बच्चे को सुलाने के लिए ब्रांडी या अफ़ीम भी चटा देते हैं, इस तरह की ग़लती कभी भी नहीं करनी चाहिए. ये बच्चे के मानसिक विकास को रोक सकता है या बच्चे में मानसिक विकार पैदा कर सकता है. ये जानलेवा भी हो सकता है.
-बच्चे को किसी भी अननैचुरल तरीके से या दवाई देकर न सुलाएं
Image result for baby sleeping at night कई बार लोग बच्चे को सुलाने के लिए ब्रांडी या अफ़ीम भी चटा देते हैं


-अगर बच्चे को नींद की दिक्कत है तो बच्चों के डॉक्टर से ज़रूर मिलें. वो आपको सही सलाह देंगे
चलिए उम्मीद है डॉक्टर साहब ने जो टिप्स बताई हैं वो आपके काम ज़रूर आएंगी. अब एक और ज़रूरी सवाल. बच्चों की सही स्लीप साइकिल कैसी होने चाहिए? यानी उन्हें कब और कितनी देर सोना चाहिए? बच्चे को कब और कितनी देर के लिए सोना चाहिए? -पहले एक से डेढ़ महीने में उसके दिन में सोने का समय करीब 8 से 9 घंटे होता है
-रात में सोने का समय 8 घंटे का होता है
-मतलब वो दिन में ज़्यादा सोता है और रात में कम सोता है
-शुरुआत के डेढ़ से तीन महीने तक बच्चा लगातार सात-आठ घंटे नहीं सोता है
-वो छोटे-छोटे अंतराल में जैसे 2 या 3 घंटे के लिए सोता है
-जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है, उसके दिन में सोने का समय कम और रात में सोने का समय बढ़ता जाता है
-एक साल का होते-होते बच्चा रात में 10 से 11 घंटे सोता है और दिन में 2-3 घंटे सोता है
-बड़ा होने के साथ उसकी नींद एक बार में लंबी होने लगती है
बच्चों के शुरुआती सालों में उन्हें रात में सुलाना मुश्किल ज़रूर है पर नामुमकिन नहीं. इसलिए डॉक्टर साहब ने जो बातें बताई हैं उनका ज़रूर ख्याल रखिए. आपके ख़ूब काम आएंगी.


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