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'गोरा' बनाने वाले 'ग्लूटाथियोन इंजेक्शन' के साइड इफेक्ट के बारे में कितना जानते हैं?

स्किन को लाइट बनाने वाले ग्लूटाथियोन का असर कुछ समय तक ही रहता है. इस वजह से स्किन को लाइट बनाए रखने के लिए ग्लूटाथियोन की मेंटेनेंस डोज दी जाती है. लेकिन ये इंजेक्शन हर व्यक्ति को नहीं लगाया जा सकता.

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ग्लूटाथियोन इंजेक्शन से गंभीर स्किन रिएक्शन हो सकते हैं. साथ ही किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है. (सांकेतिक फोटो)

कुछ वक़्त पहले 'मेड इन हेवन' (Made In Heaven) सीरीज़ का दूसरा सीज़न आया था. उसके एक एपिसोड की बहुत चर्चा हुई थी. जिन्होनें देखा है, वो तो समझ ही गए होंगे हम किस एपिसोड की बात कर रहे हैं. जिन्होनें नहीं देखा, उनको शॉर्ट में बता देते हैं. एक लड़की है. उसकी शादी होने वाली है. लड़की का रंग सांवला है. इस बात से सबसे ज़्यादा दिक्कत उसके ख़ुद के घरवालों को है. तो वो शादी से पहले उसका ब्यूटी ट्रीटमेंट करवाते हैं, जिससे उसकी स्किन 'लाइट' हो जाए. इसमें जिस ट्रीटमेंट की बात हुई उसको कहते हैं ग्लूटाथियोन इंजेक्शन (Glutathione Injection).

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अक्सर मीडिया में भी सेलेब्स पर इस बात को लेकर निशाना साधा जाता है कि उनकी स्किन अचानक से लाइट लगने लगी है. उन्होंने स्किन को 'गोरा' करने का इंजेक्शन लगाया है. हमें सेहत पर कई ऐसे मेल भी आए हैं, जिनमें लोग इस जादुई इंजेक्शन के बारे में जानना चाहते हैं. पर ये ग्लूटाथियोन इंजेक्शन उतना जादुई है नहीं जितना लोग इसको समझते हैं. इसके साइड इफेक्ट्स सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं इस इंजेक्शन के बारे में.

ग्लूटाथियोन क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर मोनिका चाहर ने.

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(डॉ. मोनिका चाहर, डायरेक्टर, स्किन डेकोर, नई दिल्ली)

- ग्लूटाथियोन एक कम्पाउंड है, जो हमारे शरीर में पाया जाता है.

- ग्लूटाथियोन के कुछ नैचुरल सोर्स भी हैं जैसे टमाटर, संतरा और एवोकाडो.

- ग्लूटाथियोन का शरीर में अहम रोल होता है, जैसे कि ये मेटाबोलिज़्म को अच्छा रखता है, फ्री रेडिकल और जहरीले तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है.

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- यानी ये एंटीऑक्सीडेंट का काम भी करता है.

- ये भी देखा गया है कि ग्लूटाथियोन से स्किन पर हुए पिगमेंटेशन यानी झाइयों को कम करने में मदद मिलती है.

ग्लूटाथियोन इंजेक्शन किस तरह से काम करते हैं?

- ग्लूटाथियोन के सप्लीमेंट को क्रीम, इंजेक्शन और टैबलेट वगैरह के जरिए दिया जाता है.

- ये इंजेक्शन नस में या मांसपेशियों में लगाए जाते हैं.

- इसका इस्तेमाल कीमोथेरेपी और वायरल इंफेक्शन के इलाज में भी किया जाता है.

- ग्लूटाथियोन का इंजेक्शन स्किन को लाइट बनाने के लिए फेमस है.

ग्लूटाथियोन इंजेक्शन के साइड इफ़ेक्ट

- ग्लूटाथियोन का इंजेक्शन हर हफ्ते दिया जाता है.

- एक डोज में 600 ml से लेकर 1200 ml तक ग्लूटाथियोन दिया जाता है.

- स्किन को लाइट बनाने वाले ग्लूटाथियोन का असर कुछ समय तक ही रहता है.

- इस वजह से स्किन को लाइट बनाए रखने के लिए ग्लूटाथियोन की मेंटेनेंस डोज दी जाती है.

- ये इंजेक्शन हर व्यक्ति को नहीं लगाया जा सकता.

- इस इंजेक्शन के कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं.

- जैसे कई तरह के गंभीर स्किन रिएक्शन, थायरॉइड ग्रंथि का ठीक से काम न कर पाना. साथ ही किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है.

किन लोगों को ग्लूटाथियोन इंजेक्शन नहीं लेना चाहिए?

- किडनी और थायरॉइड के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बिना ग्लूटाथियोन इंजेक्शन नहीं लेना चाहिए.

- आजकल स्किन को लाइट करने की वजह से ग्लूटाथियोन इंजेक्शन काफी फेमस हो गए हैं, इसलिए जिन लोगों को सिर्फ स्किन लाइट करानी है, उन्हें ग्लूटाथियोन इंजेक्शन नहीं दिया जाता.

- क्योंकि ग्लूटाथियोन इंजेक्शन का लंबे समय में क्या असर होगा इसकी कोई जानकारी मौजूद नहीं है, इसलिए सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही ज्यादा पिगमेंटेशन के मामलों में ग्लूटाथियोन इंजेक्शन दिया जाता है.

यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.

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