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इन आदतों से आपको कब्ज और पेट की बीमारियां होती हैं, जानिए बिना दवा लिए कैसे ठीक करें

हर महीने किसी न किसी वजह से पेट में दर्द. हर दूसरे दिन पेट का फूल जाना. अगर ऐसा हो रहा है तो आपके पेट की सेहत ठीक नहीं है.

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ज़रा सा मसालेदार या तला भुना खा लिया तो एसिडिटी शुरू. इसके पीछे कई बार वजह आपकी रोज़ की आदतें होती हैं. (सांकेतिक फोटो)

ज़रा सा मसालेदार या तला भुना खा लिया तो एसिडिटी शुरू. हर कुछ दिन में कब्ज़ हो जाना. 2-4 गोल गप्पे एक्स्ट्रा खा लिए तो लूज़मोशन होने लगे. हर महीने किसी न किसी वजह से पेट में दर्द. हर दूसरे दिन पेट का फूल जाना. अगर ये प्रॉब्लम्स लगी रहती हैं तो एक बात जान लीजिए. आपका पेट एकदम हेल्दी नहीं है. यानी पेट की सेहत बिगड़ी हुई है, इसलिए वो हर कुछ दिन में बीमार पड़ जाता है. इसके पीछे कई बार वजह आपकी रोज़ की आदतें होती हैं.

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रोज़ के किन लक्षणों पर नज़र रखें

ये हमें बताया डॉक्टर दीपक कुमार गुप्ता ने.

डॉक्टर दीपक कुमार गुप्ता, हेड, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेडिकवर हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई

अगर आपको पेट में दर्द, जलन, पेट फूलना, पेट से आवाज़ें आना, डकारें आना और पेट साफ़ न होना या दस्त लगना इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो हो सकता है कि आपके पेट ही हालत ठीक नहीं है.

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रोज़ की किन आदतों से पेट की सेहत बिगड़ती है?

बुरा खान-पान, नींद की कमी, स्ट्रेस इन तीन चीज़ों से पेट की सेहत बिगड़ती है. डाइट में नाश्ता और खाना स्किप न करें. खाना टाइम पर खाएं. मसालेदार, तला हुआ और फ़ास्ट फ़ूड अवॉइड करें. खाने के तुरंत बाद न लेटें. नींद पूरी लें और स्ट्रेस को मैनेज करें.

बिना दवा पेट की सेहत कैसे ठीक करें?

लाइफस्टाइल में बदलाव करने से पेट की सेहत बेहतर बनाई जा सकती है. इस बात का ध्यान रखें कि क्या खाएं क्या न खाएं. जिन लोगों को पेट की तकलीफ़ है उन्हें तीखा खाना नहीं खाना चाहिए. खट्टे फल जिसे एसिडिक फ़ूड भी बोलते हैं जैसे टमाटर, प्याज, इनका सेवन कम से कम करें. प्रोसेस्ड फ़ूड जैसे चीज़, बटर का सेवन भी कम से कम करें. हर थोड़ी देर में थोड़ा-थोड़ा खाएं. पेट भरकर एक साथ मत खाइए. ध्यान रखिए खाना लिमिट में खाना है. खाने के तुरंत बाद न लेटना है न सोना है. खाने के बाद थोड़ी देर चलें. खाने के बाद झुकना, टाइट कपड़े पहनना अवॉइड करें. दर्द की गोलियों का सेवन कम करें, इनसे भी पेट में तकलीफ़ हो सकती है. स्ट्रेस को कम करने के लिए नींद पूरी लें, योगा, मेडिटेशन करें. शराब, सिगरेट, तंबाकू बंद कर दें.

डॉक्टर को कब दिखाना ज़रूरी है?

वज़न कम हो रहा है, स्टूल में खून आ रहा है या स्टूल काला हो रहा है, भूख न लगना, पेट में दर्द होना, परिवार में पेट का कैंसर या पेट से जुड़ी कोई बीमारी हो, या लाइफस्टाइल में बदलाव के दो-तीन हफ़्ते बाद भी कोई सुधार न हो तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है.

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आपका पेट हर कुछ दिनों में क्यों ख़राब हो जाता है, ये तो आप समझ ही गए होंगे. पर सबसे ज़रूरी बात. अगर लाइफस्टाइल में बदलाव करने के बाद भी आपका पेट ठीक नहीं हो रहा तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.) 

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