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सलाद से लेकर चाऊमीन तक में डलने वाली पत्तागोभी दिक्कत दे सकती है, अगर...

पत्तागोभी में मौजूद कीड़े दिमाग में जाकर न्यूरोसिस्टीसरकोसिस नाम की बीमारी कर देते हैं, जिस वजह से मरीज को मिर्गी के दौरे आते हैं.

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पत्तागोभी में मौजूद कीड़े दिमाग में जाकर न्यूरोसिस्टीसरकोसिस नाम की बीमारी कर देते हैं, जिस वजह से मरीज को मिर्गी के दौरे आते हैं.

पत्ता गोभी. अच्छी सब्ज़ी है. हेल्दी भी है. आप में से कई लोगों की फ़ेवरेट भी हो सकती है. पर जब अगली बार आप बाज़ार जाएं, पत्ता गोभी की सब्ज़ी ख़रीदने, तो आज के एपिसोड में हम जो बातें बताने वाले हैं, उनका ध्यान ज़रूर रखें. कुछ दिन पहले 'x' जिसे आप पहले ट्विटर के नाम से जानते थे, उस पर एक डॉक्टर साहब ने एक ट्वीट किया.

इसमें डॉक्टर वीएन मिश्रा ने बताया कि पत्ता गोभी के पत्तों में मौजूद कीड़े कैसे पहले आपके पेट के ज़रिए शरीर में घुसते हैं. फिर आपके दिमाग में जाकर मिर्गी का कारण बन सकते हैं. ट्वीट में डॉक्टर वीएन मिश्रा ने एक वीडियो लगाते हुए ये भी ज़िक्र किया कि पीजीआई चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजी विभाग में, डॉ मनीष मोदी ने, पंजाब व चंडीगढ़ से कई हिस्सों से पत्ता गोभी को काट कर पत्तों पर मौजूद इन कीड़ों के अंडों को जब लैब में टेस्ट किया तो पता चला कि कैसे ये हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं.

अब ये तो ध्यान देने वाली बात है. कुल मिलाकर अगर आप पत्ता गोभी खा रहे हैं, तो जागरूक होना ज़रूरी है. क्योंकि जब आप किसी रेस्टोरेंट में खाने जाते हैं या बाहर से कुछ आर्डर करते हैं, तब सलाद और ख़ासतौर पर चाइनीज़ फ़ूड में अच्छी ख़ासी मात्रा में पत्ता गोभी का इस्तेमाल हुआ होता है. आज हम डॉक्टर से जानेंगे कि पत्ते गोभी के कीड़े शरीर को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं, ये आपके दिमाग तक कैसे पहुंच जाते हैं, और इस सब्ज़ी को पकाते वक़्त किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है.

पत्ता गोभी के कीड़े शरीर को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं?

ये हमें बताया डॉ नेहा कपूर ने.

(डॉक्टर नेहा कपूर, हेड, न्यूरोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद)

पत्ता गोभी या कोई और सब्जी खाने से किसी को दिमाग में कीड़े हो सकते हैं. इस वजह से मरीज़ को मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं. पत्ता गोभी या गोभी इंडियन डाइट का हिस्सा है. साथ ही चाइनीज़ फूड और बाहर से खरीदी हुई सलाद में भी पत्ता गोभी यूज होती है. साफ़-सफ़ाई और कुछ चीजों का ध्यान नहीं रखा गया तो पत्ता गोभी खाने से बीमारियां हो सकती हैं.

पत्ता गोभी का कीड़ा दिमाग में पहुंचकर गांठ बना सकता है. इस गांठ के आसपास सूजन आ जाती है जिस वजह से कुछ लक्षण दिख सकते हैं. इस कीड़े की वजह से न्यूरोसिस्टीसरकोसिस (Neurocysticercosis) बीमारी होती है. इस बीमारी के 70 प्रतिशत मामलों में दिखने वाले आम लक्षणों में मिर्गी के दौरे हैं. इसके अलावा मरीज़ को सिर दर्द भी हो सकता है. दिमाग के जिस हिस्से में कीड़ा है, उस हिस्से में दिककतें होती हैं.

ये कीड़ा दिमाग तक कैसे पहुंचता है?

खाते हुए मुंह के ज़रिए ये कीड़ा शरीर में घुसता है. मुंह से खाने के साथ पेट में पहुंचता है. वहां से खून के ज़रिए ये दिमाग में पहुंचकर गांठ बनाता है. ये कीड़ा पत्ता गोभी और गोभी में अंडों या लार्वा के रूप में होता है. खाने के साथ ये शरीर के अंदर दाखिल होकर दिमाग में पहुंच जाता है. ये कीड़ा दिमाग के अलावा शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंचकर भी परेशानी पैदा कर सकता है. जैसे कि दिमाग से जुड़ी रीढ़ की हड्डी, आंखों और मसल्स में ये पहुंच सकता है. मसल्स में पहुंचकर ये कीड़ा न्यूरोसिस्टीसरकोसिस बीमारी करता है. अगर ये कीड़ा दिमाग में है तो मरीज को मिर्गी के दौरे और सिर दर्द होता है. ऐसे में MRI के ज़रिए मरीज के दिमाग में मौजूद कीड़े का पता लगाया जाता है.

इलाज

इस बीमारी का इलाज मौजूद है. न्यूरोसिस्टीसरकोसिस में MRI के बाद कुछ चीजों का ध्यान रखते हुए मरीज को कीड़े मारने की दवाई और स्टेरॉइड दिए जाते हैं. न्यूरोसिस्टीसरकोसिस के हर मामले में कीड़े मारने की दवाई नहीं दी जाती. जैसे कि अगर दिमाग में बहुत सारे कीड़े हैं, तब कीड़े मारने वाली दवाई नहीं दी जाती. इसके अलावा अगर दिमाग के लिक्विड में कहीं गांठ हो तब भी कीड़े मारने वाली दवाई नहीं दी जाती. ये कीड़ा दिमाग में अंडे से कीड़ा बनने तक चार स्टेज से गुजरता है.

जब कीड़ा पहली तीन स्टेज में होता है, तब ये मिर्गी और सिर दर्द के लक्षण दिखा सकता है. वहीं चौथी स्टेज में ये कीड़ा मरने लगता है, इसलिए आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते. लेकिन ये कीड़ा दिमाग में कई साल तक रह सकता है. अगर किसी के साथ ऐसी समस्या है तो समय रहते न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें और इसका इलाज कराएं. क्योंकि ये कीड़ा दिमाग में 5 से 10 साल तक जिंदा रह सकता है, इसलिए समय पर इलाज जरूरी है.

किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है?

ये बीमारी भारत और दक्षिण अमेरिका समेत उन देशों में होती है, जहां खाने की चीजों को लेकर साफ़-सफ़ाई नहीं रहती. इसलिए खाने से पहले और पकाने से पहले हाथ धोना बेहद जरूरी है. पत्ता गोभी और गोभी को पकाने से पहले अच्छे से धो लें. साथ ही इन्हें अच्छे से पकाएं, ये कच्ची या अधपकी न हो. पत्ता गोभी और गोभी अच्छे से पकाने पर कीड़े के अंडे मर जाते हैं. अगर पहले न्यूरोसिस्टीसरकोसिस की बीमारी हो चुकी है तो बाहर के खाने से बचें. कच्ची चीजें और सलाद खाने से बचें. पकी हुई सब्जियां और खाना ही खाएं. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)