नौटियाल अंकल. पापा के दोस्त थे. 50 साल के आसपास रहे होंगे जब उन्हें पहली बार हार्ट अटैक पड़ा. लेकिन उन्हें काफ़ी समय तक पता ही नहीं चल पाया कि उन्हें हार्ट अटैक पड़ रहा है. अचानक सीने में जलन शुरू हुई. फिर दर्द. सांस फूलने लगी. उल्टी महसूस होने लगी. प्रेशर बन गया. उन्हें लगा कि एसिडिटी हो रही है. चक्कर आने लगे. दर्द तेज़ी से बढ़ने लगा. अस्पताल ले जाए गए, वहां डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. लेकिन ये बात आज तक मुझे ये समझ में नहीं आई कि उन्हें ये कैसे नहीं पता चला कि हार्ट अटैक पड़ा है? फिल्मों में तो आसानी से पता चल जाता है!
नौटियाल अंकल जैसे और लोग भी कई लोग हैं, जो हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण पकड़ नहीं पाते. उसके बारे में ज़रूर बात करेंगे पर उससे पहले ये जान लेते हैं कि हार्ट अटैक आख़िर पड़ता क्यों है?
क्यों पड़ता है हार्ट अटैक?
ये हमें बताया डॉक्टर प्रफ़ुल्ल धेवले ने. दिल के डॉक्टर हैं, अर्निजा हार्ट हॉस्पिटल, नागपुर में. उन्होंने बताया, "हार्ट अटैक मतलब हार्ट में ब्लड सप्लाई करने वाली नसों में ब्लॉकेज हो जाना, जिसके कारण हार्ट के मसल में होने वाली ब्लड सप्लाई कम हो जाती है. नतीजा हार्ट की मसल डैमेज होकर मर जाती है. फिर पड़ता है हार्ट अटैक."

डॉक्टर प्रफ़ुल धेवले, दिल के डॉक्टर, अर्निजा हार्ट हॉस्पिटल, नागपुर
हार्ट अटैक की पांच मुख्य वजहें हैंः
-डायबिटीज़. शुगर ज़्यादा होना. हाई शुगर होने के कारण हार्ट की नसें डैमेज हो जाती हैं और हार्ट अटैक आ सकता है.
-हाइपर टेंशन. हाई ब्लड प्रेशर होना. बीपी जब 140/90 से ज़्यादा हो जाता है, तब हार्ट अटैक आने के चांस होते हैं.
- सिगरेट पीना. या किसी भी फॉर्म में तंबाकू का सेवन.
-हाई कॉलेस्ट्रॉल. तली हुई चीज़ें, जंक फ़ूड, पैक्ड फ़ूड, रेड मीट यानी मटन इनमें फैट ज्यादा होता है. ज्यादा फैट खाने या अनहेल्दी फैट खाने से शरीर में बैड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ता है. इससे ब्लॉकेज के चांसेस बढ़ जाते हैं.
-जेनेटिक फैक्टर. अगर परिवार में किसी को हार्ट अटैक पड़ा है तो उस परिवार में और सदस्यों में भी हार्ट अटैक पड़ने के चांसेज़ हैं
इनके अलावा स्ट्रेस एक बड़ा फैक्टर है, जिसकी वजह से लोगों में हार्ट अटैक हो सकता है.

क्या होते हैं हार्ट अटैक के लक्षण?
-छाती में दर्द होना, बीच में या फिर लेफ्ट की तरफ.
- छाती में भारीपन, दबाव महससूस होना, जलन होना.
- बाएं कंधे, बाएं बाज़ू में दर्द. गले और जबड़े में भी दर्द होता है.
-एसिडिटी जैसा लगना. पेट के उपरी हिस्से में जलन होना
- बहुत अधिक घबराहट होना, पसीना आना.
-सांस फूलना,सांस लेने में तकलीफ़ होना

लक्षण दिखें तो क्या करें?
इस बारे में हमें जानकारी दी डॉक्टर विपल सेटा ने. वो नागपुर के केयर अस्पताल में दिल के डॉक्टर हैं.
डॉक्टर विपुल कहते हैं कि अगर इनमें से कुछ भी महसूस हो रहा है तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. ईसीजी करवानी चाहिए. ईसीजी से पता चल जाता है कि हार्ट अटैक है या नहीं.
हार्ट अटैक का पता चलने के बाद क्या?
अगर हार्ट में ब्लॉकेज है तो वो खोलना ज़रूरी है, ताकि हार्ट में खून की सप्लाई हो सके. इसके लिए डॉक्टर दो तरीके अपनाते हैं. पहला, इंजेक्शन देकर ब्लॉकेज को पिघलाने का. दूसरा इमरजेंसी में एंजियोग्राफी करके ब्लॉक को एंजियोप्लास्टी करके खोल दिया जाए. एंजियोप्लास्टी वाला तरीका ज्यादा बेहतर है. एंजियोग्राफी करने से पहले मरीज के बहुत सारे टेस्ट किए जाते हैं, जैसे एक्स-रे, सी.टी. स्कैन, ब्लड टेस्ट, किडनी की जांच.

डॉक्टर विपुल सेटा, दिल के डॉक्टर, केयर हॉस्पिटल, नागपुर
हार्ट अटैक के बाद क्या ध्यान रखा जाए
-अपना वज़न कम करें
-खानपान पर ध्यान दें
-एक्सरसाइज़ करें
-स्मोकिंग बंद करें
-शराब का सेवन बंद करें
-कॉलेस्ट्रॉल युक्त चीज़ें कम खाएं
- दवाइयां टाइम पर लें
तो ये थी डॉक्टर्स की सलाह. अपना और अपने दिल का खूब ख्याल रखें. ज़िंदा रहने के लिए ये सबसे ज़रूरी है.
वीडियो