पहले आप वो वीडियो देख लीजिए :
इस वीडियो में डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा दिखाई दे रही हैं. उनकी झड़प होती है बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं से. इसी बीच कोई उनके बाल खींच लेता है.
19 जनवरी को मध्य प्रदेश के राजगढ़ में रैली निकाली गई. CAA के समर्थन में.भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ये रैली निकाली थी, और इसे तिरंगा यात्रा नाम दिया था. शनिवार 18 जनवरी से वहां पर धारा 144 लगी हुई है. यानी एक समय में चार से ज्यादा लोग एक साथ किसी पब्लिक प्लेस में जुट नहीं सकते. अब इस रैली में निकलने वाली भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस तैनात की गई थी. जब पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की, तो कार्यकर्ता वहीं बैठ गए.
इस कोशिश में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. इसी झड़प में लोगों को कंट्रोल करने और उन्हें मौके पर से हटाने की कोशिश में DM और डिप्टी कलेक्टर लगी हुई थीं जिसके वीडियो वायरल हुए.
कौन हैं इस तस्वीर में दिखाई दे रही महिला अधिकारी?
1. प्रिया वर्मा:

इंदौर के मांगलिया गांव से हैं. 2014 में भी उन्होंने MPPSC (Madhya pradesh Public Service Commission- मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग) की परीक्षा दी थी. उसके बाद उनकी पोस्टिंग भैरवगढ़ जेल में बतौर जेलर हुई थी. उसके बाद 2017 में उन्होंने फिर से परीक्षा दी, चौथी रैंक आई. इसके बाद डिप्टी कलेक्टर के पद पर उनका चयन हुआ.
प्रिया वर्मा के इस वीडियो के वायरल होने के बाद #प्रियावर्माजिंदाबाद और #Terminate_Priya_Verma दोनों ही हैशटैग चल रहे हैं सोशल मीडिया पर.
2. निधि निवेदिता:

2012 के बीच की IAS ऑफिसर हैं. झारखंड के सिंदरी से हैं. 2013-2014 तक झाबुआ की असिस्टेंट कलेक्टर रह चुकी हैं. इस मामले से पहले भी चर्चा में रही हैं. जब सिंगरौली जिले में जिला पंचायत CEO (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) के तौर पर तैनात थीं, तब वहां के पंचायत सचिव ने घपला किया था. बिना शौचालय बनाए उसकी फोटो दिखा दी थी. उसके बाद सचिव से उन्होंने उठक-बैठक करवाई थी. ये वीडियो मई 2016 में वायरल हुआ था.
निधि निवेदिता तब भी ख़बरों में आई थीं जब राजगढ़ में एक लड़की कविता दांगी को बी पॉजिटिव खून की ज़रूरत थी. लेकिन वहां के ब्लड बैंक में बी पॉजिटिव खून अवेलेबल नहीं था. उसके पिता ने फेसबुक पर पोस्ट डाली, उसे देखकर निधि ने अस्पताल जाकर ब्लड डोनेट किया. उनके इस काम की काफी तारीफ़ हुई थी.
अब क्या हो रहा है?
इन वीडियोज के वायरल होने के बाद प्रिया वर्मा और निधि निवेदिता दोनों के ही समर्थन और विरोध में ट्वीट किए जा रहे हैं. प्रिय वर्मा को पद से हटाने की मांग भी कर रहे हैं लोग सोशल मीडिया पर.
इस पूरे मामले पर प्रशासन का क्या कहना है?
DM निधि निवेदिता ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया,
रैली निकालने की परमिशन नहीं दी गई थी. फिर भी 50 से 100 लोग मार्च निकाल रहे थे. उन्हें रोका गया तो हमारी दोनों महिला अफसरों के साथ बदतमीजी की, उनके कपड़े खींचने की कोशिश की. SDM को लात भी मारी.ANI के मुताबिक पुलिस ने 124 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. 17 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है.
इस पूरे मामले को लेकर मध्य –प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया:
तो फ़िलहाल बीजेपी ने ये ठान ली है कि इस मौके को वो छोड़ेंगे नहीं. छोड़ना भी नहीं चाहिए, आखिर विपक्ष का यही फ़र्ज़ होता है. लेकिन सबके अपने सच अलग होते हैं और किसका सच 'सच' है, ये पुलिस जांच में ही पता चलेगा. FIR के बाद.
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